Site uses cookies to provide basic functionality.

OK
NUMBERS
Prev Up Next Toggle notes
Chapter 30
Numb UrduGeoD 30:1  फिर मूसा ने क़बीलों के सरदारों से कहा, “रब फ़रमाता है,
Numb UrduGeoD 30:2  अगर कोई आदमी रब को कुछ देने की मन्नत माने या किसी चीज़ से परहेज़ करने की क़सम खाए तो वह अपनी बात पर क़ायम रहकर उसे पूरा करे।
Numb UrduGeoD 30:3  अगर कोई जवान औरत जो अब तक अपने बाप के घर में रहती है रब को कुछ देने की मन्नत माने या किसी चीज़ से परहेज़ करने की क़सम खाए
Numb UrduGeoD 30:4  तो लाज़िम है कि वह अपनी मन्नत या क़सम की हर बात पूरी करे। शर्त यह है कि उसका बाप उसके बारे में सुनकर एतराज़ न करे।
Numb UrduGeoD 30:5  लेकिन अगर उसका बाप यह सुनकर उसे ऐसा करने से मना करे तो उस की मन्नत या क़सम मनसूख़ है, और वह उसे पूरा करने से बरी है। रब उसे मुआफ़ करेगा, क्योंकि उसके बाप ने उसे मना किया है।
Numb UrduGeoD 30:6  हो सकता है कि किसी ग़ैरशादीशुदा औरत ने मन्नत मानी या किसी चीज़ से परहेज़ करने की क़सम खाई, चाहे उसने दानिस्ता तौर पर या बेसोचे-समझे ऐसा किया। इसके बाद उस औरत ने शादी कर ली।
Numb UrduGeoD 30:7  शादीशुदा हालत में भी लाज़िम है कि वह अपनी मन्नत या क़सम की हर बात पूरी करे। शर्त यह है कि उसका शौहर इसके बारे में सुनकर एतराज़ न करे।
Numb UrduGeoD 30:8  लेकिन अगर उसका शौहर यह सुनकर उसे ऐसा करने से मना करे तो उस की मन्नत या क़सम मनसूख़ है, और वह उसे पूरा करने से बरी है। रब उसे मुआफ़ करेगा।
Numb UrduGeoD 30:9  अगर किसी बेवा या तलाक़शुदा औरत ने मन्नत मानी या किसी चीज़ से परहेज़ करने की क़सम खाई तो लाज़िम है कि वह अपनी हर बात पूरी करे।
Numb UrduGeoD 30:10  अगर किसी शादीशुदा औरत ने मन्नत मानी या किसी चीज़ से परहेज़ करने की क़सम खाई
Numb UrduGeoD 30:11  तो लाज़िम है कि वह अपनी हर बात पूरी करे। शर्त यह है कि उसका शौहर उसके बारे में सुनकर एतराज़ न करे।
Numb UrduGeoD 30:12  लेकिन अगर उसका शौहर उसे ऐसा करने से मना करे तो उस की मन्नत या क़सम मनसूख़ है। वह उसे पूरा करने से बरी है। रब उसे मुआफ़ करेगा, क्योंकि उसके शौहर ने उसे मना किया है।
Numb UrduGeoD 30:13  चाहे बीवी ने कुछ देने की मन्नत मानी हो या किसी चीज़ से परहेज़ करने की क़सम खाई हो, उसके शौहर को उस की तसदीक़ या उसे मनसूख़ करने का इख़्तियार है।
Numb UrduGeoD 30:14  अगर उसने अपनी बीवी की मन्नत या क़सम के बारे में सुन लिया और अगले दिन तक एतराज़ न किया तो लाज़िम है कि उस की बीवी अपनी हर बात पूरी करे। शौहर ने अगले दिन तक एतराज़ न करने से अपनी बीवी की बात की तसदीक़ की है।
Numb UrduGeoD 30:15  अगर वह इसके बाद यह मन्नत या क़सम मनसूख़ करे तो उसे इस क़ुसूर के नतायज भुगतने पड़ेंगे।”
Numb UrduGeoD 30:16  रब ने मूसा को यह हिदायात दीं। यह ऐसी औरतों की मन्नतों या क़समों के उसूल हैं जो ग़ैरशादीशुदा हालत में अपने बाप के घर में रहती हैं या जो शादीशुदा हैं।