SONG OF SOLOMON
Chapter 4
Song | UrduGeoD | 4:1 | मेरी महबूबा, तू कितनी ख़ूबसूरत, कितनी हसीन है! निक़ाब के पीछे तेरी आँखों की झलक कबूतरों की मानिंद है। तेरे बाल उन बकरियों की मानिंद हैं जो उछलती-कूदती कोहे-जिलियाद से उतरती हैं। | |
Song | UrduGeoD | 4:2 | तेरे दाँत अभी अभी कतरी और नहलाई हुई भेड़ों जैसे सफ़ेद हैं। हर दाँत का जुड़वाँ है, एक भी गुम नहीं हुआ। | |
Song | UrduGeoD | 4:3 | तेरे होंट क़िरमिज़ी रंग का डोरा हैं, तेरा मुँह कितना प्यारा है। निक़ाब के पीछे तेरे गालों की झलक अनार के टुकड़ों की मानिंद दिखाई देती है। | |
Song | UrduGeoD | 4:4 | तेरी गरदन दाऊद के बुर्ज जैसी दिलरुबा है। जिस तरह इस गोल और मज़बूत बुर्ज से पहलवानों की हज़ार ढालें लटकी हैं उस तरह तेरी गरदन भी ज़ेवरात से आरास्ता है। | |
Song | UrduGeoD | 4:6 | इससे पहले कि शाम की हवा चले और साय लंबे होकर फ़रार हो जाएँ मैं मुर के पहाड़ और बख़ूर की पहाड़ी के पास चलूँगा। | |
Song | UrduGeoD | 4:8 | आ मेरी दुलहन, लुबनान से मेरे साथ आ! हम कोहे-अमाना की चोटी से, सनीर और हरमून की चोटियों से उतरें, शेरों की माँदों और चीतों के पहाड़ों से उतरें। | |
Song | UrduGeoD | 4:9 | मेरी बहन, मेरी दुलहन, तूने मेरा दिल चुरा लिया है, अपनी आँखों की एक ही नज़र से, अपने गुलूबंद के एक ही जौहर से तूने मेरा दिल चुरा लिया है। | |
Song | UrduGeoD | 4:10 | मेरी बहन, मेरी दुलहन, तेरी मुहब्बत कितनी मनमोहन है! तेरा प्यार मै से कहीं ज़्यादा पसंदीदा है। बलसान की कोई भी ख़ुशबू तेरी महक का मुक़ाबला नहीं कर सकती। | |
Song | UrduGeoD | 4:11 | मेरी दुलहन, जिस तरह शहद छत्ते से टपकता है उसी तरह तेरे होंटों से मिठास टपकती है। दूध और शहद तेरी ज़बान तले रहते हैं। तेरे कपड़ों की ख़ुशबू सूँघकर लुबनान की ख़ुशबू याद आती है। | |
Song | UrduGeoD | 4:12 | मेरी बहन, मेरी दुलहन, तू एक बाग़ है जिसकी चारदीवारी किसी और को अंदर आने नहीं देती, एक बंद किया गया चश्मा जिस पर मुहर लगी है। | |
Song | UrduGeoD | 4:13 | बाग़ में अनार के दरख़्त लगे हैं जिन पर लज़ीज़ फल पक रहा है। मेहँदी के पौदे भी उग रहे हैं। | |
Song | UrduGeoD | 4:14 | बालछड़, ज़ाफ़रान, ख़ुशबूदार बेद, दारचीनी, बख़ूर की हर क़िस्म का दरख़्त, मुर, ऊद और हर क़िस्म का बलसान बाग़ में फलता-फूलता है। | |