Site uses cookies to provide basic functionality.

OK
DANIEL
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12
Prev Up Next
Chapter 1
Dani UrduGeoD 1:1  शाहे-यहूदाह यहूयक़ीम की सलतनत के तीसरे साल में शाहे-बाबल नबूकदनज़्ज़र ने यरूशलम आकर उसका मुहासरा किया।
Dani UrduGeoD 1:2  उस वक़्त रब ने यहूयक़ीम और अल्लाह के घर का काफ़ी सामान नबूकदनज़्ज़र के हवाले कर दिया। नबूकदनज़्ज़र ने यह चीज़ें मुल्के-बाबल में ले जाकर अपने देवता के मंदिर के ख़ज़ाने में महफ़ूज़ कर दीं।
Dani UrduGeoD 1:3  फिर उसने अपने दरबार के आला अफ़सर अश्पनाज़ को हुक्म दिया, “यहूदाह के शाही ख़ानदान और ऊँचे तबक़े के ख़ानदानों की तफ़तीश करो। उनमें से कुछ ऐसे नौजवानों को चुनकर ले आओ
Dani UrduGeoD 1:4  जो बेऐब, ख़ूबसूरत, हिकमत के हर लिहाज़ से समझदार, तालीमयाफ़्ता और समझने में तेज़ हों। ग़रज़ यह आदमी शाही महल में ख़िदमत करने के क़ाबिल हों। उन्हें बाबल की ज़बान लिखने और बोलने की तालीम दो।”
Dani UrduGeoD 1:5  बादशाह ने मुक़र्रर किया कि रोज़ाना उन्हें शाही बावरचीख़ाने से कितना खाना और मै मिलनी है। तीन साल की तरबियत के बाद उन्हें बादशाह की ख़िदमत के लिए हाज़िर होना था।
Dani UrduGeoD 1:6  जब इन नौजवानों को चुना गया तो चार आदमी उनमें शामिल थे जिनके नाम दानियाल, हननियाह, मीसाएल और अज़रियाह थे।
Dani UrduGeoD 1:7  दरबार के आला अफ़सर ने उनके नए नाम रखे। दानियाल बेल्तशज़्ज़र में बदल गया, हननियाह सद्रक में, मीसाएल मीसक में और अज़रियाह अबद-नजू में।
Dani UrduGeoD 1:8  लेकिन दानियाल ने मुसम्मम इरादा कर लिया कि मैं अपने आपको शाही खाना खाने और शाही मै पीने से नापाक नहीं करूँगा। उसने दरबार के आला अफ़सर से इन चीज़ों से परहेज़ करने की इजाज़त माँगी।
Dani UrduGeoD 1:9  अल्लाह ने पहले से इस अफ़सर का दिल नरम कर दिया था, इसलिए वह दानियाल का ख़ास लिहाज़ करता और उस पर मेहरबानी करता था।
Dani UrduGeoD 1:10  लेकिन दानियाल की दरख़ास्त सुनकर उसने जवाब दिया, “मुझे अपने आक़ा बादशाह से डर है। उन्हीं ने मुतैयिन किया कि तुम्हें क्या क्या खाना और पीना है। अगर उन्हें पता चले कि तुम दूसरे नौजवानों की निसबत दुबले-पतले और कमज़ोर लगे तो वह मेरा सर क़लम करेंगे।”
Dani UrduGeoD 1:11  तब दानियाल ने उस निगरान से बात की जिसे दरबार के आला अफ़सर ने दानियाल, हननियाह, मीसाएल और अज़रियाह पर मुक़र्रर किया था। वह बोला,
Dani UrduGeoD 1:12  “ज़रा दस दिन तक अपने ख़ादिमों को आज़माएँ। इतने में हमें खाने के लिए सिर्फ़ साग-पात और पीने के लिए पानी दीजिए।
Dani UrduGeoD 1:13  इसके बाद हमारी सूरत का मुक़ाबला उन दीगर नौजवानों के साथ करें जो शाही खाना खाते हैं। फिर ही फ़ैसला करें कि आइंदा अपने ख़ादिमों के साथ कैसा सुलूक करेंगे।”
Dani UrduGeoD 1:14  निगरान मान गया। दस दिन तक वह उन्हें साग-पात खिलाकर और पानी पिलाकर आज़माता रहा।
Dani UrduGeoD 1:15  दस दिन के बाद क्या देखता है कि दानियाल और उसके तीन दोस्त शाही खाना खानेवाले दीगर नौजवानों की निसबत कहीं ज़्यादा सेहतमंद और मोटे-ताज़े लग रहे हैं।
Dani UrduGeoD 1:16  तब निगरान उनके लिए मुक़र्ररा शाही खाने और मै का इंतज़ाम बंद करके उन्हें सिर्फ़ साग-पात खिलाने लगा।
Dani UrduGeoD 1:17  अल्लाह ने इन चार आदमियों को अदब और हिकमत के हर शोबे में इल्म और समझ अता की। नीज़, दानियाल हर क़िस्म की रोया और ख़ाब की ताबीर कर सकता था।
Dani UrduGeoD 1:18  मुक़र्ररा तीन साल के बाद दरबार के आला अफ़सर ने तमाम नौजवानों को नबूकदनज़्ज़र के सामने पेश किया।
Dani UrduGeoD 1:19  जब बादशाह ने उनसे गुफ़्तगू की तो मालूम हुआ कि दानियाल, हननियाह, मीसाएल और अज़रियाह दूसरों पर सबक़त रखते हैं। चुनाँचे चारों बादशाह के मुलाज़िम बन गए।
Dani UrduGeoD 1:20  जब भी किसी मामले में ख़ास हिकमत और समझ दरकार होती तो बादशाह ने देखा कि यह चार नौजवान मशवरा देने में पूरी सलतनत के तमाम क़िस्मत का हाल बतानेवालों और जादूगरों से दस गुना ज़्यादा क़ाबिल हैं।
Dani UrduGeoD 1:21  दानियाल ख़ोरस की हुकूमत के पहले साल तक शाही दरबार में ख़िदमत करता रहा।