REVELATION OF JOHN
Chapter 15
Reve | UrduGeoD | 15:1 | फिर मैंने आसमान पर एक और इलाही निशान देखा, जो अज़ीम और हैरतअंगेज़ था। सात फ़रिश्ते सात आख़िरी बलाएँ अपने पास रखकर खड़े थे। इनसे अल्लाह का ग़ज़ब तकमील तक पहुँच गया। | |
Reve | UrduGeoD | 15:2 | मैंने शीशे का-सा एक समुंदर भी देखा जिसमें आग मिलाई गई थी। इस समुंदर के पास वह खड़े थे जो हैवान, उसके मुजस्समे और उसके नाम के नंबर पर ग़ालिब आ गए थे। वह अल्लाह के दिए हुए सरोद पकड़े | |
Reve | UrduGeoD | 15:3 | अल्लाह के ख़ादिम मूसा और लेले का गीत गा रहे थे, “ऐ रब क़ादिरे-मुतलक़ ख़ुदा, तेरे काम कितने अज़ीम और हैरतअंगेज़ हैं। ऐ ज़मानों के बादशाह, तेरी राहें कितनी रास्त और सच्ची हैं। | |
Reve | UrduGeoD | 15:4 | ऐ रब, कौन तेरा ख़ौफ़ नहीं मानेगा? कौन तेरे नाम को जलाल नहीं देगा? क्योंकि तू ही क़ुद्दूस है। तमाम क़ौमें आकर तेरे हुज़ूर सिजदा करेंगी, क्योंकि तेरे रास्त काम ज़ाहिर हो गए हैं।” | |
Reve | UrduGeoD | 15:5 | इसके बाद मैंने देखा कि अल्लाह के घर यानी आसमान पर के शरीअत के ख़ैमे को खोल दिया गया। | |
Reve | UrduGeoD | 15:6 | अल्लाह के घर से वह सात फ़रिश्ते निकल आए जिनके पास सात बलाएँ थीं। उनके कतान के कपड़े साफ़-सुथरे और चमक रहे थे। यह कपड़े सीनों पर सोने के कमरबंद से बँधे हुए थे। | |
Reve | UrduGeoD | 15:7 | फिर चार जानदारों में से एक ने इन सात फ़रिश्तों को सोने के सात प्याले दिए। यह प्याले उस ख़ुदा के ग़ज़ब से भरे हुए थे जो अज़ल से अबद तक ज़िंदा है। | |