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Chapter 61
Psal UrduGeoD 61:1  दाऊद का ज़बूर। मौसीक़ी के राहनुमा के लिए। तारदार साज़ के साथ गाना है। ऐ अल्लाह, मेरी आहो-ज़ारी सुन, मेरी दुआ पर तवज्जुह दे।
Psal UrduGeoD 61:2  मैं तुझे दुनिया की इंतहा से पुकार रहा हूँ, क्योंकि मेरा दिल निढाल हो गया है। मेरी राहनुमाई करके मुझे उस चटान पर पहुँचा दे जो मुझसे बुलंद है।
Psal UrduGeoD 61:3  क्योंकि तू मेरी पनाहगाह रहा है, एक मज़बूत बुर्ज जिसमें मैं दुश्मन से महफ़ूज़ हूँ।
Psal UrduGeoD 61:4  मैं हमेशा के लिए तेरे ख़ैमे में रहना, तेरे परों तले पनाह लेना चाहता हूँ। (सिलाह)
Psal UrduGeoD 61:5  क्योंकि ऐ अल्लाह, तूने मेरी मन्नतों पर ध्यान दिया, तूने मुझे वह मीरास बख़्शी जो उन सबको मिलती है जो तेरा ख़ौफ़ मानते हैं।
Psal UrduGeoD 61:6  बादशाह को उम्र की दराज़ी बख़्श दे। वह पुश्त-दर-पुश्त जीता रहे।
Psal UrduGeoD 61:7  वह हमेशा तक अल्लाह के हुज़ूर तख़्तनशीन रहे। शफ़क़त और वफ़ादारी उस की हिफ़ाज़त करें।
Psal UrduGeoD 61:8  तब मैं हमेशा तक तेरे नाम की मद्हसराई करूँगा, रोज़ बरोज़ अपनी मन्नतें पूरी करूँगा।