EZEKIEL
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Chapter 30
Ezek | UrduGeoD | 30:2 | “ऐ आदमज़ाद, नबुव्वत करके यह पैग़ाम सुना दे, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि आहो-ज़ारी करो! उस दिन पर अफ़सोस | |
Ezek | UrduGeoD | 30:3 | जो आनेवाला है। क्योंकि रब का दिन क़रीब ही है। उस दिन घने बादल छा जाएंगे, और मैं अक़वाम की अदालत करूँगा। | |
Ezek | UrduGeoD | 30:4 | मिसर पर तलवार नाज़िल होकर वहाँ के बाशिंदों को मार डालेगी। मुल्क की दौलत छीन ली जाएगी, और उस की बुनियादों को ढा दिया जाएगा। यह देखकर एथोपिया लरज़ उठेगा, | |
Ezek | UrduGeoD | 30:5 | क्योंकि उसके लोग भी तलवार की ज़द में आ जाएंगे। कई क़ौमों के अफ़राद मिसरियों के साथ हलाक हो जाएंगे। एथोपिया के, लिबिया के, लुदिया के, मिसर में बसनेवाले तमाम अजनबी क़ौमों के, कूब के और मेरे अहद की क़ौम इसराईल के लोग हलाक हो जाएंगे। | |
Ezek | UrduGeoD | 30:6 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मिसर को सहारा देनेवाले सब गिर जाएंगे, और जिस ताक़त पर वह फ़ख़र करता है वह जाती रहेगी। शिमाल में मिजदाल से लेकर जुनूबी शहर असवान तक उन्हें तलवार मार डालेगी। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
Ezek | UrduGeoD | 30:7 | इर्दगिर्द के दीगर ममालिक की तरह मिसर भी वीरानो-सुनसान होगा, इर्दगिर्द के दीगर शहरों की तरह उसके शहर भी मलबे के ढेर होंगे। | |
Ezek | UrduGeoD | 30:8 | जब मैं मिसर में यों आग लगाकर उसके मददगारों को कुचल डालूँगा तो लोग जान लेंगे कि मैं ही रब हूँ। | |
Ezek | UrduGeoD | 30:9 | अब तक एथोपिया अपने आपको महफ़ूज़ समझता है, लेकिन उस दिन मेरी तरफ़ से क़ासिद निकलकर उस मुल्क के बाशिंदों को ऐसी ख़बर पहुँचाएँगे जिससे वह थरथरा उठेंगे। क्योंकि क़ासिद कश्तियों में बैठकर दरियाए-नील के ज़रीए उन तक पहुँचेंगे और उन्हें इत्तला देंगे कि मिसर तबाह हो गया है। यह सुनकर वहाँ के लोग काँप उठेंगे। यक़ीन करो, यह दिन जल्द ही आनेवाला है। | |
Ezek | UrduGeoD | 30:10 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र के ज़रीए मैं मिसर की शानो-शौकत छीन लूँगा। | |
Ezek | UrduGeoD | 30:11 | उसे फ़ौज समेत मिसर में लाया जाएगा ताकि उसे तबाह करे। तब अक़वाम में से सबसे ज़ालिम यह लोग अपनी तलवारों को चलाकर मुल्क को मक़तूलों से भर देंगे। | |
Ezek | UrduGeoD | 30:12 | मैं दरियाए-नील की शाख़ों को ख़ुश्क करूँगा और मिसर को फ़रोख़्त करके शरीर आदमियों के हवाले कर दूँगा। परदेसियों के ज़रीए मैं मुल्क और जो कुछ भी उसमें है तबाह कर दूँगा। यह मेरा, रब का फ़रमान है। | |
Ezek | UrduGeoD | 30:13 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं मिसरी बुतों को बरबाद करूँगा और मेंफ़िस के मुजस्समे हटा दूँगा। मिसर में हुक्मरान नहीं रहेगा, और मैं मुल्क पर ख़ौफ़ तारी करूँगा। | |
Ezek | UrduGeoD | 30:15 | और मिसरी क़िले पलूसियम पर अपना ग़ज़ब नाज़िल करूँगा। हाँ, थीबस की शानो-शौकत नेस्तो-नाबूद हो जाएगी। | |
Ezek | UrduGeoD | 30:16 | मैं मिसर को नज़रे-आतिश करूँगा। तब पलूसियम दर्दे-ज़ह में मुब्तला औरत की तरह पेचो-ताब खाएगा, थीबस दुश्मन के क़ब्ज़े में आएगा और मेंफ़िस मुसलसल मुसीबत में फँसा रहेगा। | |
Ezek | UrduGeoD | 30:17 | दुश्मन की तलवार हीलियोपुलिस और बूबस्तिस के जवानों को मार डालेगी जबकि बची हुई औरतें ग़ुलाम बनकर जिलावतन हो जाएँगी। | |
Ezek | UrduGeoD | 30:18 | तहफ़नहीस में दिन तारीक हो जाएगा जब मैं वहाँ मिसर के जुए को तोड़ दूँगा। वहीं उस की ज़बरदस्त ताक़त जाती रहेगी। घना बादल शहर पर छा जाएगा, और गिर्दो-नवाह की आबादियाँ क़ैदी बनकर जिलावतन हो जाएँगी। | |
Ezek | UrduGeoD | 30:20 | यहूयाकीन बादशाह की जिलावतनी के ग्यारहवें साल में रब मुझसे हमकलाम हुआ। पहले महीने का सातवाँ दिन था। उसने फ़रमाया था, | |
Ezek | UrduGeoD | 30:21 | “ऐ आदमज़ाद, मैंने मिसरी बादशाह फ़िरौन का बाज़ू तोड़ डाला है। शफ़ा पाने के लिए लाज़िम था कि बाज़ू पर पट्टी बाँधी जाए, कि टूटी हुई हड्डी के साथ खपच्ची बाँधी जाए ताकि बाज़ू मज़बूत होकर तलवार चलाने के क़ाबिल हो जाए। लेकिन इस क़िस्म का इलाज हुआ नहीं। | |
Ezek | UrduGeoD | 30:22 | चुनाँचे रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं मिसरी बादशाह फ़िरौन से निपटकर उसके दोनों बाज़ुओं को तोड़ डालूँगा, सेहतमंद बाज़ू को भी और टूटे हुए को भी। तब तलवार उसके हाथ से गिर जाएगी | |
Ezek | UrduGeoD | 30:24 | मैं शाहे-बाबल के बाज़ुओं को तक़वियत देकर उसे अपनी ही तलवार पकड़ा दूँगा। लेकिन फ़िरौन के बाज़ुओं को मैं तोड़ डालूँगा, और वह शाहे-बाबल के सामने मरनेवाले ज़ख़मी आदमी की तरह कराह उठेगा। | |
Ezek | UrduGeoD | 30:25 | शाहे-बाबल के बाज़ुओं को मैं तक़वियत दूँगा जबकि फ़िरौन के बाज़ू बेहिसो-हरकत हो जाएंगे। जिस वक़्त मैं अपनी तलवार को शाहे-बाबल को पकड़ा दूँगा और वह उसे मिसर के ख़िलाफ़ चलाएगा उस वक़्त लोग जान लेंगे कि मैं ही रब हूँ। | |