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Chapter 1
Judg UrduGeoD 1:1  यशुअ की मौत के बाद इसराईलियों ने रब से पूछा, “कौन-सा क़बीला पहले निकलकर कनानियों पर हमला करे?”
Judg UrduGeoD 1:2  रब ने जवाब दिया, “यहूदाह का क़बीला शुरू करे। मैंने मुल्क को उनके क़ब्ज़े में कर दिया है।”
Judg UrduGeoD 1:3  तब यहूदाह के क़बीले ने अपने भाइयों शमौन के क़बीले से कहा, “आएँ, हमारे साथ निकलें ताकि हम मिलकर कनानियों को उस इलाक़े से निकाल दें जो क़ुरा ने यहूदाह के क़बीले के लिए मुक़र्रर किया है। इसके बदले हम बाद में आपकी मदद करेंगे जब आप अपने इलाक़े पर क़ब्ज़ा करने के लिए निकलेंगे।” चुनाँचे शमौन के मर्द यहूदाह के साथ निकले।
Judg UrduGeoD 1:4  जब यहूदाह ने दुश्मन पर हमला किया तो रब ने कनानियों और फ़रिज़्ज़ियों को उसके क़ाबू में कर दिया। बज़क़ के पास उन्होंने उन्हें शिकस्त दी, गो उनके कुल 10,000 आदमी थे।
Judg UrduGeoD 1:5  वहाँ उनका मुक़ाबला एक बादशाह से हुआ जिसका नाम अदूनी-बज़क़ था। जब उसने देखा कि कनानी और फ़रिज़्ज़ी हार गए हैं
Judg UrduGeoD 1:6  तो वह फ़रार हुआ। लेकिन इसराईलियों ने उसका ताक़्क़ुब करके उसे पकड़ लिया और उसके हाथों और पैरों के अंगूठों को काट लिया।
Judg UrduGeoD 1:7  तब अदूनी-बज़क़ ने कहा, “मैंने ख़ुद सत्तर बादशाहों के हाथों और पैरों के अंगूठों को कटवाया, और उन्हें मेरी मेज़ के नीचे गिरे हुए खाने के रद्दी टुकड़े जमा करने पड़े। अब अल्लाह मुझे इसका बदला दे रहा है।” उसे यरूशलम लाया गया जहाँ वह मर गया।
Judg UrduGeoD 1:8  यहूदाह के मर्दों ने यरूशलम पर भी हमला किया। उस पर फ़तह पाकर उन्होंने उसके बाशिंदों को तलवार से मार डाला और शहर को जला दिया।
Judg UrduGeoD 1:9  इसके बाद वह आगे बढ़कर उन कनानियों से लड़ने लगे जो पहाड़ी इलाक़े, दश्ते-नजब और मग़रिब के नशेबी पहाड़ी इलाक़े में रहते थे।
Judg UrduGeoD 1:10  उन्होंने हबरून शहर पर हमला किया जो पहले क़िरियत-अरबा कहलाता था। वहाँ उन्होंने सीसी, अख़ीमान और तलमी की फ़ौजों को शिकस्त दी।
Judg UrduGeoD 1:11  फिर वह आगे दबीर के बाशिंदों से लड़ने चले गए। दबीर का पुराना नाम क़िरियत-सिफ़र था।
Judg UrduGeoD 1:12  कालिब ने कहा, “जो क़िरियत-सिफ़र पर फ़तह पाकर क़ब्ज़ा करेगा उसके साथ मैं अपनी बेटी अकसा का रिश्ता बाँधूँगा।”
Judg UrduGeoD 1:13  कालिब के छोटे भाई ग़ुतनियेल बिन क़नज़ ने शहर पर क़ब्ज़ा कर लिया। चुनाँचे कालिब ने उसके साथ अपनी बेटी अकसा की शादी कर दी।
Judg UrduGeoD 1:14  जब अकसा ग़ुतनियेल के हाँ जा रही थी तो उसने उसे उभारा कि वह कालिब से कोई खेत पाने की दरख़ास्त करे। अचानक वह गधे से उतर गई। कालिब ने पूछा, “क्या बात है?”
