ISAIAH
1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
11
12
13
14
15
16
17
18
19
20
21
22
23
24
25
26
27
28
29
30
31
32
33
34
35
36
37
38
39
40
41
42
43
44
45
46
47
48
49
50
51
52
53
54
55
56
57
58
59
60
61
62
63
64
65
66
Chapter 28
Isai | UrduGeoD | 28:1 | सामरिया पर अफ़सोस जो इसराईली शराबियों का शानदार ताज है। उस शहर पर अफ़सोस जो इसराईल की शानो-शौकत था लेकिन अब मुरझानेवाला फूल है। उस आबादी पर अफ़सोस जो नशे में धुत लोगों की ज़रख़ेज़ वादी के ऊपर तख़्तनशीन है। | |
Isai | UrduGeoD | 28:2 | देखो, रब एक ज़बरदस्त सूरमा भेजेगा जो ओलों के तूफ़ान, तबाहकुन आँधी और सैलाब पैदा करनेवाली मूसलाधार बारिश की तरह सामरिया पर टूट पड़ेगा और ज़ोर से उसे ज़मीन पर पटख़ देगा। | |
Isai | UrduGeoD | 28:4 | तब यह मुरझानेवाला फूल जो ज़रख़ेज़ वादी के ऊपर तख़्तनशीन है और उस की शानो-शौकत ख़त्म हो जाएगी। उसका हाल फ़सल से पहले पकनेवाले अंजीर जैसा होगा। क्योंकि ज्योंही कोई उसे देखे वह उसे तोड़कर हड़प कर लेगा। | |
Isai | UrduGeoD | 28:5 | उस दिन रब्बुल-अफ़वाज ख़ुद इसराईल का शानदार ताज होगा, वह अपनी क़ौम के बचे हुओं का जलाली सेहरा होगा। | |
Isai | UrduGeoD | 28:6 | वह अदालत करनेवाले को इनसाफ़ की रूह दिलाएगा और शहर के दरवाज़े पर दुश्मन को पीछे धकेलनेवालों के लिए ताक़त का बाइस होगा। | |
Isai | UrduGeoD | 28:7 | लेकिन यह लोग भी मै के असर से डगमगा रहे और शराब पी पीकर लड़खड़ा रहे हैं। इमाम और नबी नशे में झूम रहे हैं। मै पीने से उनके दिमाग़ों में ख़लल आ गया है, शराब पी पीकर वह चक्कर खा रहे हैं। रोया देखते वक़्त वह झूमते, फ़ैसले करते वक़्त झूलते हैं। | |
Isai | UrduGeoD | 28:9 | वह आपस में कहते हैं, “यह शख़्स हमारे साथ इस क़िस्म की बातें क्यों करता है? हमें तालीम देते और इलाही पैग़ाम का मतलब सुनाते वक़्त वह हमें यों समझाता है गोया हम छोटे बच्चे हों जिनका दूध अभी अभी छुड़ाया गया हो। | |
Isai | UrduGeoD | 28:10 | क्योंकि यह कहता है, ‘सव लासव सव लासव, क़व लाक़व क़व लाक़व, थोड़ा-सा इस तरफ़ थोड़ा-सा उस तरफ़’।” | |
Isai | UrduGeoD | 28:11 | चुनाँचे अब अल्लाह हकलाते हुए होंटों और ग़ैरज़बानों की मारिफ़त इस क़ौम से बात करेगा। | |
Isai | UrduGeoD | 28:12 | गो उसने उनसे फ़रमाया था, “यह आराम की जगह है। थकेमाँदों को आराम दो, क्योंकि यहीं वह सुकून पाएँगे।” लेकिन वह सुनने के लिए तैयार नहीं थे। | |
Isai | UrduGeoD | 28:13 | इसलिए आइंदा रब उनसे इन्हीं अलफ़ाज़ से हमकलाम होगा, “सव लासव सव लासव, क़व लाक़व कव लाक़व, थोड़ा-सा इस तरफ़, थोड़ा-सा उस तरफ़।” क्योंकि लाज़िम है कि वह चलकर ठोकर खाएँ, और धड़ाम से अपनी पुश्त पर गिर जाएँ, कि वह ज़ख़मी हो जाएँ और फंदे में फँसकर गिरिफ़्तार हो जाएँ। | |
Isai | UrduGeoD | 28:14 | चुनाँचे अब रब का कलाम सुन लो, ऐ मज़ाक़ उड़ानेवालो, जो यरूशलम में बसनेवाली इस क़ौम पर हुकूमत करते हो। | |
