NUMBERS
Chapter 14
Numb | UrduGeoD | 14:2 | सब मूसा और हारून के ख़िलाफ़ बुड़बुड़ाने लगे। पूरी जमात ने उनसे कहा, “काश हम मिसर या इस रेगिस्तान में मर गए होते! | |
Numb | UrduGeoD | 14:3 | रब हमें क्यों उस मुल्क में ले जा रहा है? क्या इसलिए कि दुश्मन हमें तलवार से क़त्ल करे और हमारे बाल-बच्चों को लूट ले? क्या बेहतर नहीं होगा कि हम मिसर वापस जाएँ?” | |
Numb | UrduGeoD | 14:6 | लेकिन यशुअ बिन नून और कालिब बिन यफ़ुन्ना बाक़ी दस जासूसों से फ़रक़ थे। परेशानी के आलम में उन्होंने अपने कपड़े फाड़कर | |
Numb | UrduGeoD | 14:7 | पूरी जमात से कहा, “जिस मुल्क में से हम गुज़रे और जिसकी तफ़तीश हमने की वह निहायत ही अच्छा है। | |
Numb | UrduGeoD | 14:8 | अगर रब हमसे ख़ुश है तो वह ज़रूर हमें उस मुल्क में ले जाएगा जिसमें दूध और शहद की कसरत है। वह हमें ज़रूर यह मुल्क देगा। | |
Numb | UrduGeoD | 14:9 | रब से बग़ावत मत करना। उस मुल्क के रहनेवालों से न डरें। हम उन्हें हड़प कर जाएंगे। उनकी पनाह उनसे जाती रही है जबकि रब हमारे साथ है। चुनाँचे उनसे मत डरें।” | |
Numb | UrduGeoD | 14:10 | यह सुनकर पूरी जमात उन्हें संगसार करने के लिए तैयार हुई। लेकिन अचानक रब का जलाल मुलाक़ात के ख़ैमे पर ज़ाहिर हुआ, और तमाम इसराईलियों ने उसे देखा। | |
Numb | UrduGeoD | 14:11 | रब ने मूसा से कहा, “यह लोग मुझे कब तक हक़ीर जानेंगे? वह कब तक मुझ पर ईमान रखने से इनकार करेंगे अगरचे मैंने उनके दरमियान इतने मोजिज़े किए हैं? | |
Numb | UrduGeoD | 14:12 | मैं उन्हें वबा से मार डालूँगा और उन्हें रूए-ज़मीन पर से मिटा दूँगा। उनकी जगह मैं तुझसे एक क़ौम बनाऊँगा जो उनसे बड़ी और ताक़तवर होगी।” | |
Numb | UrduGeoD | 14:13 | लेकिन मूसा ने रब से कहा, “फिर मिसरी यह सुन लेंगे! क्योंकि तूने अपनी क़ुदरत से इन लोगों को मिसर से निकालकर यहाँ तक पहुँचाया है। | |
Numb | UrduGeoD | 14:14 | मिसरी यह बात कनान के बाशिंदों को बताएँगे। यह लोग पहले से सुन चुके हैं कि रब इस क़ौम के साथ है, कि तुझे रूबरू देखा जाता है, कि तेरा बादल उनके ऊपर ठहरा रहता है, और कि तू दिन के वक़्त बादल के सतून में और रात को आग के सतून में इनके आगे आगे चलता है। | |
Numb | UrduGeoD | 14:16 | ‘रब इन लोगों को उस मुल्क में ले जाने के क़ाबिल नहीं था जिसका वादा उसने उनसे क़सम खाकर किया था। इसी लिए उसने उन्हें रेगिस्तान में हलाक कर दिया।’ | |
Numb | UrduGeoD | 14:18 | ‘रब तहम्मुल और शफ़क़त से भरपूर है। वह गुनाह और नाफ़रमानी मुआफ़ करता है, लेकिन हर एक को उस की मुनासिब सज़ा भी देता है। जब वालिदैन गुनाह करें तो उनकी औलाद को भी तीसरी और चौथी पुश्त तक सज़ा के नतायज भुगतने पड़ेंगे।’ | |
Numb | UrduGeoD | 14:19 | इन लोगों का क़ुसूर अपनी अज़ीम शफ़क़त के मुताबिक़ मुआफ़ कर। उन्हें उस तरह मुआफ़ कर जिस तरह तू उन्हें मिसर से निकलते वक़्त अब तक मुआफ़ करता रहा है।” | |
Numb | UrduGeoD | 14:21 | इसके बावुजूद मेरी हयात की क़सम और मेरे जलाल की क़सम जो पूरी दुनिया को मामूर करता है, | |
Numb | UrduGeoD | 14:22 | इन लोगों में से कोई भी उस मुल्क में दाख़िल नहीं होगा। उन्होंने मेरा जलाल और मेरे मोजिज़े देखे हैं जो मैंने मिसर और रेगिस्तान में कर दिखाए हैं। तो भी उन्होंने दस दफ़ा मुझे आज़माया और मेरी न सुनी। | |
Numb | UrduGeoD | 14:23 | उनमें से एक भी उस मुल्क को नहीं देखेगा जिसका वादा मैंने क़सम खाकर उनके बापदादा से किया था। जिसने भी मुझे हक़ीर जाना है वह कभी उसे नहीं देखेगा। | |
