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Chapter 141
Psal UrduGeoD 141:1  दाऊद का ज़बूर। ऐ रब, मैं तुझे पुकार रहा हूँ, मेरे पास आने में जल्दी कर! जब मैं तुझे आवाज़ देता हूँ तो मेरी फ़रियाद पर ध्यान दे!
Psal UrduGeoD 141:2  मेरी दुआ तेरे हुज़ूर बख़ूर की क़ुरबानी की तरह क़बूल हो, मेरे तेरी तरफ़ उठाए हुए हाथ शाम की ग़ल्ला की नज़र की तरह मंज़ूर हों।
Psal UrduGeoD 141:3  ऐ रब, मेरे मुँह पर पहरा बिठा, मेरे होंटों के दरवाज़े की निगहबानी कर।
Psal UrduGeoD 141:4  मेरे दिल को ग़लत बात की तरफ़ मायल न होने दे, ऐसा न हो कि मैं बदकारों के साथ मिलकर बुरे काम में मुलव्वस हो जाऊँ और उनके लज़ीज़ खानों में शिरकत करूँ।
Psal UrduGeoD 141:5  रास्तबाज़ शफ़क़त से मुझे मारे और मुझे तंबीह करे। मेरा सर इससे इनकार नहीं करेगा, क्योंकि यह उसके लिए शफ़ाबख़्श तेल की मानिंद होगा। लेकिन मैं हर वक़्त शरीरों की हरकतों के ख़िलाफ़ दुआ करता हूँ।
Psal UrduGeoD 141:6  जब वह गिरकर उस चटान के हाथ में आएँगे जो उनका मुंसिफ़ है तो वह मेरी बातों पर ध्यान देंगे, और उन्हें समझ आएगी कि वह कितनी प्यारी हैं।
Psal UrduGeoD 141:7  ऐ अल्लाह, हमारी हड्डियाँ उस ज़मीन की मानिंद हैं जिस पर किसी ने इतने ज़ोर से हल चलाया है कि ढेले उड़कर इधर उधर बिखर गए हैं। हमारी हड्डियाँ पाताल के मुँह तक बिखर गई हैं।
Psal UrduGeoD 141:8  ऐ रब क़ादिरे-मुतलक़, मेरी आँखें तुझ पर लगी रहती हैं, और मैं तुझमें पनाह लेता हूँ। मुझे मौत के हवाले न कर।
Psal UrduGeoD 141:9  मुझे उस जाल से महफ़ूज़ रख जो उन्होंने मुझे पकड़ने के लिए बिछाया है। मुझे बदकारों के फंदों से बचाए रख।
Psal UrduGeoD 141:10  बेदीन मिलकर उनके अपने जालों में उलझ जाएँ जबकि मैं बचकर आगे निकलूँ।