ZECHARIAH
Chapter 5
Zech | UrduGeoD | 5:2 | फ़रिश्ते ने पूछा, “तुझे क्या नज़र आता है?” मैंने जवाब दिया, “एक उड़ता हुआ तूमार जो 30 फ़ुट लंबा और 15 फ़ुट चौड़ा है।” | |
Zech | UrduGeoD | 5:3 | वह बोला, “इससे मुराद एक लानत है जो पूरे मुल्क पर भेजी जाएगी। इस तूमार के एक तरफ़ लिखा है कि हर चोर को मिटा दिया जाएगा और दूसरी तरफ़ यह कि झूटी क़सम खानेवाले को नेस्त किया जाएगा। | |
Zech | UrduGeoD | 5:4 | रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, ‘मैं यह भेजूँगा तो चोर और मेरे नाम की झूटी क़सम खानेवाले के घर में लानत दाख़िल होगी और उसके बीच में रहकर उसे लकड़ी और पत्थर समेत तबाह कर देगी’।” | |
Zech | UrduGeoD | 5:5 | जो फ़रिश्ता मुझसे बात कर रहा था उसने आकर मुझसे कहा, “अपनी निगाह उठाकर वह देख जो निकलकर आ रहा है।” | |
Zech | UrduGeoD | 5:6 | मैंने पूछा, “यह क्या है?” उसने जवाब दिया, “यह अनाज की पैमाइश करने की टोकरी है। यह पूरे मुल्क में नज़र आती है।” | |
Zech | UrduGeoD | 5:8 | फ़रिश्ता बोला, “इस औरत से मुराद बेदीनी है।” उसने औरत को धक्का देकर टोकरी में वापस कर दिया और सीसे का ढकना ज़ोर से बंद कर दिया। | |
Zech | UrduGeoD | 5:9 | मैंने दुबारा अपनी नज़र उठाई तो दो औरतों को देखा। उनके लक़लक़ के-से पर थे, और उड़ते वक़्त हवा उनके साथ थी। टोकरी के पास पहुँचकर वह उसे उठाकर आसमानो-ज़मीन के दरमियान ले गईं। | |
Zech | UrduGeoD | 5:10 | जो फ़रिश्ता मुझसे गुफ़्तगू कर रहा था उससे मैंने पूछा, “औरतें टोकरी को किधर ले जा रही हैं?” | |