Isai | UrduGeoD | 28:15 | तुम शेख़ी मारकर कहते हो, “हमने मौत से अहद बाँधा और पाताल से मुआहदा किया है। इसलिए जब सज़ा का सैलाब हम पर से गुज़रे तो हमें नुक़सान नहीं पहुँचाएगा। क्योंकि हमने झूट में पनाह ली और धोके में छुप गए हैं।” | |
Isai | UrduGeoD | 28:16 | इसके जवाब में रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, “देखो, मैं सिय्यून में एक पत्थर रख देता हूँ, कोने का एक आज़मूदा और क़ीमती पत्थर जो मज़बूत बुनियाद पर लगा है। जो ईमान लाएगा वह कभी नहीं हिलेगा। | |
Isai | UrduGeoD | 28:17 | इनसाफ़ मेरा फ़ीता और रास्ती मेरी साहूल की डोरी होगी। इनसे मैं सब कुछ परखूँगा। ओले उस झूट का सफ़ाया करेंगे जिसमें तुमने पनाह ली है, और सैलाब तुम्हारी छुपने की जगह उड़ाकर अपने साथ बहा ले जाएगा। | |
Isai | UrduGeoD | 28:18 | तब तुम्हारा मौत के साथ अहद मनसूख़ हो जाएगा, और तुम्हारा पाताल के साथ मुआहदा क़ायम नहीं रहेगा। सज़ा का सैलाब तुम पर से गुज़रकर तुम्हें पामाल करेगा। | |
Isai | UrduGeoD | 28:19 | वह सुबह बसुबह और दिन-रात गुज़रेगा, और जब भी गुज़रेगा तो तुम्हें अपने साथ बहा ले जाएगा। उस वक़्त लोग दहशतज़दा होकर कलाम का मतलब समझेंगे।” | |
Isai | UrduGeoD | 28:20 | चारपाई इतनी छोटी होगी कि तुम पाँव फैलाकर सो नहीं सकोगे। बिस्तर की चौड़ाई इतनी कम होगी कि तुम उसे लपेटकर आराम नहीं कर सकोगे। | |
Isai | UrduGeoD | 28:21 | क्योंकि रब उठकर यों तुम पर झपट पड़ेगा जिस तरह पराज़ीम पहाड़ के पास फ़िलिस्तियों पर झपट पड़ा। जिस तरह वादीए-जिबऊन में अमोरियों पर टूट पड़ा उसी तरह वह तुम पर टूट पड़ेगा। और जो काम वह करेगा वह अजीब होगा, जो क़दम वह उठाएगा वह मामूल से हटकर होगा। | |
Isai | UrduGeoD | 28:22 | चुनाँचे अपनी तानाज़नी से बाज़ आओ, वरना तुम्हारी ज़ंजीरें मज़ीद ज़ोर से कस दी जाएँगी। क्योंकि मुझे क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज से पैग़ाम मिला है कि तमाम दुनिया की तबाही मुतैयिन है। | |
Isai | UrduGeoD | 28:24 | जब किसान खेत को बीज बोने के लिए तैयार करता है तो क्या वह पूरा दिन हल चलाता रहता है? क्या वह अपना पूरा वक़्त ज़मीन खोदने और ढेले तोड़ने में सर्फ़ करता है? | |
Isai | UrduGeoD | 28:25 | हरगिज़ नहीं! जब पूरे खेत की सतह हमवार और तैयार है तो वह अपनी अपनी जगह पर स्याह ज़ीरा और सफ़ेद ज़ीरा, गंदुम, बाजरा और जो का बीज बोता है। आख़िर में वह किनारे पर चारे का बीज बोता है। | |
Isai | UrduGeoD | 28:26 | किसान को ख़ूब मालूम है कि क्या क्या करना होता है, क्योंकि उसके ख़ुदा ने उसे तालीम देकर सहीह तरीक़ा सिखाया। | |
Isai | UrduGeoD | 28:27 | चुनाँचे स्याह ज़ीरा और सफ़ेद ज़ीरा को अनाज की तरह गाहा नहीं जाता। दाने निकालने के लिए उन पर वज़नी चीज़ नहीं चलाई जाती बल्कि उन्हें डंडे से मारा जाता है। | |
Isai | UrduGeoD | 28:28 | और क्या अनाज को गाह गाहकर पीसा जाता है? हरगिज़ नहीं! किसान उसे हद से ज़्यादा नहीं गाहता। गो उसके घोड़े कोई वज़नी चीज़ खींचते हुए बालियों पर से गुज़रते हैं ताकि दाने निकलें ताहम किसान ध्यान देता है कि दाने पिस न जाएँ। | |