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Chapter 68
Psal | UrduGeoD | 68:1 | दाऊद का ज़बूर। मौसीक़ी के राहनुमा के लिए गीत। अल्लाह उठे तो उसके दुश्मन तित्तर-बित्तर हो जाएंगे, उससे नफ़रत करनेवाले उसके सामने से भाग जाएंगे। | |
Psal | UrduGeoD | 68:2 | वह धुएँ की तरह बिखर जाएंगे। जिस तरह मोम आग के सामने पिघल जाता है उसी तरह बेदीन अल्लाह के हुज़ूर हलाक हो जाएंगे। | |
Psal | UrduGeoD | 68:3 | लेकिन रास्तबाज़ ख़ुशो-ख़ुर्रम होंगे, वह अल्लाह के हुज़ूर जशन मनाकर फूले न समाएँगे। | |
Psal | UrduGeoD | 68:4 | अल्लाह की ताज़ीम में गीत गाओ, उसके नाम की मद्हसराई करो! जो रथ पर सवार बयाबान में से गुज़र रहा है उसके लिए रास्ता तैयार करो। रब उसका नाम है, उसके हुज़ूर ख़ुशी मनाओ! | |
Psal | UrduGeoD | 68:6 | अल्लाह बेघरों को घरों में बसा देता और क़ैदियों को क़ैद से निकालकर ख़ुशहाली अता करता है। लेकिन जो सरकश हैं वह झुलसे हुए मुल्क में रहेंगे। | |
Psal | UrduGeoD | 68:7 | ऐ अल्लाह, जब तू अपनी क़ौम के आगे आगे निकला, जब तू रेगिस्तान में क़दम बक़दम आगे बढ़ा (सिलाह) | |
Psal | UrduGeoD | 68:8 | तो ज़मीन लरज़ उठी और आसमान से बारिश टपकने लगी। हाँ, अल्लाह के हुज़ूर जो कोहे-सीना और इसराईल का ख़ुदा है ऐसा ही हुआ। | |
Psal | UrduGeoD | 68:9 | ऐ अल्लाह, तूने कसरत की बारिश बरसने दी। जब कभी तेरा मौरूसी मुल्क निढाल हुआ तो तूने उसे ताज़ादम किया। | |
Psal | UrduGeoD | 68:10 | यों तेरी क़ौम उसमें आबाद हुई। ऐ अल्लाह, अपनी भलाई से तूने उसे ज़रूरतमंदों के लिए तैयार किया। | |
Psal | UrduGeoD | 68:12 | “फ़ौजों के बादशाह भाग रहे हैं। वह भाग रहे हैं और औरतें लूट का माल तक़सीम कर रही हैं। | |
Psal | UrduGeoD | 68:13 | तुम क्यों अपने ज़ीन के दो बोरों के दरमियान बैठे रहते हो? देखो, कबूतर के परों पर चाँदी और उसके शाहपरों पर पीला सोना चढ़ाया गया है।” | |
Psal | UrduGeoD | 68:14 | जब क़ादिरे-मुतलक़ ने वहाँ के बादशाहों को मुंतशिर कर दिया तो कोहे-ज़लमोन पर बर्फ़ पड़ी। | |
Psal | UrduGeoD | 68:16 | ऐ पहाड़ की मुतअद्दिद चोटियो, तुम उस पहाड़ को क्यों रश्क की निगाह से देखती हो जिसे अल्लाह ने अपनी सुकूनतगाह के लिए पसंद किया है? यक़ीनन रब वहाँ हमेशा के लिए सुकूनत करेगा। | |
Psal | UrduGeoD | 68:17 | अल्लाह के बेशुमार रथ और अनगिनत फ़ौजी हैं। ख़ुदावंद उनके दरमियान है, सीना का ख़ुदा मक़दिस में है। | |
Psal | UrduGeoD | 68:18 | तूने बुलंदी पर चढ़कर क़ैदियों का हुजूम गिरिफ़्तार कर लिया, तुझे इनसानों से तोह्फ़े मिले, उनसे भी जो सरकश हो गए थे। यों ही रब ख़ुदा वहाँ सुकूनतपज़ीर हुआ। | |
Psal | UrduGeoD | 68:19 | रब की तमजीद हो जो रोज़ बरोज़ हमारा बोझ उठाए चलता है। अल्लाह हमारी नजात है। (सिलाह) | |
Psal | UrduGeoD | 68:20 | हमारा ख़ुदा वह ख़ुदा है जो हमें बार बार नजात देता है, रब क़ादिरे-मुतलक़ हमें बार बार मौत से बचने के रास्ते मुहैया करता है। | |
Psal | UrduGeoD | 68:21 | यक़ीनन अल्लाह अपने दुश्मनों के सरों को कुचल देगा। जो अपने गुनाहों से बाज़ नहीं आता उस की खोपड़ी वह पाश पाश करेगा। | |
Psal | UrduGeoD | 68:22 | रब ने फ़रमाया, “मैं उन्हें बसन से वापस लाऊँगा, समुंदर की गहराइयों से वापस पहुँचाऊँगा। | |
Psal | UrduGeoD | 68:24 | ऐ अल्लाह, तेरे जुलूस नज़र आ गए हैं, मेरे ख़ुदा और बादशाह के जुलूस मक़दिस में दाख़िल होते हुए नज़र आ गए हैं। | |
Psal | UrduGeoD | 68:25 | आगे गुलूकार, फिर साज़ बजानेवाले चल रहे हैं। उनके आस-पास कुँवारियाँ दफ़ बजाते हुए फिर रही हैं। | |
Psal | UrduGeoD | 68:26 | “जमातों में अल्लाह की सताइश करो! जितने भी इसराईल के सरचश्मे से निकले हुए हो रब की तमजीद करो!” | |
Psal | UrduGeoD | 68:27 | वहाँ सबसे छोटा भाई बिनयमीन आगे चल रहा है, फिर यहूदाह के बुज़ुर्गों का पुरशोर हुजूम ज़बूलून और नफ़ताली के बुज़ुर्गों के साथ चल रहा है। | |
Psal | UrduGeoD | 68:28 | ऐ अल्लाह, अपनी क़ुदरत बरूए-कार ला! ऐ अल्लाह, जो क़ुदरत तूने पहले भी हमारी ख़ातिर दिखाई उसे दुबारा दिखा! | |
Psal | UrduGeoD | 68:30 | सरकंडों में छुपे हुए दरिंदे को मलामत कर! साँडों का जो ग़ोल बछड़ों जैसी क़ौमों में रहता है उसे डाँट! उन्हें कुचल दे जो चाँदी को प्यार करते हैं। उन क़ौमों को मुंतशिर कर जो जंग करने से लुत्फ़अंदोज़ होती हैं। | |
Psal | UrduGeoD | 68:33 | जो अपने रथ पर सवार होकर क़दीम ज़माने के बुलंदतरीन आसमानों में से गुज़रता है। सुनो उस की आवाज़ जो ज़ोर से गरज रहा है। | |
Psal | UrduGeoD | 68:34 | अल्लाह की क़ुदरत को तसलीम करो! उस की अज़मत इसराईल पर छाई रहती और उस की क़ुदरत आसमान पर है। | |