DANIEL
Chapter 9
Dani | UrduGeoD | 9:2 | की हुकूमत के पहले साल में मैं, दानियाल ने पाक नविश्तों की तहक़ीक़ की। मैंने ख़ासकर उस पर ग़ौर किया जो रब ने यरमियाह नबी की मारिफ़त फ़रमाया था। उसके मुताबिक़ यरूशलम की तबाहशुदा हालत 70 साल तक क़ायम रहेगी। | |
Dani | UrduGeoD | 9:3 | चुनाँचे मैंने रब अपने ख़ुदा की तरफ़ रुजू किया ताकि अपनी दुआ और इल्तिजाओं से उस की मरज़ी दरियाफ़्त करूँ। साथ साथ मैंने रोज़ा रखा, टाट का लिबास ओढ़ लिया और अपने सर पर राख डाल ली। | |
Dani | UrduGeoD | 9:4 | मैंने रब अपने ख़ुदा से दुआ करके इक़रार किया, “ऐ रब, तू कितना अज़ीम और महीब ख़ुदा है! जो भी तुझे प्यार करता और तेरे अहकाम के ताबे रहता है उसके साथ तू अपना अहद क़ायम रखता और उस पर मेहरबानी करता है। | |
Dani | UrduGeoD | 9:5 | लेकिन हमने गुनाह और बदी की है। हम बेदीन और बाग़ी होकर तेरे अहकाम और हिदायात से भटक गए हैं। | |
Dani | UrduGeoD | 9:6 | हमने नबियों की नहीं सुनी, हालाँकि तेरे ख़ादिम तेरा नाम लेकर हमारे बादशाहों, बुज़ुर्गों, बापदादा बल्कि मुल्क के तमाम बाशिंदों से मुख़ातिब हुए। | |
Dani | UrduGeoD | 9:7 | ऐ रब, तू हक़-बजानिब है जबकि इस दिन हम सब शर्मसार हैं, ख़ाह यहूदाह, यरूशलम या इसराईल के हों, ख़ाह क़रीब या उन तमाम दूर-दराज़ ममालिक में रहते हों जहाँ तूने हमें हमारी बेवफ़ाई के सबब से मुंतशिर कर दिया है। क्योंकि हम तेरे ही साथ बेवफ़ा रहे हैं। | |
Dani | UrduGeoD | 9:8 | ऐ रब, हम अपने बादशाहों, बुज़ुर्गों और बापदादा समेत बहुत शर्मसार हैं, क्योंकि हमने तेरा ही गुनाह किया है। | |
Dani | UrduGeoD | 9:10 | न हम रब अपने ख़ुदा के ताबे रहे, न उसके उन अहकाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारी जो उसने हमें अपने ख़ादिमों यानी नबियों की मारिफ़त दिए थे। | |
Dani | UrduGeoD | 9:11 | तमाम इसराईल तेरी शरीअत की ख़िलाफ़वरज़ी करके सहीह राह से भटक गया है, कोई तेरी सुनने के लिए तैयार नहीं था। अल्लाह के ख़ादिम मूसा ने शरीअत में क़सम खाकर लानतें भेजी थीं, और अब यह लानतें हम पर नाज़िल हुई हैं, इसलिए कि हमने तेरा गुनाह किया। | |
Dani | UrduGeoD | 9:12 | जो कुछ तूने हमारे और हमारे हुक्मरानों के ख़िलाफ़ फ़रमाया था वह पूरा हुआ, और हम पर बड़ी आफ़त आई। आसमान तले कहीं भी ऐसी मुसीबत नहीं आई जिस तरह यरूशलम को पेश आई है। | |
Dani | UrduGeoD | 9:13 | मूसा की शरीअत में मज़कूर हर वह लानत हम पर नाज़िल हुई जो नाफ़रमानों पर भेजी गई है। तो भी न हमने अपने गुनाहों को छोड़ा, न तेरी सच्चाई पर ध्यान दिया, हालाँकि इससे हम रब अपने ख़ुदा का ग़ज़ब ठंडा कर सकते थे। | |
Dani | UrduGeoD | 9:14 | इसी लिए रब हम पर आफ़त लाने से न झिजका। क्योंकि जो कुछ भी रब हमारा ख़ुदा करता है उसमें वह हक़-बजानिब होता है। लेकिन हमने उस की न सुनी। | |
Dani | UrduGeoD | 9:15 | ऐ रब हमारे ख़ुदा, तू बड़ी क़ुदरत का इज़हार करके अपनी क़ौम को मिसर से निकाल लाया। यों तेरे नाम को वह इज़्ज़तो-जलाल मिला जो आज तक क़ायम रहा है। इसके बावुजूद हमने गुनाह किया, हमसे बेदीन हरकतें सरज़द हुई हैं। | |
