MICAH
Chapter 4
Mica | UrduGeoD | 4:1 | आख़िरी ऐयाम में रब के घर का पहाड़ मज़बूती से क़ायम होगा। सबसे बड़ा यह पहाड़ दीगर तमाम बुलंदियों से कहीं ज़्यादा सरफ़राज़ होगा। तब उम्मतें जौक़-दर-जौक़ उसके पास पहुँचेंगी, | |
Mica | UrduGeoD | 4:2 | और बेशुमार क़ौमें आकर कहेंगी, “आओ, हम रब के पहाड़ पर चढ़कर याक़ूब के ख़ुदा के घर के पास जाएँ ताकि वह हमें अपनी मरज़ी की तालीम दे और हम उस की राहों पर चलें।” क्योंकि सिय्यून पहाड़ से रब की हिदायत निकलेगी, और यरूशलम से उसका कलाम सादिर होगा। | |
Mica | UrduGeoD | 4:3 | रब बैनुल-अक़वामी झगड़ों को निपटाएगा और दूर तक की ज़ोरावर क़ौमों का इनसाफ़ करेगा। तब वह अपनी तलवारों को कूटकर फाले बनाएँगी और अपने नेज़ों को काँट-छाँट के औज़ार में तबदील करेंगी। अब से न एक क़ौम दूसरी पर हमला करेगी, न लोग जंग करने की तरबियत हासिल करेंगे। | |
Mica | UrduGeoD | 4:4 | हर एक अपनी अंगूर की बेल और अपने अंजीर के दरख़्त के साय में बैठकर आराम करेगा। कोई नहीं रहेगा जो उन्हें अचानक दहशतज़दा करे। क्योंकि रब्बुल-अफ़वाज ने यह कुछ फ़रमाया है। | |
Mica | UrduGeoD | 4:5 | हर दूसरी क़ौम अपने देवता का नाम लेकर फिरती है, लेकिन हम हमेशा तक रब अपने ख़ुदा का नाम लेकर फिरेंगे। | |
Mica | UrduGeoD | 4:6 | रब फ़रमाता है, “उस दिन मैं लँगड़ों को जमा करूँगा और उन्हें इकट्ठा करूँगा जिन्हें मैंने मुंतशिर करके दुख पहुँचाया था। | |
Mica | UrduGeoD | 4:7 | मैं लँगड़ों को क़ौम का बचा हुआ हिस्सा बना दूँगा और जो दूर तक भटक गए थे उन्हें ताक़तवर उम्मत में तबदील करूँगा। तब रब उनका बादशाह बनकर अबद तक सिय्यून पहाड़ पर उन पर हुकूमत करेगा। | |
Mica | UrduGeoD | 4:8 | जहाँ तक तेरा ताल्लुक़ है, ऐ रेवड़ के बुर्ज, ऐ सिय्यून बेटी के पहाड़, तुझे पहले की-सी सलतनत हासिल होगी। यरूशलम बेटी को दुबारा बादशाहत मिलेगी।” | |
Mica | UrduGeoD | 4:9 | ऐ यरूशलम बेटी, इस वक़्त तू इतने ज़ोर से क्यों चीख़ रही है? क्या तेरा कोई बादशाह नहीं? क्या तेरे मुशीर सब ख़त्म हो गए हैं कि तू दर्दे-ज़ह में मुब्तला औरत की तरह पेचो-ताब खा रही है? | |
Mica | UrduGeoD | 4:10 | ऐ सिय्यून बेटी, जन्म देनेवाली औरत की तरह तड़पती और चीख़ती जा! क्योंकि अब तुझे शहर से निकलकर खुले मैदान में रहना पड़ेगा, आख़िर में तू बाबल तक पहुँचेगी। लेकिन वहाँ रब तुझे बचाएगा, वहाँ वह एवज़ाना देकर तुझे दुश्मन के हाथ से छुड़ाएगा। | |
Mica | UrduGeoD | 4:11 | इस वक़्त तो मुतअद्दिद क़ौमें तेरे ख़िलाफ़ जमा हो गई हैं। आपस में वह कह रही हैं, “आओ, यरूशलम की बेहुरमती हो जाए, हम सिय्यून की हालत देखकर लुत्फ़अंदोज़ हो जाएँ।” | |
Mica | UrduGeoD | 4:12 | लेकिन वह रब के ख़यालात को नहीं जानते, उसका मनसूबा नहीं समझते। उन्हें मालूम नहीं कि वह उन्हें गंदुम के पूलों की तरह इकट्ठा कर रहा है ताकि उन्हें गाह ले। | |