Site uses cookies to provide basic functionality.

OK
II CHRONICLES
Prev Up Next Toggle notes
Chapter 16
II C UrduGeoD 16:1  आसा की हुकूमत के 36वें साल में इसराईल के बादशाह बाशा ने यहूदाह पर हमला करके रामा शहर की क़िलाबंदी की। मक़सद यह था कि न कोई यहूदाह के मुल्क में दाख़िल हो सके, न कोई वहाँ से निकल सके।
II C UrduGeoD 16:2  जवाब में आसा ने शाम के बादशाह बिन-हदद के पास वफ़द भेजा जिसका दारुल-हुकूमत दमिश्क़ था। उसने रब के घर और शाही महल के ख़ज़ानों की सोना-चाँदी वफ़द के सुपुर्द करके दमिश्क़ के बादशाह को पैग़ाम भेजा,
II C UrduGeoD 16:3  “मेरा आपके साथ अहद है जिस तरह मेरे बाप का आपके बाप के साथ अहद था। गुज़ारिश है कि आप सोने-चाँदी का यह तोह्फ़ा क़बूल करके इसराईल के बादशाह बाशा के साथ अपना अहद मनसूख़ कर दें ताकि वह मेरे मुल्क से निकल जाए।”
II C UrduGeoD 16:4  बिन-हदद मुत्तफ़िक़ हुआ। उसने अपने फ़ौजी अफ़सरों को इसराईल के शहरों पर हमला करने के लिए भेज दिया तो उन्होंने ऐय्यून, दान, अबील-मायम और नफ़ताली के उन तमाम शहरों पर क़ब्ज़ा कर लिया जिनमें शाही गोदाम थे।
II C UrduGeoD 16:5  जब बाशा को इसकी ख़बर मिली तो उसने रामा की क़िलाबंदी करने से बाज़ आकर अपनी यह मुहिम छोड़ दी।
II C UrduGeoD 16:6  फिर आसा बादशाह ने यहूदाह के तमाम मर्दों की भरती करके उन्हें रामा भेज दिया ताकि वह उन तमाम पत्थरों और शहतीरों को उठाकर ले जाएँ जिनसे बाशा बादशाह रामा की क़िलाबंदी करना चाहता था। इस सामान से आसा ने जिबा और मिसफ़ाह शहरों की क़िलाबंदी की।
II C UrduGeoD 16:7  उस वक़्त हनानी ग़ैबबीन यहूदाह के बादशाह आसा को मिलने आया। उसने कहा, “अफ़सोस कि आपने रब अपने ख़ुदा पर एतमाद न किया बल्कि अराम के बादशाह पर, क्योंकि इसका बुरा नतीजा निकला है। रब शाम के बादशाह की फ़ौज को आपके हवाले करने के लिए तैयार था, लेकिन अब यह मौक़ा जाता रहा है।
II C UrduGeoD 16:8  क्या आप भूल गए हैं कि एथोपिया और लिबिया की कितनी बड़ी फ़ौज आपसे लड़ने आई थी? उनके साथ कसरत के रथ और घुड़सवार भी थे। लेकिन उस वक़्त आपने रब पर एतमाद किया, और जवाब में उसने उन्हें आपके हवाले कर दिया।
II C UrduGeoD 16:9  रब तो अपनी नज़र पूरी रूए-ज़मीन पर दौड़ाता रहता है ताकि उनकी तक़वियत करे जो पूरी वफ़ादारी से उससे लिपटे रहते हैं। आपकी अहमक़ाना हरकत की वजह से आपको अब से मुतवातिर जंगें तंग करती रहेंगी।”
II C UrduGeoD 16:10  यह सुनकर आसा ग़ुस्से से लाल-पीला हो गया। आपे से बाहर होकर उसने हुक्म दिया कि नबी को गिरिफ़्तार करके उसके पाँव काठ में ठोंको। उस वक़्त से आसा अपनी क़ौम के कई लोगों पर ज़ुल्म करने लगा।
II C UrduGeoD 16:11  बाक़ी जो कुछ शुरू से लेकर आख़िर तक आसा की हुकूमत के दौरान हुआ वह ‘शाहाने-यहूदाहो-इसराईल की तारीख़’ की किताब में बयान किया गया है।
II C UrduGeoD 16:12  हुकूमत के 39वें साल में उसके पाँवों को बीमारी लग गई। गो उस की बुरी हालत थी तो भी उसने रब को तलाश न किया बल्कि सिर्फ़ डाक्टरों के पीछे पड़ गया।
II C UrduGeoD 16:13  हुकूमत के 41वें साल में आसा मरकर अपने बापदादा से जा मिला।
II C UrduGeoD 16:14  उसने यरूशलम के उस हिस्से में जो ‘दाऊद का शहर’ कहलाता है अपने लिए चटान में क़ब्र तराशी थी। अब उसे इसमें दफ़न किया गया। जनाज़े के वक़्त लोगों ने लाश को एक पलंग पर लिटा दिया जो बलसान के तेल और मुख़्तलिफ़ क़िस्म के ख़ुशबूदार मरहमों से ढाँपा गया था। फिर उसके एहतराम में लकड़ी का ज़बरदस्त ढेर जलाया गया।