Judg UrduGeoD 1:15  अकसा ने जवाब दिया, “जहेज़ के लिए मुझे एक चीज़ से नवाज़ें। आपने मुझे दश्ते-नजब में ज़मीन दे दी है। अब मुझे चश्मे भी दे दीजिए।” चुनाँचे कालिब ने उसे अपनी मिलकियत में से ऊपर और नीचेवाले चश्मे भी दे दिए।
Judg UrduGeoD 1:16  जब यहूदाह का क़बीला खजूरों के शहर से रवाना हुआ था तो क़ीनी भी उनके साथ यहूदाह के रेगिस्तान में आए थे। (क़ीनी मूसा के सुसर यितरो की औलाद थे)। वहाँ वह दश्ते-नजब में अराद शहर के क़रीब दूसरे लोगों के दरमियान ही आबाद हुए।
Judg UrduGeoD 1:17  यहूदाह का क़बीला अपने भाइयों शमौन के क़बीले के साथ आगे बढ़ा। उन्होंने कनानी शहर सफ़त पर हमला किया और उसे अल्लाह के लिए मख़सूस करके मुकम्मल तौर पर तबाह कर दिया। इसलिए उसका नाम हुरमा यानी अल्लाह के लिए तबाही पड़ा।
Judg UrduGeoD 1:18  फिर यहूदाह के फ़ौजियों ने ग़ज़्ज़ा, अस्क़लून और अक़रून के शहरों पर उनके गिर्दो-नवाह की आबादियों समेत फ़तह पाई।
Judg UrduGeoD 1:19  रब उनके साथ था, इसलिए वह पहाड़ी इलाक़े पर क़ब्ज़ा कर सके। लेकिन वह समुंदर के साथ के मैदानी इलाक़े में आबाद लोगों को निकाल न सके। वजह यह थी कि इन लोगों के पास लोहे के रथ थे।
Judg UrduGeoD 1:20  मूसा के वादे के मुताबिक़ कालिब को हबरून शहर मिल गया। उसने उसमें से अनाक़ के तीन बेटों को उनके घरानों समेत निकाल दिया।
Judg UrduGeoD 1:21  लेकिन बिनयमीन का क़बीला यरूशलम के रहनेवाले यबूसियों को निकाल न सका। आज तक यबूसी वहाँ बिनयमीनियों के साथ आबाद हैं।
Judg UrduGeoD 1:22  इफ़राईम और मनस्सी के क़बीले बैतेल पर क़ब्ज़ा करने के लिए निकले (बैतेल का पुराना नाम लूज़ था)। जब उन्होंने अपने जासूसों को शहर की तफ़तीश करने के लिए भेजा तो रब उनके साथ था।
Judg UrduGeoD 1:23  इफ़राईम और मनस्सी के क़बीले बैतेल पर क़ब्ज़ा करने के लिए निकले (बैतेल का पुराना नाम लूज़ था)। जब उन्होंने अपने जासूसों को शहर की तफ़तीश करने के लिए भेजा तो रब उनके साथ था।
Judg UrduGeoD 1:24  उनके जासूसों की मुलाक़ात एक आदमी से हुई जो शहर से निकल रहा था। उन्होंने उससे कहा, “हमें शहर में दाख़िल होने का रास्ता दिखाएँ तो हम आप पर रहम करेंगे।”
Judg UrduGeoD 1:25  उसने उन्हें अंदर जाने का रास्ता दिखाया, और उन्होंने उसमें घुसकर तमाम बाशिंदों को तलवार से मार डाला सिवाए मज़कूरा आदमी और उसके ख़ानदान के।
Judg UrduGeoD 1:26  बाद में वह हित्तियों के मुल्क में गया जहाँ उसने एक शहर तामीर करके उसका नाम लूज़ रखा। यह नाम आज तक रायज है।
Judg UrduGeoD 1:27  लेकिन मनस्सी ने हर शहर के बाशिंदे न निकाले। बैत-शान, तानक, दोर, इबलियाम, मजिद्दो और उनके गिर्दो-नवाह की आबादियाँ रह गईं। कनानी पूरे अज़म के साथ उनमें टिके रहे।
Judg UrduGeoD 1:28  बाद में जब इसराईल की ताक़त बढ़ गई तो इन कनानियों को बेगार में काम करना पड़ा। लेकिन इसराईलियों ने उस वक़्त भी उन्हें मुल्क से न निकाला।
Judg UrduGeoD 1:29  इसी तरह इफ़राईम के क़बीले ने भी जज़र के बाशिंदों को न निकाला, और यह कनानी उनके दरमियान आबाद रहे।
Judg UrduGeoD 1:30  ज़बूलून के क़बीले ने भी क़ितरोन और नहलाल के बाशिंदों को न निकाला बल्कि यह उनके दरमियान आबाद रहे, अलबत्ता उन्हें बेगार में काम करना पड़ा।
Judg UrduGeoD 1:31  आशर के क़बीले ने न अक्को के बाशिंदों को निकाला, न सैदा, अहलाब, अकज़ीब, हिलबा, अफ़ीक़ या रहोब के बाशिंदों को।
Judg UrduGeoD 1:32  इस वजह से आशर के लोग कनानी बाशिंदों के दरमियान रहने लगे।
Judg UrduGeoD 1:33  नफ़ताली के क़बीले ने बैत-शम्स और बैत-अनात के बाशिंदों को न निकाला बल्कि वह भी कनानियों के दरमियान रहने लगे। लेकिन बैत-शम्स और बैत-अनात के बाशिंदों को बेगार में काम करना पड़ा।
Judg UrduGeoD 1:34  दान के क़बीले ने मैदानी इलाक़े पर क़ब्ज़ा करने की कोशिश तो की, लेकिन अमोरियों ने उन्हें आने न दिया बल्कि पहाड़ी इलाक़े तक महदूद रखा।
Judg UrduGeoD 1:35  अमोरी पूरे अज़म के साथ हरिस पहाड़, ऐयालोन और सालबीम में टिके रहे। लेकिन जब इफ़राईम और मनस्सी की ताक़त बढ़ गई तो अमोरियों को बेगार में काम करना पड़ा।
Judg UrduGeoD 1:36  अमोरियों की सरहद दर्राए-अक़्रब्बीम से लेकर सिला से परे तक थी।