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JEREMIAH
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Chapter 14
Jere UrduGeoD 14:1  काल के दौरान रब यरमियाह से हमकलाम हुआ,
Jere UrduGeoD 14:2  “यहूदाह मातम कर रहा है, उसके दरवाज़ों की हालत क़ाबिले-रहम है। लोग सोगवार हालत में फ़र्श पर बैठे हैं, और यरूशलम की चीख़ें आसमान तक बुलंद हो रही हैं।
Jere UrduGeoD 14:3  अमीर अपने नौकरों को पानी भरने भेजते हैं, लेकिन हौज़ों के पास पहुँचकर पता चलता है कि पानी नहीं है, इसलिए वह ख़ाली हाथ वापस आ जाते हैं। शरमिंदगी और नदामत के मारे वह अपने सरों को ढाँप लेते हैं।
Jere UrduGeoD 14:4  बारिश न होने की वजह से ज़मीन में दराड़ें पड़ गई हैं। खेतों में काम करनेवाले भी शर्म के मारे अपने सरों को ढाँप लेते हैं।
Jere UrduGeoD 14:5  घास नहीं है, इसलिए हिरनी अपने नौमौलूद बच्चे को छोड़ देती है।
Jere UrduGeoD 14:6  जंगली गधे बंजर टीलों पर खड़े गीदड़ों की तरह हाँपते हैं। हरियाली न मिलने की वजह से वह बेजान हो रहे हैं।”
Jere UrduGeoD 14:7  ऐ रब, हमारे गुनाह हमारे ख़िलाफ़ गवाही दे रहे हैं। तो भी अपने नाम की ख़ातिर हम पर रहम कर। हम मानते हैं कि बुरी तरह बेवफ़ा हो गए हैं, हमने तेरा ही गुनाह किया है।
Jere UrduGeoD 14:8  ऐ अल्लाह, तू इसराईल की उम्मीद है, तू ही मुसीबत के वक़्त उसे छुटकारा देता है। तो फिर हमारे साथ तेरा सुलूक मुल्क में अजनबी का-सा क्यों है? तू रात को कभी इधर कभी इधर ठहरनेवाले मुसाफ़िर जैसा क्यों है?
Jere UrduGeoD 14:9  तू क्यों उस आदमी की मानिंद है जो अचानक दम बख़ुद हो जाता है, उस सूरमे की मानिंद जो बेबस होकर बचा नहीं सकता। ऐ रब, तू तो हमारे दरमियान ही रहता है, और हम पर तेरे ही नाम का ठप्पा लगा है। हमें तर्क न कर!
Jere UrduGeoD 14:10  लेकिन रब इस क़ौम के बारे में फ़रमाता है, “यह लोग आवारा फिरने के शौक़ीन हैं, यह अपने पाँवों को रोक ही नहीं सकते। मैं उनसे नाख़ुश हूँ। अब मुझे उनके ग़लत काम याद रहेंगे, अब मैं उनके गुनाहों की सज़ा दूँगा।”
Jere UrduGeoD 14:11  रब मज़ीद मुझसे हमकलाम हुआ, “इस क़ौम की बहबूदी के लिए दुआ मत करना।
Jere UrduGeoD 14:12  गो यह रोज़ा भी रखें तो भी मैं इनकी इल्तिजाओं पर ध्यान नहीं दूँगा। गो यह भस्म होनेवाली और ग़ल्ला की क़ुरबानियाँ पेश भी करें तो भी मैं इनसे ख़ुश नहीं हूँगा बल्कि इन्हें काल, तलवार और बीमारियों से नेस्तो-नाबूद कर दूँगा।”
Jere UrduGeoD 14:13  यह सुनकर मैंने एतराज़ किया, “ऐ रब क़ादिरे-मुतलक़, नबी इन्हें बताते आए हैं, ‘न क़त्लो-ग़ारत का ख़तरा होगा, न काल पड़ेगा बल्कि मैं यहीं तुम्हारे लिए अमनो-अमान का पक्का बंदोबस्त कर लूँगा’।”
Jere UrduGeoD 14:14  रब ने जवाब दिया, “नबी मेरा नाम लेकर झूटी पेशगोइयाँ बयान कर रहे हैं। मैंने न उन्हें भेजा, न उन्हें कोई ज़िम्मादारी दी और न उनसे हमकलाम हुआ। यह तुम्हें झूटी रोयाएँ, फ़ज़ूल पेशगोइयाँ और अपने दिल के वहम सुनाते रहे हैं।”
Jere UrduGeoD 14:15  चुनाँचे रब फ़रमाता है, “यह नबी तलवार और काल की ज़द में आकर मर जाएंगे। क्योंकि गो मैंने उन्हें नहीं भेजा तो भी यह मेरे नाम में नबुव्वत करके कहते हैं कि मुल्क में न क़त्लो-ग़ारत का ख़तरा होगा, न काल पड़ेगा।
Jere UrduGeoD 14:16  और जिन लोगों को वह अपनी नबुव्वतें सुनाते रहे हैं वह तलवार और काल का शिकार बन जाएंगे, उनकी लाशें यरूशलम की गलियों में फेंक दी जाएँगी। उन्हें दफ़नानेवाला कोई नहीं होगा, न उनको, न उनकी बीवियों को और न उनके बेटे-बेटियों को। यों मैं उन पर उनकी अपनी बदकारी नाज़िल करूँगा।
Jere UrduGeoD 14:17  ऐ यरमियाह, उन्हें यह कलाम सुना, ‘दिन-रात मेरे आँसू बह रहे हैं। वह रुक नहीं सकते, क्योंकि मेरी क़ौम, मेरी कुँवारी बेटी को गहरी चोट लग गई है, ऐसा ज़ख़म जो भर नहीं सकता।
Jere UrduGeoD 14:18  देहात में जाकर मुझे वह सब नज़र आते हैं जो तलवार से क़त्ल किए गए हैं। जब मैं शहर में वापस आता हूँ तो चारों तरफ़ काल के बुरे असरात दिखाई देते हैं। नबी और इमाम मुल्क में मारे मारे फिर रहे हैं, और उन्हें मालूम नहीं कि क्या करें’।”
Jere UrduGeoD 14:19  ऐ रब, क्या तूने यहूदाह को सरासर रद्द किया है? क्या तुझे सिय्यून से इतनी घिन आती है? तूने हमें इतनी बार क्यों मारा कि हमारा इलाज नामुमकिन हो गया है? हम अमनो-अमान के इंतज़ार में रहे, लेकिन हालात ठीक न हुए। हम शफ़ा पाने की उम्मीद रखते थे, लेकिन इसके बजाए हम पर दहशत छा गई।
Jere UrduGeoD 14:20  ऐ रब, हम अपनी बेदीनी और अपने बापदादा का क़ुसूर तसलीम करते हैं। हमने तेरा ही गुनाह किया है।
Jere UrduGeoD 14:21  अपने नाम की ख़ातिर हमें हक़ीर न जान, अपने जलाली तख़्त की बेहुरमती होने न दे! हमारे साथ अपना अहद याद कर, उसे मनसूख़ न कर।
Jere UrduGeoD 14:22  क्या दीगर अक़वाम के देवताओं में से कोई है जो बारिश बरसा सके? या क्या आसमान ख़ुद ही बारिशें ज़मीन पर भेज देता है? हरगिज़ नहीं, बल्कि तू ही यह सब कुछ करता है, ऐ रब हमारे ख़ुदा। इसी लिए हम तुझ पर उम्मीद रखते हैं। तू ही ने यह सारा इंतज़ाम क़ायम किया है।