EZEKIEL
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Chapter 15
Ezek | UrduGeoD | 15:2 | “ऐ आदमज़ाद, अंगूर की बेल की लकड़ी किस लिहाज़ से जंगल की दीगर लकड़ियों से बेहतर है? | |
Ezek | UrduGeoD | 15:3 | क्या यह किसी काम आ जाती है? क्या यह कम अज़ कम खूँटियाँ बनाने के लिए इस्तेमाल हो सकती है जिनसे चीज़ें लटकाई जा सकें? हरगिज़ नहीं! | |
Ezek | UrduGeoD | 15:4 | उसे ईंधन के तौर पर आग में फेंका जाता है। इसके बाद जब उसके दोनों सिरे भस्म हुए हैं और बीच में भी आग लग गई है तो क्या वह किसी काम आ जाती है? | |
Ezek | UrduGeoD | 15:5 | आग लगने से पहले भी बेकार थी, तो अब वह किस काम आएगी जब उसके दोनों सिरे भस्म हुए हैं बल्कि बीच में भी आग लग गई है? | |
Ezek | UrduGeoD | 15:6 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि यरूशलम के बाशिंदे अंगूर की बेल की लकड़ी जैसे हैं जिन्हें मैं जंगल के दरख़्तों के दरमियान से निकालकर आग में फेंक देता हूँ। | |
Ezek | UrduGeoD | 15:7 | क्योंकि मैं उनके ख़िलाफ़ उठ खड़ा हूँगा। गो वह आग से बच निकले हैं तो भी आख़िरकार आग ही उन्हें भस्म करेगी। जब मैं उनके ख़िलाफ़ उठ खड़ा हूँगा तो तुम जान लोगे कि मैं ही रब हूँ। | |