Numb | UrduGeoD | 14:24 | सिर्फ़ मेरा ख़ादिम कालिब मुख़्तलिफ़ है। उस की रूह फ़रक़ है। वह पूरे दिल से मेरी पैरवी करता है, इसलिए मैं उसे उस मुल्क में ले जाऊँगा जिसमें उसने सफ़र किया है। उस की औलाद मुल्क मीरास में पाएगी। | |
Numb | UrduGeoD | 14:25 | लेकिन फ़िलहाल अमालीक़ी और कनानी उस की वादियों में आबाद रहेंगे। चुनाँचे कल मुड़कर वापस चलो। रेगिस्तान में बहरे-क़ुलज़ुम की तरफ़ रवाना हो जाओ।” | |
Numb | UrduGeoD | 14:27 | “यह शरीर जमात कब तक मेरे ख़िलाफ़ बुड़बुड़ाती रहेगी? उनके गिले-शिकवे मुझ तक पहुँच गए हैं। | |
Numb | UrduGeoD | 14:28 | इसलिए उन्हें बताओ, ‘रब फ़रमाता है कि मेरी हयात की क़सम, मैं तुम्हारे साथ वही कुछ करूँगा जो तुमने मेरे सामने कहा है। | |
Numb | UrduGeoD | 14:29 | तुम इस रेगिस्तान में मरकर यहीं पड़े रहोगे, हर एक जो 20 साल या इससे ज़ायद का है, जो मर्दुमशुमारी में गिना गया और जो मेरे ख़िलाफ़ बुड़बुड़ाया। | |
Numb | UrduGeoD | 14:30 | गो मैंने हाथ उठाकर क़सम खाई थी कि मैं तुझे उसमें बसाऊँगा तुममें से कोई भी उस मुल्क में दाख़िल नहीं होगा। सिर्फ़ कालिब बिन यफ़ुन्ना और यशुअ बिन नून दाख़िल होंगे। | |
Numb | UrduGeoD | 14:31 | तुमने कहा था कि दुश्मन हमारे बच्चों को लूट लेंगे। लेकिन उन्हीं को मैं उस मुल्क में ले जाऊँगा जिसे तुमने रद्द किया है। | |
Numb | UrduGeoD | 14:33 | तुम्हारे बच्चे 40 साल तक यहाँ रेगिस्तान में गल्लाबान होंगे। उन्हें तुम्हारी बेवफ़ाई के सबब से उस वक़्त तक तकलीफ़ उठानी पड़ेगी जब तक तुममें से आख़िरी शख़्स मर न गया हो। | |
Numb | UrduGeoD | 14:34 | तुमने चालीस दिन के दौरान उस मुल्क का जायज़ा लिया। अब तुम्हें चालीस साल तक अपने गुनाहों का नतीजा भुगतना पड़ेगा। तब तुम्हें पता चलेगा कि इसका क्या मतलब है कि मैं तुम्हारी मुख़ालफ़त करता हूँ। | |
Numb | UrduGeoD | 14:35 | मैं, रब ने यह बात फ़रमाई है। मैं यक़ीनन यह सब कुछ उस सारी शरीर जमात के साथ करूँगा जिसने मिलकर मेरी मुख़ालफ़त की है। इसी रेगिस्तान में वह ख़त्म हो जाएंगे, यहीं मर जाएंगे’।” | |
Numb | UrduGeoD | 14:36 | जिन आदमियों को मूसा ने मुल्क का जायज़ा लेने के लिए भेजा था, रब ने उन्हें फ़ौरन मोहलक वबा से मार डाला, क्योंकि उनके ग़लत अफ़वाहें फैलाने से पूरी जमात बुड़बुड़ाने लगी थी। | |
Numb | UrduGeoD | 14:37 | जिन आदमियों को मूसा ने मुल्क का जायज़ा लेने के लिए भेजा था, रब ने उन्हें फ़ौरन मोहलक वबा से मार डाला, क्योंकि उनके ग़लत अफ़वाहें फैलाने से पूरी जमात बुड़बुड़ाने लगी थी। | |
Numb | UrduGeoD | 14:40 | अगली सुबह-सवेरे वह उठे और यह कहते हुए ऊँचे पहाड़ी इलाक़े के लिए रवाना हुए कि हमसे ग़लती हुई है, लेकिन अब हम हाज़िर हैं और उस जगह की तरफ़ जा रहे हैं जिसका ज़िक्र रब ने किया है। | |
Numb | UrduGeoD | 14:41 | लेकिन मूसा ने कहा, “तुम क्यों रब की ख़िलाफ़वरज़ी कर रहे हो? तुम कामयाब नहीं होगे। | |
Numb | UrduGeoD | 14:42 | वहाँ न जाओ, क्योंकि रब तुम्हारे साथ नहीं है। तुम दुश्मनों के हाथों शिकस्त खाओगे, | |
Numb | UrduGeoD | 14:43 | क्योंकि वहाँ अमालीक़ी और कनानी तुम्हारा सामना करेंगे। चूँकि तुमने अपना मुँह रब से फेर लिया है इसलिए वह तुम्हारे साथ नहीं होगा, और दुश्मन तुम्हें तलवार से मार डालेगा।” | |
Numb | UrduGeoD | 14:44 | तो भी वह अपने ग़ुरूर में जुर्रत करके ऊँचे पहाड़ी इलाक़े की तरफ़ बढ़े, हालाँकि न मूसा और न अहद के संदूक़ ही ने ख़ैमागाह को छोड़ा। | |