EXODUS
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Chapter 1
Exod | UrduGeoD | 1:1 | ज़ैल में उन बेटों के नाम हैं जो अपने बाप याक़ूब और अपने ख़ानदानों समेत मिसर में आए थे : | |
Exod | UrduGeoD | 1:6 | मिसर में रहते हुए बहुत दिन गुज़र गए। इतने में यूसुफ़, उसके तमाम भाई और उस नसल के तमाम लोग मर गए। | |
Exod | UrduGeoD | 1:7 | इसराईली फले-फूले और तादाद में बहुत बढ़ गए। नतीजे में वह निहायत ही ताक़तवर हो गए। पूरा मुल्क उनसे भर गया। | |
Exod | UrduGeoD | 1:9 | उसने अपने लोगों से कहा, “इसराईलियों को देखो। वह तादाद और ताक़त में हमसे बढ़ गए हैं। | |
Exod | UrduGeoD | 1:10 | आओ, हम हिकमत से काम लें, वरना वह मज़ीद बढ़ जाएंगे। ऐसा न हो कि वह किसी जंग के मौक़े पर दुश्मन का साथ देकर हमसे लड़ें और मुल्क को छोड़ जाएँ।” | |
Exod | UrduGeoD | 1:11 | चुनाँचे मिसरियों ने इसराईलियों पर निगरान मुक़र्रर किए ताकि बेगार में उनसे काम करवाकर उन्हें दबाते रहें। उस वक़्त उन्होंने पितोम और रामसीस के शहर तामीर किए। इन शहरों में फ़िरौन बादशाह के बड़े बड़े गोदाम थे। | |
Exod | UrduGeoD | 1:12 | लेकिन जितना इसराईलियों को दबाया गया उतना ही वह तादाद में बढ़ते और फैलते गए। आख़िरकार मिसरी उनसे दहशत खाने लगे, | |
Exod | UrduGeoD | 1:14 | इसराईलियों का गुज़ारा निहायत मुश्किल हो गया। उन्हें गारा तैयार करके ईंटें बनाना और खेतों में मुख़्तलिफ़ क़िस्म के काम करना पड़े। इसमें मिसरी उनसे बड़ी बेरहमी से पेश आते रहे। | |
Exod | UrduGeoD | 1:15 | इसराईलियों की दो दाइयाँ थीं जिनके नाम सिफ़रा और फ़ुआ थे। मिसर के बादशाह ने उनसे कहा, | |
Exod | UrduGeoD | 1:16 | “जब इबरानी औरतें तुम्हें मदद के लिए बुलाएँ तो ख़बरदार रहो। अगर लड़का पैदा हो तो उसे जान से मार दो, अगर लड़की हो तो उसे जीता छोड़ दो।” | |
Exod | UrduGeoD | 1:17 | लेकिन दाइयाँ अल्लाह का ख़ौफ़ मानती थीं। उन्होंने मिसर के बादशाह का हुक्म न माना बल्कि लड़कों को भी जीने दिया। | |
Exod | UrduGeoD | 1:18 | तब मिसर के बादशाह ने उन्हें दुबारा बुलाकर पूछा, “तुमने यह क्यों किया? तुम लड़कों को क्यों जीता छोड़ देती हो?” | |
Exod | UrduGeoD | 1:19 | उन्होंने जवाब दिया, “इबरानी औरतें मिसरी औरतों से ज़्यादा मज़बूत हैं। बच्चे हमारे पहुँचने से पहले ही पैदा हो जाते हैं।” | |
Exod | UrduGeoD | 1:20 | चुनाँचे अल्लाह ने दाइयों को बरकत दी, और इसराईली क़ौम तादाद में बढ़कर बहुत ताक़तवर हो गई। | |
Exod | UrduGeoD | 1:21 | और चूँकि दाइयाँ अल्लाह का ख़ौफ़ मानती थीं इसलिए उसने उन्हें औलाद देकर उनके ख़ानदानों को क़ायम रखा। | |