Site uses cookies to provide basic functionality.

OK
PSALMS
Prev Up Next Toggle notes
Chapter 76
Psal UrduGeoD 76:1  आसफ़ का ज़बूर। मौसीक़ी के राहनुमा के लिए। तारदार साज़ों के साथ गाना है। अल्लाह यहूदाह में मशहूर है, उसका नाम इसराईल में अज़ीम है।
Psal UrduGeoD 76:2  उसने अपनी माँद सालिम में और अपना भट कोहे-सिय्यून पर बना लिया है।
Psal UrduGeoD 76:3  वहाँ उसने जलते हुए तीरों को तोड़ डाला और ढाल, तलवार और जंग के हथियारों को चूर चूर कर दिया है। (सिलाह)
Psal UrduGeoD 76:4  ऐ अल्लाह, तू दरख़्शाँ है, तू शिकार के पहाड़ों से आया हुआ अज़ीमुश-शान सूरमा है।
Psal UrduGeoD 76:5  बहादुरों को लूट लिया गया है, वह मौत की नींद सो गए हैं। फ़ौजियों में से एक भी हाथ नहीं उठा सकता।
Psal UrduGeoD 76:6  ऐ याक़ूब के ख़ुदा, तेरे डाँटने पर घोड़े और रथबान बेहिसो-हरकत हो गए हैं।
Psal UrduGeoD 76:7  तू ही महीब है। जब तू झिड़के तो कौन तेरे हुज़ूर क़ायम रहेगा?
Psal UrduGeoD 76:8  तूने आसमान से फ़ैसले का एलान किया। ज़मीन सहमकर चुप हो गई
Psal UrduGeoD 76:9  जब अल्लाह अदालत करने के लिए उठा, जब वह तमाम मुसीबतज़दों को नजात देने के लिए आया। (सिलाह)
Psal UrduGeoD 76:10  क्योंकि इनसान का तैश भी तेरी तमजीद का बाइस है। उसके तैश का आख़िरी नतीजा तेरा जलाल ही है।
Psal UrduGeoD 76:11  रब अपने ख़ुदा के हुज़ूर मन्नतें मानकर उन्हें पूरा करो। जितने भी उसके इर्दगिर्द हैं वह पुरजलाल ख़ुदा के हुज़ूर हदिये लाएँ।
Psal UrduGeoD 76:12  वह हुक्मरानों को शिकस्ता रूह कर देता है, उसी से दुनिया के बादशाह दहशत खाते हैं।