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ISAIAH
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Chapter 54
Isai UrduGeoD 54:1  रब फ़रमाता है, “ख़ुशी के नारे लगा, तू जो बेऔलाद है, जो बच्चे को जन्म ही नहीं दे सकती। बुलंद आवाज़ से शादियाना बजा, तू जिसे पैदाइश का दर्द न हुआ। क्योंकि अब तर्क की हुई औरत के बच्चे शादीशुदा औरत के बच्चों से ज़्यादा हैं।
Isai UrduGeoD 54:2  अपने ख़ैमे को बड़ा बना, उसके परदे हर तरफ़ बिछा! बचत मत करना! ख़ैमे के रस्से लंबे लंबे करके मेख़ें मज़बूती से ज़मीन में ठोंक दे।
Isai UrduGeoD 54:3  क्योंकि तू तेज़ी से दाईं और बाईं तरफ़ फैल जाएगी, और तेरी औलाद दीगर क़ौमों पर क़ब्ज़ा करके तबाहशुदा शहरों को अज़ सरे-नौ आबाद करेगी।
Isai UrduGeoD 54:4  मत डरना, तेरी रुसवाई नहीं होगी। शर्मसार न हो, तेरी बेहुरमती नहीं होगी। अब तू अपनी जवानी की शरमिंदगी भूल जाएगी, तेरे ज़हन से बेवा होने की ज़िल्लत उतर जाएगी।
Isai UrduGeoD 54:5  क्योंकि तेरा ख़ालिक़ तेरा शौहर है, रब्बुल-अफ़वाज उसका नाम है, और तेरा छुड़ानेवाला इसराईल का क़ुद्दूस है, जो पूरी दुनिया का ख़ुदा कहलाता है।”
Isai UrduGeoD 54:6  तेरा ख़ुदा फ़रमाता है, “तू मतरूका और दिल से मजरूह बीवी की मानिंद है, उस औरत की मानिंद जिसके शौहर ने उसे रद्द किया, गो उस की शादी उस वक़्त हुई जब कुँवारी ही थी। लेकिन अब मैं, रब ने तुझे बुलाया है।
Isai UrduGeoD 54:7  एक ही लमहे के लिए मैंने तुझे तर्क किया, लेकिन अब बड़े रहम से तुझे जमा करूँगा।
Isai UrduGeoD 54:8  मैंने अपने ग़ज़ब का पूरा ज़ोर तुझ पर नाज़िल करके पल-भर के लिए अपना चेहरा तुझसे छुपा लिया, लेकिन अब अबदी शफ़क़त से तुझ पर रहम करूँगा।” रब तेरा छुड़ानेवाला यह फ़रमाता है।
Isai UrduGeoD 54:9  “बड़े सैलाब के बाद मैंने नूह से क़सम खाई थी कि आइंदा सैलाब कभी पूरी ज़मीन पर नहीं आएगा। इसी तरह अब मैं क़सम खाकर वादा करता हूँ कि आइंदा न मैं कभी तुझसे नाराज़ हूँगा, न तुझे मलामत करूँगा।
Isai UrduGeoD 54:10  गो पहाड़ हट जाएँ और पहाड़ियाँ जुंबिश खाएँ, लेकिन मेरी शफ़क़त तुझ पर से कभी नहीं हटेगी, मेरा सलामती का अहद कभी नहीं हिलेगा।” यह रब का फ़रमान है जो तुझ पर तरस खाता है।
Isai UrduGeoD 54:11  “बेचारी बेटी यरूशलम! शदीद तूफ़ान तुझ पर से गुज़र गए हैं, और कोई नहीं है जो तुझे तसल्ली दे। देख, मैं तेरी दीवारों के पत्थर मज़बूत चूने से जोड़ दूँगा और तेरी बुनियादों को संगे-लाजवर्द से रख दूँगा।
Isai UrduGeoD 54:12  मैं तेरी दीवारों को याक़ूत, तेरे दरवाज़ों को आबे-बहर और तेरी तमाम फ़सील को क़ीमती जवाहर से तामीर करूँगा।
Isai UrduGeoD 54:13  तेरे तमाम फ़रज़ंद रब से तालीम पाएँगे, और तेरी औलाद की सलामती अज़ीम होगी।
Isai UrduGeoD 54:14  तुझे इनसाफ़ की मज़बूत बुनियाद पर रखा जाएगा, चुनाँचे दूसरों के ज़ुल्म से दूर रह, क्योंकि डरने की ज़रूरत नहीं होगी। दहशतज़दा न हो, क्योंकि दहशत खाने का सबब तेरे क़रीब नहीं आएगा।
Isai UrduGeoD 54:15  अगर कोई तुझ पर हमला करे भी तो यह मेरी तरफ़ से नहीं होगा, इसलिए हर हमलाआवर शिकस्त खाएगा।
Isai UrduGeoD 54:16  देख, मैं ही उस लोहार का ख़ालिक़ हूँ जो हवा देकर कोयलों को दहका देता है ताकि काम के लिए मौज़ूँ हथियार बना ले। और मैं ही ने तबाह करनेवाले को ख़लक़ किया ताकि वह बरबादी का काम अंजाम दे।
Isai UrduGeoD 54:17  चुनाँचे जो भी हथियार तुझ पर हमला करने के लिए तैयार हो जाए वह नाकाम होगा, और जो भी ज़बान तुझ पर इलज़ाम लगाए उसे तू मुजरिम साबित करेगी। यही रब के ख़ादिमों का मौरूसी हिस्सा है, मैं ही उनकी रास्तबाज़ी बरक़रार रखूँगा।” रब ख़ुद यह फ़रमाता है।