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Chapter 11
Judg UrduGeoD 11:1  उस वक़्त जिलियाद में एक ज़बरदस्त सूरमा बनाम इफ़ताह था। बाप का नाम जिलियाद था जबकि माँ कसबी थी।
Judg UrduGeoD 11:2  लेकिन बाप की बीवी के बेटे भी थे। जब बालिग़ हुए तो उन्होंने इफ़ताह से कहा, “हम मीरास तेरे साथ नहीं बाँटेंगे, क्योंकि तू हमारा सगा भाई नहीं है।” उन्होंने उसे भगा दिया,
Judg UrduGeoD 11:3  और वह वहाँ से हिजरत करके मुल्के-तोब में जा बसा। वहाँ कुछ आवारा लोग उसके पीछे हो लिए जो उसके साथ इधर उधर घुमते-फिरते रहे।
Judg UrduGeoD 11:4  जब कुछ देर के बाद अम्मोनी फ़ौज इसराईल से लड़ने आई
Judg UrduGeoD 11:5  तो जिलियाद के बुज़ुर्ग इफ़ताह को वापस लाने के लिए मुल्के-तोब में आए।
Judg UrduGeoD 11:6  उन्होंने गुज़ारिश की, “आएँ, अम्मोनियों से लड़ने में हमारी राहनुमाई करें।”
Judg UrduGeoD 11:7  लेकिन इफ़ताह ने एतराज़ किया, “आप इस वक़्त मेरे पास क्यों आए हैं जब मुसीबत में हैं? आप ही ने मुझसे नफ़रत करके मुझे बाप के घर से निकाल दिया था।”
Judg UrduGeoD 11:8  बुज़ुर्गों ने जवाब दिया, “हम इसलिए आपके पास वापस आए हैं कि आप अम्मोनियों के साथ जंग में हमारी मदद करें। अगर आप ऐसा करें तो हम आपको पूरे जिलियाद का हुक्मरान बना लेंगे।”
Judg UrduGeoD 11:9  इफ़ताह ने पूछा, “अगर मैं आपके साथ अम्मोनियों के ख़िलाफ़ लड़ूँ और रब मुझे उन पर फ़तह दे तो क्या आप वाक़ई मुझे अपना हुक्मरान बना लेंगे?”
Judg UrduGeoD 11:10  उन्होंने जवाब दिया, “रब हमारा गवाह है! वही हमें सज़ा दे अगर हम अपना वादा पूरा न करें।”
Judg UrduGeoD 11:11  यह सुनकर इफ़ताह जिलियाद के बुज़ुर्गों के साथ मिसफ़ाह गया। वहाँ लोगों ने उसे अपना सरदार और फ़ौज का कमाँडर बना लिया। मिसफ़ाह में उसने रब के हुज़ूर वह तमाम बातें दोहराईं जिनका फ़ैसला उसने बुज़ुर्गों के साथ किया था।
Judg UrduGeoD 11:12  फिर इफ़ताह ने अम्मोनी बादशाह के पास अपने क़ासिदों को भेजकर पूछा, “हमारा आपसे क्या वास्ता कि आप हमसे लड़ने आए हैं?”
