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Chapter 122
Psal UrduGeoD 122:1  दाऊद का ज़ियारत का गीत। मैं उनसे ख़ुश हुआ जिन्होंने मुझसे कहा, “आओ, हम रब के घर चलें।”
Psal UrduGeoD 122:2  ऐ यरूशलम, अब हमारे पाँव तेरे दरवाज़ों में खड़े हैं।
Psal UrduGeoD 122:3  यरूशलम शहर यों बनाया गया है कि उसके तमाम हिस्से मज़बूती से एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं।
Psal UrduGeoD 122:4  वहाँ क़बीले, हाँ रब के क़बीले हाज़िर होते हैं ताकि रब के नाम की सताइश करें जिस तरह इसराईल को फ़रमाया गया है।
Psal UrduGeoD 122:5  क्योंकि वहाँ तख़्ते-अदालत करने के लिए लगाए गए हैं, वहाँ दाऊद के घराने के तख़्त हैं।
Psal UrduGeoD 122:6  यरूशलम के लिए सलामती माँगो! “जो तुझसे प्यार करते हैं वह सुकून पाएँ।
Psal UrduGeoD 122:7  तेरी फ़सील में सलामती और तेरे महलों में सुकून हो।”
Psal UrduGeoD 122:8  अपने भाइयों और हमसायों की ख़ातिर मैं कहूँगा, “तेरे अंदर सलामती हो!”
Psal UrduGeoD 122:9  रब हमारे ख़ुदा के घर की ख़ातिर मैं तेरी ख़ुशहाली का तालिब रहूँगा।