Dani | UrduGeoD | 9:16 | ऐ रब, तू अपने मुंसिफ़ाना कामों में वफ़ादार रहा है! अब भी इसका लिहाज़ कर और अपने सख़्त ग़ज़ब को अपने शहर और मुक़द्दस पहाड़ यरूशलम से दूर कर! यरूशलम और तेरी क़ौम गिर्दो-नवाह की क़ौमों के लिए मज़ाक़ का निशाना बन गई है, गो हम मानते हैं कि यह हमारे गुनाहों और हमारे बापदादा की ख़ताओं की वजह से हो रहा है। | |
Dani | UrduGeoD | 9:17 | ऐ हमारे ख़ुदा, अब अपने ख़ादिम की दुआओं और इल्तिजाओं को सुन! ऐ रब, अपनी ही ख़ातिर अपने तबाहशुदा मक़दिस पर अपने चेहरे का मेहरबान नूर चमका। | |
Dani | UrduGeoD | 9:18 | ऐ मेरे ख़ुदा, कान लगाकर मेरी सुन! अपनी आँखें खोल! उस शहर के खंडरात पर नज़र कर जिस पर तेरे ही नाम का ठप्पा लगा है। हम इसलिए तुझसे इल्तिजाएँ नहीं कर रहे कि हम रास्तबाज़ हैं बल्कि इसलिए कि तू निहायत मेहरबान है। | |
Dani | UrduGeoD | 9:19 | ऐ रब, हमारी सुन! ऐ रब, हमें मुआफ़ कर! ऐ मेरे ख़ुदा, अपनी ख़ातिर देर न कर, क्योंकि तेरे शहर और क़ौम पर तेरे ही नाम का ठप्पा लगा है।” | |
Dani | UrduGeoD | 9:20 | यों मैं दुआ करता और अपने और अपनी क़ौम इसराईल के गुनाहों का इक़रार करता गया। मैं ख़ासकर अपने ख़ुदा के मुक़द्दस पहाड़ यरूशलम के लिए रब अपने ख़ुदा के हुज़ूर फ़रियाद कर रहा था। | |
Dani | UrduGeoD | 9:21 | मैं दुआ कर ही रहा था कि जिबराईल जिसे मैंने दूसरी रोया में देखा था मेरे पास आ पहुँचा। रब के घर में शाम की क़ुरबानी पेश करने का वक़्त था। मैं बहुत ही थक गया था। | |
Dani | UrduGeoD | 9:23 | ज्योंही तू दुआ करने लगा तो अल्लाह ने जवाब दिया, क्योंकि तू उस की नज़र में गिराँक़दर है। मैं तुझे यह जवाब सुनाने आया हूँ। अब ध्यान से रोया को समझ ले! | |
Dani | UrduGeoD | 9:24 | तेरी क़ौम और तेरे मुक़द्दस शहर के लिए 70 हफ़ते मुक़र्रर किए गए हैं ताकि उतने में जरायम और गुनाहों का सिलसिला ख़त्म किया जाए, क़ुसूर का कफ़्फ़ारा दिया जाए, अबदी रास्ती क़ायम की जाए, रोया और पेशगोई की तसदीक़ की जाए और मुक़द्दसतरीन जगह को मसह करके मख़सूसो-मुक़द्दस किया जाए। | |
Dani | UrduGeoD | 9:25 | अब जान ले और समझ ले कि यरूशलम को दुबारा तामीर करने का हुक्म दिया जाएगा, लेकिन मज़ीद सात हफ़ते गुज़रेंगे, फिर ही अल्लाह एक हुक्मरान को इस काम के लिए चुनकर मसह करेगा। तब शहर को 62 हफ़तों के अंदर चौकों और ख़ंदक़ों समेत नए सिरे से तामीर किया जाएगा, गो इस दौरान वह काफ़ी मुसीबत से दोचार होगा। | |
Dani | UrduGeoD | 9:26 | इन 62 हफ़तों के बाद अल्लाह के मसह किए गए बंदे को क़त्ल किया जाएगा, और उसके पास कुछ भी नहीं होगा। उस वक़्त एक और हुक्मरान की क़ौम आकर शहर और मक़दिस को तबाह करेगी। इख़्तिताम सैलाब की सूरत में आएगा, और आख़िर तक जंग जारी रहेगी, ऐसी तबाही होगी जिसका फ़ैसला हो चुका है। | |
Dani | UrduGeoD | 9:27 | एक हफ़ते तक यह हुक्मरान मुतअद्दिद लोगों को एक अहद के तहत रहने पर मजबूर करेगा। इस हफ़ते के बीच में वह ज़बह और ग़ल्ला की क़ुरबानियों का इंतज़ाम बंद करेगा और मक़दिस के एक तरफ़ वह कुछ खड़ा करेगा जो बेहुरमती और तबाही का बाइस है। लेकिन तबाह करनेवाले का ख़ातमा भी मुक़र्रर किया गया है, और आख़िरकार वह भी तबाह हो जाएगा।” | |