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JEREMIAH
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Chapter 17
Jere UrduGeoD 17:1  ऐ यहूदाह के लोगो, तुम्हारा गुनाह तुम्हारी ज़िंदगियों का अनमिट हिस्सा बन गया है। उसे हीरे की नोक रखनेवाले लोहे के आले से तुम्हारे दिलों की तख़्तियों और तुम्हारी क़ुरबानगाहों के सींगों पर कंदा किया गया है।
Jere UrduGeoD 17:2  न सिर्फ़ तुम बल्कि तुम्हारे बच्चे भी अपनी क़ुरबानगाहों और असीरत देवी के खंबों को याद करते हैं, ख़ाह वह घने दरख़्तों के साय में या ऊँची जगहों पर क्यों न हों।
Jere UrduGeoD 17:3  ऐ मेरे पहाड़ जो देहात से घिरा हुआ है, तेरे पूरे मुल्क पर गुनाह का असर है, इसलिए मैं होने दूँगा कि सब कुछ लूट लिया जाएगा। तेरा माल, तेरे ख़ज़ाने और तेरी ऊँची जगहों की क़ुरबानगाहें सब छीन ली जाएँगी।
Jere UrduGeoD 17:4  अपने क़ुसूर के सबब से तुझे अपनी मौरूसी मिलकियत छोड़नी पड़ेगी, वह मिलकियत जो तुझे मेरी तरफ़ से मिली थी। मैं तुझे तेरे दुश्मनों का ग़ुलाम बना दूँगा, और तू एक नामालूम मुल्क में बसेगा। क्योंकि तुम लोगों ने मुझे तैश दिलाया है, और अब तुम पर मेरा ग़ज़ब कभी न बुझनेवाली आग की तरह भड़कता रहेगा।”
Jere UrduGeoD 17:5  रब फ़रमाता है, “उस पर लानत जिसका दिल रब से दूर होकर सिर्फ़ इनसान और उसी की ताक़त पर भरोसा रखता है।
Jere UrduGeoD 17:6  वह रेगिस्तान में झाड़ी की मानिंद होगा, उसे किसी भी अच्छी चीज़ का तजरबा नहीं होगा बल्कि वह बयाबान के ऐसे पथरीले और कल्लरवाले इलाक़ों में बसेगा जहाँ कोई और नहीं रहता।
Jere UrduGeoD 17:7  लेकिन मुबारक है वह जो रब पर भरोसा रखता है, जिसका एतमाद उसी पर है।
Jere UrduGeoD 17:8  वह पानी के किनारे पर लगे उस दरख़्त की मानिंद है जिसकी जड़ें नहर तक फैली हुई हैं। झुलसानेवाली गरमी भी आए तो उसे डर नहीं, बल्कि उसके पत्ते हरे-भरे रहते हैं। काल भी पड़े तो वह परेशान नहीं होता बल्कि वक़्त पर फल लाता रहता है।
Jere UrduGeoD 17:9  दिल हद से ज़्यादा फ़रेबदेह है, और उसका इलाज नामुमकिन है। कौन उसका सहीह इल्म रखता है?
Jere UrduGeoD 17:10  मैं, रब ही दिल की तफ़तीश करता हूँ। मैं हर एक की बातिनी हालत जाँचकर उसे उसके चाल-चलन और अमल का मुनासिब अज्र देता हूँ।
Jere UrduGeoD 17:11  जिस शख़्स ने ग़लत तरीक़े से दौलत जमा की है वह उस तीतर की मानिंद है जो किसी दूसरे के अंडों पर बैठ जाता है। क्योंकि ज़िंदगी के उरूज पर उसे सब कुछ छोड़ना पड़ेगा, और आख़िरकार उस की हमाक़त सब पर ज़ाहिर हो जाएगी।”
Jere UrduGeoD 17:12  हमारा मक़दिस अल्लाह का जलाली तख़्त है जो अज़ल से अज़ीम है।
Jere UrduGeoD 17:13  ऐ रब, तू ही इसराईल की उम्मीद है। तुझे तर्क करनेवाले सब शरमिंदा हो जाएंगे। तुझसे दूर होनेवाले ख़ाक में मिलाए जाएंगे, क्योंकि उन्होंने रब को छोड़ दिया है जो ज़िंदगी के पानी का सरचश्मा है।
Jere UrduGeoD 17:14  ऐ रब, तू ही मुझे शफ़ा दे तो मुझे शफ़ा मिलेगी। तू ही मुझे बचा तो मैं बचूँगा। क्योंकि तू ही मेरा फ़ख़र है।
Jere UrduGeoD 17:15  लोग मुझसे पूछते रहते हैं, “रब का जो कलाम तूने पेश किया वह कहाँ है? उसे पूरा होने दे!”
