Site uses cookies to provide basic functionality.

OK
DANIEL
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12
Prev Up Next Toggle notes
Chapter 12
Dani UrduGeoD 12:1  उस वक़्त फ़रिश्तों का अज़ीम सरदार मीकाएल उठ खड़ा होगा, वह जो तेरी क़ौम की शफ़ाअत करता है। मुसीबत का ऐसा वक़्त होगा कि क़ौमों के पैदा होने से लेकर उस वक़्त तक नहीं हुआ होगा। लेकिन साथ साथ तेरी क़ौम को नजात मिलेगी। जिसका भी नाम अल्लाह की किताब में दर्ज है वह नजात पाएगा।
Dani UrduGeoD 12:2  तब ख़ाक में सोए हुए मुतअद्दिद लोग जाग उठेंगे, कुछ अबदी ज़िंदगी पाने के लिए और कुछ अबदी रुसवाई और घिन का निशाना बनने के लिए।
Dani UrduGeoD 12:3  जो समझदार हैं वह आसमान की आबो-ताब की मानिंद चमकेंगे, और जो बहुतों को रास्त राह पर लाए हैं वह हमेशा तक सितारों की तरह जगमगाएँगे।
Dani UrduGeoD 12:4  लेकिन तू, ऐ दानियाल, इन बातों को छुपाए रख! इस किताब पर आख़िरी वक़्त तक मुहर लगा दे! बहुत लोग इधर उधर घूमते फिरेंगे, और इल्म में इज़ाफ़ा होता जाएगा।”
Dani UrduGeoD 12:5  फिर मैं, दानियाल ने दरिया के पास दो आदमियों को देखा। एक इस किनारे पर खड़ा था जबकि दूसरा दूसरे किनारे पर।
Dani UrduGeoD 12:6  कतान से मुलब्बस आदमी बहते हुए पानी के ऊपर था। किनारों पर खड़े आदमियों में से एक ने उससे पूछा, “इन हैरतअंगेज़ बातों की तकमील तक मज़ीद कितनी देर लगेगी?”
Dani UrduGeoD 12:7  कतान से मुलब्बस आदमी ने दोनों हाथ आसमान की तरफ़ उठाए और अबद तक ज़िंदा ख़ुदा की क़सम खाकर बोला, “पहले एक अरसा, फिर दो अरसे, फिर आधा अरसा गुज़रेगा। पहले मुक़द्दस क़ौम की ताक़त को पाश पाश करने का सिलसिला इख़्तिताम पर पहुँचना है। इसके बाद ही यह तमाम बातें तकमील तक पहुँचेंगी।”
Dani UrduGeoD 12:8  गो मैंने उस की यह बात सुनी, लेकिन वह मेरी समझ में न आई। चुनाँचे मैंने पूछा, “मेरे आक़ा, इन तमाम बातों का क्या अंजाम होगा?”
Dani UrduGeoD 12:9  वह बोला, “ऐ दानियाल, अब चला जा! क्योंकि इन बातों को आख़िरी वक़्त तक छुपाए रखना है। उस वक़्त तक इन पर मुहर लगी रहेगी।
Dani UrduGeoD 12:10  बहुतों को आज़माकर पाक-साफ़ और ख़ालिस किया जाएगा। लेकिन बेदीन बेदीन ही रहेंगे। कोई भी बेदीन यह नहीं समझेगा, लेकिन समझदारों को समझ आएगी।
Dani UrduGeoD 12:11  जिस वक़्त से रोज़ाना की क़ुरबानी का इंतज़ाम बंद किया जाएगा और तबाही के मकरूह बुत को मक़दिस में खड़ा किया जाएगा उस वक़्त से 1,290 दिन गुज़रेंगे।
Dani UrduGeoD 12:12  जो सब्र करके 1,335 दिनों के इख़्तिताम तक क़ायम रहे वह मुबारक है!
Dani UrduGeoD 12:13  जहाँ तक तेरा ताल्लुक़ है, आख़िरी वक़्त की तरफ़ बढ़ता चला जा! तू आराम करेगा और फिर दिनों के इख़्तिताम पर जी उठकर अपनी मीरास पाएगा।”