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ISAIAH
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Chapter 17
Isai UrduGeoD 17:1  दमिश्क़ शहर के बारे में अल्लाह का फ़रमान : “दमिश्क़ मिट जाएगा, मलबे का ढेर ही रह जाएगा।
Isai UrduGeoD 17:2  अरोईर के शहर भी वीरानो-सुनसान हो जाएंगे। तब रेवड़ ही उनकी गलियों में चरेंगे और आराम करेंगे। कोई नहीं होगा जो उन्हें भगाए।
Isai UrduGeoD 17:3  इसराईल के क़िलाबंद शहर नेस्तो-नाबूद हो जाएंगे, और दमिश्क़ की सलतनत जाती रहेगी। शाम के जो लोग बच निकलेंगे उनका और इसराईल की शानो-शौकत का एक ही अंजाम होगा।” यह है रब्बुल-अफ़वाज का फ़रमान।
Isai UrduGeoD 17:4  “उस दिन याक़ूब की शानो-शौकत कम और उसका मोटा-ताज़ा जिस्म लाग़र होता जाएगा।
Isai UrduGeoD 17:5  फ़सल की कटाई की-सी हालत होगी। जिस तरह काटनेवाला एक हाथ से गंदुम के डंठल को पकड़कर दूसरे से बालों को काटता है उसी तरह इसराईलियों को काटा जाएगा। और जिस तरह वादीए-रफ़ाईम में ग़रीब लोग फ़सल काटनेवालों के पीछे पीछे चलकर बची हुई बालियों को चुनते हैं उसी तरह इसराईल के बचे हुओं को चुना जाएगा।
Isai UrduGeoD 17:6  ताहम कुछ न कुछ बचा रहेगा, उन दो-चार ज़ैतूनों की तरह जो चुनते वक़्त दरख़्त की चोटी पर रह जाते हैं। दरख़्त को डंडे से झाड़ने के बावुजूद कहीं न कहीं चंद एक लगे रहेंगे।” यह है रब, इसराईल के ख़ुदा का फ़रमान।
Isai UrduGeoD 17:7  तब इनसान अपनी नज़र अपने ख़ालिक़ की तरफ़ उठाएगा, और उस की आँखें इसराईल के क़ुद्दूस की तरफ़ देखेंगी।
Isai UrduGeoD 17:8  आइंदा न वह अपने हाथों से बनी हुई क़ुरबानगाहों को तकेगा, न अपनी उँगलियों से बने हुए यसीरत देवी के खंबों और बख़ूर की क़ुरबानगाहों पर ध्यान देगा।
Isai UrduGeoD 17:9  उस वक़्त इसराईली अपने क़िलाबंद शहरों को यों छोड़ेंगे जिस तरह कनानियों ने अपने जंगलों और पहाड़ों की चोटियों को इसराईलियों के आगे आगे छोड़ा था। सब कुछ वीरानो-सुनसान होगा।
Isai UrduGeoD 17:10  अफ़सोस, तू अपनी नजात के ख़ुदा को भूल गया है। तुझे वह चटान याद न रही जिस पर तू पनाह ले सकता है। चुनाँचे अपने प्यारे देवताओं के बाग़ लगाता जा, और उनमें परदेसी अंगूर की क़लमें लगाता जा।
Isai UrduGeoD 17:11  शायद ही वह लगाते वक़्त तेज़ी से उगने लगें, शायद ही उनके फूल उसी सुबह खिलने लगें। तो भी तेरी मेहनत अबस है। तू कभी भी उनके फल से लुत्फ़अंदोज़ नहीं होगा बल्कि महज़ बीमारी और लाइलाज दर्द की फ़सल काटेगा।
Isai UrduGeoD 17:12  बेशुमार क़ौमों का शोर-शराबा सुनो जो तूफ़ानी समुंदर की-सी ठाठें मार रही हैं। उम्मतों का ग़ुल-ग़पाड़ा सुनो जो थपेड़े मारनेवाली मौजों की तरह गरज रही हैं।
Isai UrduGeoD 17:13  क्योंकि ग़ैरक़ौमें पहाड़नुमा लहरों की तरह मुतलातिम हैं। लेकिन रब उन्हें डाँटेगा तो वह दूर दूर भाग जाएँगी। जिस तरह पहाड़ों पर भूसा हवा के झोंकों से उड़ जाता और लुढ़कबूटी आँधी में चक्कर खाने लगती है उसी तरह वह फ़रार हो जाएँगी।
Isai UrduGeoD 17:14  शाम को इसराईल सख़्त घबरा जाएगा, लेकिन पौ फटने से पहले पहले उसके दुश्मन मर गए होंगे। यही हमें लूटनेवालों का नसीब, हमारी ग़ारतगरी करनेवालों का अंजाम होगा।