SONG OF SOLOMON
Chapter 8
| Song | UrduGeoD | 8:1 | काश तू मेरा सगा भाई होता, तब अगर बाहर तुझसे मुलाक़ात होती तो मैं तुझे बोसा देती और कोई न होता जो यह देखकर मुझे हक़ीर जानता। | |
| Song | UrduGeoD | 8:2 | मैं तेरी राहनुमाई करके तुझे अपनी माँ के घर में ले जाती, उसके घर में जिसने मुझे तालीम दी। वहाँ मैं तुझे मसालेदार मै और अपने अनारों का रस पिलाती। | |
| Song | UrduGeoD | 8:4 | ऐ यरूशलम की बेटियो, क़सम खाओ कि जब तक मुहब्बत ख़ुद न चाहे तुम उसे न जगाओगी, न बेदार करोगी। | |
| Song | UrduGeoD | 8:5 | यह कौन है जो अपने महबूब का सहारा लेकर रेगिस्तान से चढ़ी आ रही है? सेब के दरख़्त तले मैंने तुझे जगा दिया, वहाँ जहाँ तेरी माँ ने तुझे जन्म दिया, जहाँ उसने दर्दे-ज़ह में मुब्तला होकर तुझे पैदा किया। | |
| Song | UrduGeoD | 8:6 | मुझे मुहर की तरह अपने दिल पर, अपने बाज़ू पर लगाए रख! क्योंकि मुहब्बत मौत जैसी ताक़तवर, और उस की सरगरमी पाताल जैसी बे-लचक है। वह दहकती आग, रब का भड़कता शोला है। | |
| Song | UrduGeoD | 8:7 | पानी का बड़ा सैलाब भी मुहब्बत को बुझा नहीं सकता, बड़े दरिया भी उसे बहाकर ले जा नहीं सकते। और अगर कोई मुहब्बत को पाने के लिए अपने घर की तमाम दौलत पेश भी करे तो भी उसे जवाब में हक़ीर ही जाना जाएगा। | |
| Song | UrduGeoD | 8:8 | हमारी छोटी बहन की छातियाँ नहीं हैं। हम अपनी बहन के लिए क्या करें अगर कोई उससे रिश्ता बाँधने आए? | |
| Song | UrduGeoD | 8:9 | अगर वह दीवार हो तो हम उस पर चाँदी का क़िलाबंद इंतज़ाम बनाएँगे। अगर वह दरवाज़ा हो तो हम उसे देवदार के तख़्ते से महफ़ूज़ रखेंगे। | |
| Song | UrduGeoD | 8:10 | मैं दीवार हूँ, और मेरी छातियाँ मज़बूत मीनार हैं। अब मैं उस की नज़र में ऐसी ख़ातून बन गई हूँ जिसे सलामती हासिल हुई है। | |
| Song | UrduGeoD | 8:11 | बाल-हामून में सुलेमान का अंगूर का बाग़ था। इस बाग़ को उसने पहरेदारों के हवाले कर दिया। हर एक को उस की फ़सल के लिए चाँदी के हज़ार सिक्के देने थे। | |
| Song | UrduGeoD | 8:12 | लेकिन मेरा अपना अंगूर का बाग़ मेरे सामने ही मौजूद है। ऐ सुलेमान, चाँदी के हज़ार सिक्के तेरे लिए हैं, और 200 सिक्के उनके लिए जो उस की फ़सल की पहरादारी करते हैं। | |
| Song | UrduGeoD | 8:13 | ऐ बाग़ में बसनेवाली, मेरे साथी तेरी आवाज़ पर तवज्जुह दे रहे हैं। मुझे ही अपनी आवाज़ सुनने दे। | |