Judg UrduGeoD 11:13  बादशाह ने जवाब दिया, “जब इसराईली मिसर से निकले तो उन्होंने अरनोन, यब्बोक़ और यरदन के दरियाओं के दरमियान का इलाक़ा मुझसे छीन लिया। अब उसे झगड़ा किए बग़ैर मुझे वापस कर दो।”
Judg UrduGeoD 11:14  फिर इफ़ताह ने अपने क़ासिदों को दुबारा अम्मोनी बादशाह के पास भेजकर
Judg UrduGeoD 11:15  कहा, “इसराईल ने न तो मोआबियों से और न अम्मोनियों से ज़मीन छीनी।
Judg UrduGeoD 11:16  हक़ीक़त यह है कि जब हमारी क़ौम मिसर से निकली तो वह रेगिस्तान में से गुज़रकर बहरे-क़ुलज़ुम और वहाँ से होकर क़ादिस पहुँच गई।
Judg UrduGeoD 11:17  क़ादिस से उन्होंने अदोम के बादशाह के पास क़ासिद भेजकर गुज़ारिश की, ‘हमें अपने मुल्क में से गुज़रने दें।’ लेकिन उसने इनकार किया। फिर इसराईलियों ने मोआब के बादशाह से दरख़ास्त की, लेकिन उसने भी अपने मुल्क में से गुज़रने की इजाज़त न दी। इस पर हमारी क़ौम कुछ देर के लिए क़ादिस में रही।
Judg UrduGeoD 11:18  आख़िरकार वह रेगिस्तान में वापस जाकर अदोम और मोआब के जुनूब में चलते चलते मोआब के मशरिक़ी किनारे पर पहुँची, वहाँ जहाँ दरियाए-अरनोन उस की सरहद है। लेकिन वह मोआब के इलाक़े में दाख़िल न हुए बल्कि दरिया के मशरिक़ में ख़ैमाज़न हुए।
Judg UrduGeoD 11:19  वहाँ से इसराईलियों ने हसबोन के रहनेवाले अमोरी बादशाह सीहोन को पैग़ाम भिजवाया, ‘हमें अपने मुल्क में से गुज़रने दें ताकि हम अपने मुल्क में दाख़िल हो सकें।’
Judg UrduGeoD 11:20  लेकिन सीहोन को शक हुआ। उसे यक़ीन नहीं था कि वह मुल्क में से गुज़रकर आगे बढ़ेंगे। उसने न सिर्फ़ इनकार किया बल्कि अपने फ़ौजियों को जमा करके यहज़ शहर में ख़ैमाज़न हुआ और इसराईलियों के साथ लड़ने लगा।
Judg UrduGeoD 11:21  लेकिन रब इसराईल के ख़ुदा ने सीहोन और उसके तमाम फ़ौजियों को इसराईल के हवाले कर दिया। उन्होंने उन्हें शिकस्त देकर अमोरियों के पूरे मुल्क पर क़ब्ज़ा कर लिया।
Judg UrduGeoD 11:22  यह तमाम इलाक़ा जुनूब में दरियाए-अरनोन से लेकर शिमाल में दरियाए-यब्बोक़ तक और मशरिक़ के रेगिस्तान से लेकर मग़रिब में दरियाए-यरदन तक हमारे क़ब्ज़े में आ गया।
Judg UrduGeoD 11:23  देखें, रब इसराईल के ख़ुदा ने अपनी क़ौम के आगे आगे अमोरियों को निकाल दिया है। तो फिर आपका इस मुल्क पर क़ब्ज़ा करने का क्या हक़ है?
Judg UrduGeoD 11:24  आप भी समझते हैं कि जिसे आपके देवता कमोस ने आपके आगे से निकाल दिया है उसके मुल्क पर क़ब्ज़ा करने का आपका हक़ है। इसी तरह जिसे रब हमारे ख़ुदा ने हमारे आगे आगे निकाल दिया है उसके मुल्क पर क़ब्ज़ा करने का हक़ हमारा है।
Judg UrduGeoD 11:25  क्या आप अपने आपको मोआबी बादशाह बलक़ बिन सफ़ोर से बेहतर समझते हैं? उसने तो इसराईल से लड़ने बल्कि झगड़ने तक की हिम्मत न की।
Judg UrduGeoD 11:26  अब इसराईली 300 साल से हसबोन और अरोईर के शहरों में उनके गिर्दो-नवाह की आबादियों समेत आबाद हैं और इसी तरह दरियाए-अरनोन के किनारे पर के शहरों में। आपने इस दौरान इन जगहों पर क़ब्ज़ा क्यों न किया?
