EXODUS
1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
11
12
13
14
15
16
17
18
19
20
21
22
23
24
25
26
27
28
29
30
31
32
33
34
35
36
37
38
39
40
Chapter 25
Exod | UrduGeoD | 25:2 | “इसराईलियों को बता कि वह हदिये लाकर मुझे उठानेवाली क़ुरबानी के तौर पर पेश करें। लेकिन सिर्फ़ उनसे हदिये क़बूल करो जो दिली ख़ुशी से दें। | |
Exod | UrduGeoD | 25:6 | शमादान के लिए ज़ैतून का तेल, मसह करने के लिए तेल और ख़ुशबूदार बख़ूर के लिए मसाले, | |
Exod | UrduGeoD | 25:7 | अक़ीक़े-अहमर और दीगर जवाहर जो इमामे-आज़म के बालापोश और सीने के कीसे में जड़े जाएंगे। | |
Exod | UrduGeoD | 25:9 | मैं तुझे मक़दिस और उसके तमाम सामान का नमूना दिखाऊँगा, क्योंकि तुम्हें सब कुछ ऐन उसी के मुताबिक़ बनाना है। | |
Exod | UrduGeoD | 25:10 | लोग कीकर की लकड़ी का संदूक़ बनाएँ। उस की लंबाई पौने चार फ़ुट हो जबकि उस की चौड़ाई और ऊँचाई सवा दो दो फ़ुट हो। पूरे संदूक़ पर अंदर और बाहर से ख़ालिस सोना चढ़ाना। ऊपर की सतह के इर्दगिर्द सोने की झालर लगाना। संदूक़ को उठाने के लिए सोने के चार कड़े ढालकर उन्हें संदूक़ के चारपाइयों पर लगाना। दोनों तरफ़ दो दो कड़े हों। | |
Exod | UrduGeoD | 25:11 | लोग कीकर की लकड़ी का संदूक़ बनाएँ। उस की लंबाई पौने चार फ़ुट हो जबकि उस की चौड़ाई और ऊँचाई सवा दो दो फ़ुट हो। पूरे संदूक़ पर अंदर और बाहर से ख़ालिस सोना चढ़ाना। ऊपर की सतह के इर्दगिर्द सोने की झालर लगाना। संदूक़ को उठाने के लिए सोने के चार कड़े ढालकर उन्हें संदूक़ के चारपाइयों पर लगाना। दोनों तरफ़ दो दो कड़े हों। | |
Exod | UrduGeoD | 25:12 | लोग कीकर की लकड़ी का संदूक़ बनाएँ। उस की लंबाई पौने चार फ़ुट हो जबकि उस की चौड़ाई और ऊँचाई सवा दो दो फ़ुट हो। पूरे संदूक़ पर अंदर और बाहर से ख़ालिस सोना चढ़ाना। ऊपर की सतह के इर्दगिर्द सोने की झालर लगाना। संदूक़ को उठाने के लिए सोने के चार कड़े ढालकर उन्हें संदूक़ के चारपाइयों पर लगाना। दोनों तरफ़ दो दो कड़े हों। | |
Exod | UrduGeoD | 25:17 | संदूक़ का ढकना ख़ालिस सोने का बनाना। उस की लंबाई पौने चार फ़ुट और चौड़ाई सवा दो फ़ुट हो। उसका नाम कफ़्फ़ारे का ढकना है। | |
Exod | UrduGeoD | 25:18 | सोने से घड़कर दो करूबी फ़रिश्ते बनाए जाएँ जो ढकने के दोनों सिरों पर खड़े हों। यह दो फ़रिश्ते और ढकना एक ही टुकड़े से बनाने हैं। | |
Exod | UrduGeoD | 25:19 | सोने से घड़कर दो करूबी फ़रिश्ते बनाए जाएँ जो ढकने के दोनों सिरों पर खड़े हों। यह दो फ़रिश्ते और ढकना एक ही टुकड़े से बनाने हैं। | |
Exod | UrduGeoD | 25:20 | फ़रिश्तों के पर यों ऊपर की तरफ़ फैले हुए हों कि वह ढकने को पनाह दें। उनके मुँह एक दूसरे की तरफ़ किए हुए हों, और वह ढकने की तरफ़ देखें। | |
Exod | UrduGeoD | 25:21 | ढकने को संदूक़ पर लगा, और संदूक़ में शरीअत की वह दो तख़्तियाँ रख जो मैं तुझे दूँगा। | |
Exod | UrduGeoD | 25:22 | वहाँ ढकने के ऊपर दोनों फ़रिश्तों के दरमियान से मैं अपने आपको तुझ पर ज़ाहिर करके तुझसे हमकलाम हूँगा और तुझे इसराईलियों के लिए तमाम अहकाम दूँगा। | |
Exod | UrduGeoD | 25:23 | कीकर की लकड़ी की मेज़ बनाना। उस की लंबाई तीन फ़ुट, चौड़ाई डेढ़ फ़ुट और ऊँचाई सवा दो फ़ुट हो। | |
Exod | UrduGeoD | 25:25 | मेज़ की ऊपर की सतह पर चौखटा लगाना जिसकी ऊँचाई तीन इंच हो और जिस पर सोने की झालर लगी हो। | |
Exod | UrduGeoD | 25:27 | यह कड़े मेज़ की सतह पर लगे चौखटे के नीचे लगाए जाएँ। उनमें वह लकड़ियाँ डालनी हैं जिनसे मेज़ को उठाया जाएगा। | |
Exod | UrduGeoD | 25:29 | उसके थाल, प्याले, मरतबान और मै की नज़रें पेश करने के बरतन ख़ालिस सोने से बनाना है। | |
Exod | UrduGeoD | 25:31 | ख़ालिस सोने का शमादान भी बनाना। उसका पाया और डंडी घड़कर बनाना है। उस की प्यालियाँ जो फूलों और कलियों की शक्ल की होंगी पाए और डंडी के साथ एक ही टुकड़ा हों। | |
Exod | UrduGeoD | 25:35 | इनमें से तीन प्यालियाँ दाएँ बाएँ की छः शाख़ों के नीचे लगी हों। वह यों लगी हों कि हर प्याली से दो शाख़ें निकलें। | |
Exod | UrduGeoD | 25:36 | शाख़ें और प्यालियाँ बल्कि पूरा शमादान ख़ालिस सोने के एक ही टुकड़े से घड़कर बनाना है। | |
Exod | UrduGeoD | 25:37 | शमादान के लिए सात चराग़ बनाकर उन्हें यों शाख़ों पर रखना कि वह सामने की जगह रौशन करें। | |
Exod | UrduGeoD | 25:38 | बत्ती कतरने की क़ैंचियाँ और जलते कोयले के लिए छोटे बरतन भी ख़ालिस सोने से बनाए जाएँ। | |