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Chapter 49
Psal | UrduGeoD | 49:1 | क़ोरह की औलाद का ज़बूर। मौसीक़ी के राहनुमा के लिए। ऐ तमाम क़ौमो, सुनो! दुनिया के तमाम बाशिंदो, ध्यान दो! | |
Psal | UrduGeoD | 49:7 | कोई भी फ़िद्या देकर अपने भाई की जान को नहीं छुड़ा सकता। वह अल्लाह को इस क़िस्म का तावान नहीं दे सकता। | |
Psal | UrduGeoD | 49:8 | क्योंकि इतनी बड़ी रक़म देना उसके बस की बात नहीं। आख़िरकार उसे हमेशा के लिए ऐसी कोशिशों से बाज़ आना पड़ेगा। | |
Psal | UrduGeoD | 49:9 | चुनाँचे कोई भी हमेशा के लिए ज़िंदा नहीं रह सकता, आख़िरकार हर एक मौत के गढ़े में उतरेगा। | |
Psal | UrduGeoD | 49:10 | क्योंकि हर एक देख सकता है कि दानिशमंद भी वफ़ात पाते और अहमक़ और नासमझ भी मिलकर हलाक हो जाते हैं। सबको अपनी दौलत दूसरों के लिए छोड़नी पड़ती है। | |
Psal | UrduGeoD | 49:11 | उनकी क़ब्रें अबद तक उनके घर बनी रहेंगी, पुश्त-दर-पुश्त वह उनमें बसे रहेंगे, गो उन्हें ज़मीनें हासिल थीं जो उनके नाम पर थीं। | |
Psal | UrduGeoD | 49:12 | इनसान अपनी शानो-शौकत के बावुजूद क़ायम नहीं रहता, उसे जानवरों की तरह हलाक होना है। | |
Psal | UrduGeoD | 49:13 | यह उन सबकी तक़दीर है जो अपने आप पर एतमाद रखते हैं, और उन सबका अंजाम जो उनकी बातें पसंद करते हैं। (सिलाह) | |
Psal | UrduGeoD | 49:14 | उन्हें भेड़-बकरियों की तरह पाताल में लाया जाएगा, और मौत उन्हें चराएगी। क्योंकि सुबह के वक़्त दियानतदार उन पर हुकूमत करेंगे। तब उनकी शक्लो-सूरत घिसे-फटे कपड़े की तरह गल-सड़ जाएगी, पाताल ही उनकी रिहाइशगाह होगा। | |
Psal | UrduGeoD | 49:15 | लेकिन अल्लाह मेरी जान का फ़िद्या देगा, वह मुझे पकड़कर पाताल की गिरिफ़्त से छुड़ाएगा। (सिलाह) | |
Psal | UrduGeoD | 49:17 | मरते वक़्त तो वह अपने साथ कुछ नहीं ले जाएगा, उस की शानो-शौकत उसके साथ पाताल में नहीं उतरेगी। | |
Psal | UrduGeoD | 49:18 | बेशक वह जीते-जी अपने आपको मुबारक कहेगा, और दूसरे भी खाते-पीते आदमी की तारीफ़ करेंगे। | |
Psal | UrduGeoD | 49:19 | फिर भी वह आख़िरकार अपने बापदादा की नसल के पास उतरेगा, उनके पास जो दुबारा कभी रौशनी नहीं देखेंगे। | |