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JUDGES
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Chapter 17
Judg UrduGeoD 17:1  इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े में एक आदमी रहता था जिसका नाम मीकाह था।
Judg UrduGeoD 17:2  एक दिन उसने अपनी माँ से बात की, “आपके चाँदी के 1,100 सिक्के चोरी हो गए थे, ना? उस वक़्त आपने मेरे सामने ही चोर पर लानत भेजी थी। अब देखें, वह पैसे मेरे पास हैं। मैं ही चोर हूँ।” यह सुनकर माँ ने जवाब दिया, “मेरे बेटे, रब तुझे बरकत दे!”
Judg UrduGeoD 17:3  मीकाह ने उसे तमाम पैसे वापस कर दिए, और माँ ने एलान किया, “अब से यह चाँदी रब के लिए मख़सूस हो! मैं आपके लिए तराशा और ढाला हुआ बुत बनवाकर चाँदी आपको वापस कर देती हूँ।”
Judg UrduGeoD 17:4  चुनाँचे जब बेटे ने पैसे वापस कर दिए तो माँ ने उसके 200 सिक्के सुनार के पास ले जाकर लकड़ी का तराशा और ढाला हुआ बुत बनवाया। मीकाह ने यह बुत अपने घर में खड़ा किया,
Judg UrduGeoD 17:5  क्योंकि उसका अपना मक़दिस था। उसने मज़ीद बुत और एक अफ़ोद भी बनवाया और फिर एक बेटे को अपना इमाम बना लिया।
Judg UrduGeoD 17:6  उस ज़माने में इसराईल का कोई बादशाह नहीं था बल्कि हर कोई वही कुछ करता जो उसे दुरुस्त लगता था।
Judg UrduGeoD 17:7  उन दिनों में लावी के क़बीले का एक जवान आदमी यहूदाह के क़बीले के शहर बैत-लहम में आबाद था।
Judg UrduGeoD 17:8  अब वह शहर को छोड़कर रिहाइश की कोई और जगह तलाश करने लगा। इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े में से सफ़र करते करते वह मीकाह के घर पहुँच गया।
Judg UrduGeoD 17:9  मीकाह ने पूछा, “आप कहाँ से आए हैं?” जवान ने जवाब दिया, “मैं लावी हूँ। मैं यहूदाह के शहर बैत-लहम का रहनेवाला हूँ लेकिन रिहाइश की किसी और जगह की तलाश में हूँ।”
Judg UrduGeoD 17:10  मीकाह बोला, “यहाँ मेरे पास अपना घर बनाकर मेरे बाप और इमाम बनें। तब आपको साल में चाँदी के दस सिक्के और ज़रूरत के मुताबिक़ कपड़े और ख़ुराक मिलेगी।”
Judg UrduGeoD 17:11  लावी मुत्तफ़िक़ हुआ। वह वहाँ आबाद हुआ, और मीकाह ने उसके साथ बेटों का-सा सुलूक किया।
Judg UrduGeoD 17:12  उसने उसे इमाम मुक़र्रर करके सोचा,
Judg UrduGeoD 17:13  “अब रब मुझ पर मेहरबानी करेगा, क्योंकि लावी मेरा इमाम बन गया है।”