EZEKIEL
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Chapter 13
Ezek | UrduGeoD | 13:2 | “ऐ आदमज़ाद, इसराईल के नाम-निहाद नबियों के ख़िलाफ़ नबुव्वत कर! जो नबुव्वत करते वक़्त अपने दिलों से उभरनेवाली बातें ही पेश करते हैं, उनसे कह, ‘रब का फ़रमान सुनो! | |
Ezek | UrduGeoD | 13:3 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि उन अहमक़ नबियों पर अफ़सोस जिन्हें अपनी ही रूह से तहरीक मिलती है और जो हक़ीक़त में रोया नहीं देखते। | |
Ezek | UrduGeoD | 13:5 | न कोई दीवार के रख़नों में खड़ा हुआ, न किसी ने उस की मरम्मत की ताकि इसराईली क़ौम रब के उस दिन क़ायम रह सके जब जंग छिड़ जाएगी। | |
Ezek | UrduGeoD | 13:6 | उनकी रोयाएँ धोका ही धोका, उनकी पेशगोइयाँ झूट ही झूट हैं। वह कहते हैं, “रब फ़रमाता है” गो रब ने उन्हें नहीं भेजा। ताज्जुब की बात है कि तो भी वह तवक़्क़ो करते हैं कि मैं उनकी पेशगोइयाँ पूरी होने दूँ! | |
Ezek | UrduGeoD | 13:7 | हक़ीक़त में तुम्हारी रोयाएँ धोका ही धोका और तुम्हारी पेशगोइयाँ झूट ही झूट हैं। तो भी तुम कहते हो, “रब फ़रमाता है” हालाँकि मैंने कुछ नहीं फ़रमाया। | |
Ezek | UrduGeoD | 13:8 | चुनाँचे रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं तुम्हारी फ़रेबदेह बातों और झूटी रोयाओं की वजह से तुमसे निपट लूँगा। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। | |
Ezek | UrduGeoD | 13:9 | मैं अपना हाथ उन नबियों के ख़िलाफ़ बढ़ा दूँगा जो धोके की रोयाएँ देखते और झूटी पेशगोइयाँ सुनाते हैं। न वह मेरी क़ौम की मजलिस में शरीक होंगे, न इसराईली क़ौम की फ़हरिस्तों में दर्ज होंगे। मुल्के-इसराईल में वह कभी दाख़िल नहीं होंगे। तब तुम जान लोगे कि मैं रब क़ादिरे-मुतलक़ हूँ। | |
Ezek | UrduGeoD | 13:10 | वह मेरी क़ौम को ग़लत राह पर लाकर अमनो-अमान का एलान करते हैं अगरचे अमनो-अमान है नहीं। जब क़ौम अपने लिए कच्ची-सी दीवार बना लेती है तो यह नबी उस पर सफेदी फेर देते हैं। | |
Ezek | UrduGeoD | 13:11 | लेकिन ऐ सफेदी करनेवालो, ख़बरदार! यह दीवार गिर जाएगी। मूसलाधार बारिश बरसेगी, ओले पड़ेंगे और सख़्त आँधी उस पर टूट पड़ेगी। | |
Ezek | UrduGeoD | 13:12 | तब दीवार गिर जाएगी, और लोग तंज़न तुमसे पूछेंगे कि अब वह सफेदी कहाँ है जो तुमने दीवार पर फेरी थी? | |
Ezek | UrduGeoD | 13:13 | रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं तैश में आकर दीवार पर ज़बरदस्त आँधी आने दूँगा, ग़ुस्से में उस पर मूसलाधार बारिश और मोहलक ओले बरसा दूँगा। | |
Ezek | UrduGeoD | 13:14 | मैं उस दीवार को ढा दूँगा जिस पर तुमने सफेदी फेरी थी, उसे ख़ाक में यों मिला दूँगा कि उस की बुनियाद नज़र आएगी। और जब वह गिर जाएगी तो तुम भी उस की ज़द में आकर तबाह हो जाओगे। तब तुम जान लोगे कि मैं ही रब हूँ। | |
Ezek | UrduGeoD | 13:15 | यों मैं दीवार और उस की सफेदी करनेवालों पर अपना ग़ुस्सा उतारूँगा। तब मैं तुमसे कहूँगा कि दीवार भी ख़त्म है और उस की सफेदी करनेवाले भी, | |
Ezek | UrduGeoD | 13:16 | यानी इसराईल के वह नबी जिन्होंने यरूशलम को ऐसी पेशगोइयाँ और रोयाएँ सुनाईं जिनके मुताबिक़ अमनो-अमान का दौर क़रीब ही है, हालाँकि अमनो-अमान का इमकान ही नहीं। यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है।’ | |
Ezek | UrduGeoD | 13:17 | ऐ आदमज़ाद, अब अपनी क़ौम की उन बेटियों का सामना कर जो नबुव्वत करते वक़्त वही बातें पेश करती हैं जो उनके दिलों से उभर आती हैं। उनके ख़िलाफ़ नबुव्वत करके | |
Ezek | UrduGeoD | 13:18 | कह, ‘रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि उन औरतों पर अफ़सोस जो तमाम लोगों के लिए कलाई से बाँधनेवाले तावीज़-सी लेती हैं, जो लोगों को फँसाने के लिए छोटों और बड़ों के सरों के लिए परदे बना लेती हैं। ऐ औरतो, क्या तुम वाक़ई समझती हो कि मेरी क़ौम में से बाज़ को फाँस सकती और बाज़ को अपने लिए ज़िंदा छोड़ सकती हो? | |
Ezek | UrduGeoD | 13:19 | मेरी क़ौम के दरमियान ही तुमने मेरी बेहुरमती की, और यह सिर्फ़ चंद एक मुट्ठी-भर जौ और रोटी के दो-चार टुकड़ों के लिए। अफ़सोस, मेरी क़ौम झूट सुनना पसंद करती है। इससे फ़ायदा उठाकर तुमने उसे झूट पेश करके उन्हें मार डाला जिन्हें मरना नहीं था और उन्हें ज़िंदा छोड़ा जिन्हें ज़िंदा नहीं रहना था। | |
Ezek | UrduGeoD | 13:20 | इसलिए रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि मैं तुम्हारे तावीज़ों से निपट लूँगा जिनके ज़रीए तुम लोगों को परिंदों की तरह पकड़ लेती हो। मैं जादूगरी की यह चीज़ें तुम्हारे बाज़ुओं से नोचकर फाड़ डालूँगा और उन्हें रिहा करूँगा जिन्हें तुमने परिंदों की तरह पकड़ लिया है। | |
Ezek | UrduGeoD | 13:21 | मैं तुम्हारे परदों को फाड़कर हटा लूँगा और अपनी क़ौम को तुम्हारे हाथों से बचा लूँगा। आइंदा वह तुम्हारा शिकार नहीं रहेगी। तब तुम जान लोगी कि मैं ही रब हूँ। | |
Ezek | UrduGeoD | 13:22 | तुमने अपने झूट से रास्तबाज़ों को दुख पहुँचाया, हालाँकि यह दुख मेरी तरफ़ से नहीं था। साथ साथ तुमने बेदीनों की हौसलाअफ़्ज़ाई की कि वह अपनी बुरी राहों से बाज़ न आएँ, हालाँकि वह बाज़ आने से बच जाते। | |