AMOS
Chapter 4
Amos | UrduGeoD | 4:1 | ऐ कोहे-सामरिया की मोटी-ताज़ी गायो, सुनो मेरी बात! तुम ग़रीबों पर ज़ुल्म करती और ज़रूरतमंदों को कुचल देती, तुम अपने शौहरों को कहती हो, “जाकर मै ले आओ, हम और पीना चाहती हैं।” | |
Amos | UrduGeoD | 4:2 | रब ने अपनी क़ुद्दूसियत की क़सम खाकर फ़रमाया है, “वह दिन आनेवाला है जब दुश्मन तुम्हें काँटों के ज़रीए घसीटकर अपने साथ ले जाएगा। जो बचेगा उसे मछली के काँटे से पकड़ा जाएगा। | |
Amos | UrduGeoD | 4:3 | हर एक को फ़सील के रख़नों में से सीधा निकलना पड़ेगा, हर एक को हरमून पहाड़ की तरफ़ भगा दिया जाएगा।” यह रब का फ़रमान है। | |
Amos | UrduGeoD | 4:4 | “चलो, बैतेल जाकर गुनाह करो, जिलजाल जाकर अपने गुनाहों में इज़ाफ़ा करो! सुबह के वक़्त अपनी क़ुरबानियों को चढ़ाओ, तीसरे दिन आमदनी का दसवाँ हिस्सा पेश करो। | |
Amos | UrduGeoD | 4:5 | ख़मीरी रोटी जलाकर अपनी शुक्रगुज़ारी का इज़हार करो, बुलंद आवाज़ से उन क़ुरबानियों का एलान करो जो तुम अपनी ख़ुशी से अदा कर रहे हो। क्योंकि ऐसी हरकतें तुम इसराईलियों को बहुत पसंद हैं।” यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
Amos | UrduGeoD | 4:6 | रब फ़रमाता है, “मैंने काल पड़ने दिया। हर शहर और आबादी में रोटी ख़त्म हुई। तो भी तुम मेरे पास वापस नहीं आए! | |
Amos | UrduGeoD | 4:7 | अभी फ़सल के पकने तक तीन माह बाक़ी थे कि मैंने तुम्हारे मुल्क में बारिशों को रोक दिया। मैंने होने दिया कि एक शहर में बारिश हुई जबकि साथवाला शहर उससे महरूम रहा, एक खेत बारिश से सेराब हुआ जबकि दूसरा झुलस गया। | |
Amos | UrduGeoD | 4:8 | जिस शहर में थोड़ा-बहुत पानी बाक़ी था वहाँ दीगर कई शहरों के बाशिंदे लड़खड़ाते हुए पहुँचे, लेकिन उनके लिए काफ़ी नहीं था। तो भी तुम मेरे पास वापस न आए!” यह रब का फ़रमान है। | |
Amos | UrduGeoD | 4:9 | रब फ़रमाता है, “मैंने तुम्हारी फ़सलों को पतरोग और फफूँदी से तबाह कर दिया। जो भी तुम्हारे मुतअद्दिद अंगूर, अंजीर, ज़ैतून और बाक़ी फल के बाग़ों में उगता था उसे टिड्डियाँ खा गईं। तो भी तुम मेरे पास वापस न आए!” | |
Amos | UrduGeoD | 4:10 | रब फ़रमाता है, “मैंने तुम्हारे दरमियान ऐसी मोहलक बीमारी फैला दी जैसी क़दीम ज़माने में मिसर में फैल गई थी। तुम्हारे नौजवानों को मैंने तलवार से मार डाला, तुम्हारे घोड़े तुमसे छीन लिए गए। तुम्हारी लशकरगाहों में लाशों का ताफ़्फ़ुन इतना फैल गया कि तुम बहुत तंग हुए। तो भी तुम मेरे पास वापस न आए।” | |
Amos | UrduGeoD | 4:11 | रब फ़रमाता है, “मैंने तुम्हारे दरमियान ऐसी तबाही मचाई जैसी उस दिन हुई जब मैंने सदूम और अमूरा को तबाह किया। तुम्हारी हालत बिलकुल उस लकड़ी की मानिंद थी जो आग से निकालकर बचाई तो गई लेकिन फिर भी काफ़ी झुलस गई थी। तो भी तुम वापस न आए। | |
Amos | UrduGeoD | 4:12 | चुनाँचे ऐ इसराईल, अब मैं आइंदा भी तेरे साथ ऐसा ही करूँगा। और चूँकि मैं तेरे साथ ऐसा करूँगा, इसलिए अपने ख़ुदा से मिलने के लिए तैयार हो जा, ऐ इसराईल!” | |