Chapter 1
II J | UrduGeoD | 1:1 | यह ख़त बुज़ुर्ग यूहन्ना की तरफ़ से है। मैं चुनीदा ख़ातून और उसके बच्चों को लिख रहा हूँ जिन्हें मैं सच्चाई से प्यार करता हूँ, और न सिर्फ़ मैं बल्कि सब जो सच्चाई को जानते हैं। | |
II J | UrduGeoD | 1:3 | ख़ुदा बाप और बाप का फ़रज़ंद ईसा मसीह हमें फ़ज़ल, रहम और सलामती अता करे। और यह चीज़ें सच्चाई और मुहब्बत की रूह में हमें हासिल हों। | |
II J | UrduGeoD | 1:4 | मैं निहायत ही ख़ुश हुआ कि मैंने आपके बच्चों में से बाज़ ऐसे पाए जो उसी तरह सच्चाई में चलते हैं जिस तरह ख़ुदा बाप ने हमें हुक्म दिया था। | |
II J | UrduGeoD | 1:5 | और अब अज़ीज़ ख़ातून, मैं आपसे दरख़ास्त करता हूँ कि आएँ, हम सब एक दूसरे से मुहब्बत रखें। यह कोई नया हुक्म नहीं है जो मैं आपको लिख रहा हूँ बल्कि वही जो हमें शुरू ही से मिला है। | |
II J | UrduGeoD | 1:6 | मुहब्बत का मतलब यह है कि हम उसके अहकाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारें। जिस तरह आपने शुरू ही से सुना है, उसका हुक्म यह है कि आप मुहब्बत की रूह में चलें। | |
II J | UrduGeoD | 1:7 | क्योंकि बहुत-से ऐसे लोग दुनिया में निकल खड़े हुए हैं जो आपको सहीह राह से हटाने की कोशिश में लगे रहते हैं। यह लोग नहीं मानते कि ईसा मसीह मुजस्सम होकर आया है। हर ऐसा शख़्स फ़रेब देनेवाला और मुख़ालिफ़े-मसीह है। | |
II J | UrduGeoD | 1:8 | चुनाँचे ख़बरदार रहें। ऐसा न हो कि आपने जो कुछ मेहनत करके हासिल किया है वह जाता रहे बल्कि ख़ुदा करे कि आपको इसका पूरा अज्र मिल जाए। | |
II J | UrduGeoD | 1:9 | जो भी मसीह की तालीम पर क़ायम नहीं रहता बल्कि इससे आगे निकल जाता है उसके पास अल्लाह नहीं। जो मसीह की तालीम पर क़ायम रहता है उसके पास बाप भी है और फ़रज़ंद भी। | |
II J | UrduGeoD | 1:10 | चुनाँचे अगर कोई आपके पास आकर यह तालीम पेश नहीं करता तो न उसे अपने घरों में आने दें, न उसको सलाम करें। | |
II J | UrduGeoD | 1:11 | क्योंकि जो उसके लिए सलामती की दुआ करता है वह उसके शरीर कामों में शरीक हो जाता है। | |
II J | UrduGeoD | 1:12 | मैं आपको बहुत कुछ बताना चाहता हूँ, लेकिन काग़ज़ और स्याही के ज़रीए नहीं। इसके बजाए मैं आपसे मिलने और आपके रूबरू बात करने की उम्मीद रखता हूँ। फिर हमारी ख़ुशी मुकम्मल हो जाएगी। | |