Judg UrduGeoD 11:27  चुनाँचे मैंने आपसे ग़लत सुलूक नहीं किया बल्कि आप ही मेरे साथ ग़लत सुलूक कर रहे हैं। क्योंकि मुझसे जंग छेड़ना ग़लत है। रब जो मुंसिफ़ है वही आज इसराईल और अम्मोन के झगड़े का फ़ैसला करे!”
Judg UrduGeoD 11:28  लेकिन अम्मोनी बादशाह ने इफ़ताह के पैग़ाम पर ध्यान न दिया।
Judg UrduGeoD 11:29  फिर रब का रूह इफ़ताह पर नाज़िल हुआ, और वह जिलियाद और मनस्सी में से गुज़र गया, फिर जिलियाद के मिसफ़ाह के पास वापस आया। वहाँ से वह अपनी फ़ौज लेकर अम्मोनियों से लड़ने निकला।
Judg UrduGeoD 11:30  पहले उसने रब के सामने क़सम खाई, “अगर तू मुझे अम्मोनियों पर फ़तह दे
Judg UrduGeoD 11:31  और मैं सहीह-सलामत लौटूँ तो जो कुछ भी पहले मेरे घर के दरवाज़े से निकलकर मुझसे मिले वह तेरे लिए मख़सूस किया जाएगा। मैं उसे भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर पेश करूँगा।”
Judg UrduGeoD 11:32  फिर इफ़ताह अम्मोनियों से लड़ने गया, और रब ने उसे उन पर फ़तह दी।
Judg UrduGeoD 11:33  इफ़ताह ने अरोईर में दुश्मन को शिकस्त दी और इसी तरह मिन्नीत और अबील-करामीम तक मज़ीद बीस शहरों पर क़ब्ज़ा कर लिया। यों इसराईल ने अम्मोन को ज़ेर कर दिया।
Judg UrduGeoD 11:34  इसके बाद इफ़ताह मिसफ़ाह वापस चला गया। वह अभी घर के क़रीब था कि उस की इकलौती बेटी दफ़ बजाती और नाचती हुई घर से निकल आई। इफ़ताह का कोई और बेटा या बेटी नहीं थी।
Judg UrduGeoD 11:35  अपनी बेटी को देखकर वह रंज के मारे अपने कपड़े फाड़कर चीख़ उठा, “हाय मेरी बेटी! तूने मुझे ख़ाक में दबाकर तबाह कर दिया है, क्योंकि मैंने रब के सामने ऐसी क़सम खाई है जो बदली नहीं जा सकती।”
Judg UrduGeoD 11:36  बेटी ने कहा, “अब्बू, आपने क़सम खाकर रब से वादा किया है, इसलिए लाज़िम है कि मेरे साथ वह कुछ करें जिसकी क़सम आपने खाई है। आख़िर उसी ने आपको दुश्मन से बदला लेने की कामयाबी बख़्श दी है।
Judg UrduGeoD 11:37  लेकिन मेरी एक गुज़ारिश है। मुझे दो माह की मोहलत दें ताकि मैं अपनी सहेलियों के साथ पहाड़ों में जाकर अपनी ग़ैरशादीशुदा हालत पर मातम करूँ।”
Judg UrduGeoD 11:38  इफ़ताह ने इजाज़त दी। फिर बेटी दो माह के लिए अपनी सहेलियों के साथ पहाड़ों में चली गई और अपनी ग़ैरशादीशुदा हालत पर मातम किया।
Judg UrduGeoD 11:39  फिर वह अपने बाप के पास वापस आई, और उसने अपनी क़सम का वादा पूरा किया। बेटी ग़ैरशादीशुदा थी। उस वक़्त से इसराईल में दस्तूर रायज है
Judg UrduGeoD 11:40  कि इसराईल की जवान औरतें सालाना चार दिन के लिए अपने घरों से निकलकर इफ़ताह की बेटी की याद में जशन मनाती हैं।