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Chapter 52
Psal UrduGeoD 52:1  दाऊद का ज़बूर। मौसीक़ी के राहनुमा के लिए। हिकमत का यह गीत उस वक़्त से मुताल्लिक़ है जब दोएग अदोमी साऊल बादशाह के पास गया और उसे बताया, “दाऊद अख़ीमलिक इमाम के घर में गया है।” ऐ सूरमे, तू अपनी बदी पर क्यों फ़ख़र करता है? अल्लाह की शफ़क़त दिन-भर क़ायम रहती है।
Psal UrduGeoD 52:2  ऐ धोकेबाज़, तेरी ज़बान तेज़ उस्तरे की तरह चलती हुई तबाही के मनसूबे बाँधती है।
Psal UrduGeoD 52:3  तुझे भलाई की निसबत बुराई ज़्यादा प्यारी है, सच बोलने की निसबत झूट ज़्यादा पसंद है। (सिलाह)
Psal UrduGeoD 52:4  ऐ फ़रेबदेह ज़बान, तू हर तबाहकुन बात से प्यार करती है।
Psal UrduGeoD 52:5  लेकिन अल्लाह तुझे हमेशा के लिए ख़ाक में मिलाएगा। वह तुझे मार मारकर तेरे ख़ैमे से निकाल देगा, तुझे जड़ से उखाड़कर ज़िंदों के मुल्क से ख़ारिज कर देगा। (सिलाह)
Psal UrduGeoD 52:6  रास्तबाज़ यह देखकर ख़ौफ़ खाएँगे। वह उस पर हँसकर कहेंगे,
Psal UrduGeoD 52:7  “लो, यह वह आदमी है जिसने अल्लाह में पनाह न ली बल्कि अपनी बड़ी दौलत पर एतमाद किया, जो अपने तबाहकुन मनसूबों से ताक़तवर हो गया था।”
Psal UrduGeoD 52:8  लेकिन मैं अल्लाह के घर में ज़ैतून के फलते-फूलते दरख़्त की मानिंद हूँ। मैं हमेशा के लिए अल्लाह की शफ़क़त पर भरोसा रखूँगा।
Psal UrduGeoD 52:9  मैं अबद तक उसके लिए तेरी सताइश करूँगा जो तूने किया है। मैं तेरे ईमानदारों के सामने ही तेरे नाम के इंतज़ार में रहूँगा, क्योंकि वह भला है।