Jere UrduGeoD 17:16  ऐ अल्लाह, तूने मुझे अपनी क़ौम का गल्लाबान बनाया है, और मैंने यह ज़िम्मादारी कभी नहीं छोड़ी। मैंने कभी ख़ाहिश नहीं रखी कि मुसीबत का दिन आए। तू यह सब कुछ जानता है, जो भी बात मेरे मुँह से निकली है वह तेरे सामने है।
Jere UrduGeoD 17:17  अब मेरे लिए दहशत का बाइस न बन! मुसीबत के दिन मैं तुझमें ही पनाह लेता हूँ।
Jere UrduGeoD 17:18  मेरा ताक़्क़ुब करनेवाले शरमिंदा हो जाएँ, लेकिन मेरी रुसवाई न हो। उन पर दहशत छा जाए, लेकिन मैं इससे बचा रहूँ। उन पर मुसीबत का दिन नाज़िल कर, उनको दो बार कुचलकर ख़ाक में मिला दे।
Jere UrduGeoD 17:19  रब मुझसे हमकलाम हुआ, “शहर के अवामी दरवाज़े में खड़ा हो जा, जिसे यहूदाह के बादशाह इस्तेमाल करते हैं जब शहर में आते और उससे निकलते हैं। इसी तरह यरूशलम के दीगर दरवाज़ों में भी खड़ा हो जा।
Jere UrduGeoD 17:20  वहाँ लोगों से कह, ‘ऐ दरवाज़ों में से गुज़रनेवालो, रब का कलाम सुनो! ऐ यहूदाह के बादशाहो और यहूदाह और यरूशलम के तमाम बाशिंदो, मेरी तरफ़ कान लगाओ!
Jere UrduGeoD 17:21  रब फ़रमाता है कि अपनी जान ख़तरे में न डालो बल्कि ध्यान दो कि तुम सबत के दिन मालो-असबाब शहर में न लाओ और उसे उठाकर शहर के दरवाज़ों में दाख़िल न हो।
Jere UrduGeoD 17:22  न सबत के दिन बोझ उठाकर अपने घर से कहीं और ले जाओ, न कोई और काम करो, बल्कि उसे इस तरह मनाना कि मख़सूसो-मुक़द्दस हो। मैंने तुम्हारे बापदादा को यह करने का हुक्म दिया था,
Jere UrduGeoD 17:23  लेकिन उन्होंने मेरी न सुनी, न तवज्जुह दी बल्कि अपने मौक़िफ़ पर अड़े रहे और न मेरी सुनी, न मेरी तरबियत क़बूल की।
Jere UrduGeoD 17:24  रब फ़रमाता है कि अगर तुम वाक़ई मेरी सुनो और सबत के दिन अपना मालो-असबाब इस शहर में न लाओ बल्कि आराम करने से यह दिन मख़सूसो-मुक़द्दस मानो
Jere UrduGeoD 17:25  तो फिर आइंदा भी दाऊद की नसल के बादशाह और सरदार इस शहर के दरवाज़ों में से गुज़रेंगे। तब वह घोड़ों और रथों पर सवार होकर अपने अफ़सरों और यहूदाह और यरूशलम के बाशिंदों के साथ शहर में आते-जाते रहेंगे। अगर तुम सबत को मानो तो यह शहर हमेशा तक आबाद रहेगा।
Jere UrduGeoD 17:26  फिर पूरे मुल्क से लोग यहाँ आएँगे। यहूदाह के शहरों और यरूशलम के गिर्दो-नवाह के देहात से, बिनयमीन के क़बायली इलाक़े से, मग़रिब के नशेबी पहाड़ी इलाक़े से, पहाड़ी इलाक़े से और दश्ते-नजब से सब अपनी क़ुरबानियाँ लाकर रब के घर में पेश करेंगे। उनकी तमाम भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ, ज़बह, ग़ल्ला, बख़ूर और सलामती की क़ुरबानियाँ रब के घर में चढ़ाई जाएँगी।
Jere UrduGeoD 17:27  लेकिन अगर तुम मेरी न सुनो और सबत का दिन मख़सूसो-मुक़द्दस न मानो तो फिर तुम्हें सख़्त सज़ा मिलेगी। अगर तुम सबत के दिन अपना मालो-असबाब शहर में लाओ तो मैं इन्हीं दरवाज़ों में एक न बुझनेवाली आग लगा दूँगा जो जलती जलती यरूशलम के महलों को भस्म कर देगी’।”