HOSEA
Chapter 2
Hose | UrduGeoD | 2:1 | उस वक़्त अपने भाइयों का नाम अम्मी यानी ‘मेरी क़ौम’ और अपनी बहनों का नाम रुहामा यानी ‘जिस पर रहम किया गया हो’ रखो। | |
Hose | UrduGeoD | 2:2 | अपनी माँ इसराईल पर इलज़ाम लगाओ, हाँ उस पर इलज़ाम लगाओ! क्योंकि न वह मेरी बीवी है, न मैं उसका शौहर हूँ। वह अपने चेहरे से और अपनी छातियों के दरमियान से ज़िनाकारी के निशान दूर करे, | |
Hose | UrduGeoD | 2:3 | वरना मैं उसके कपड़े उतारकर उसे उस नंगी हालत में छोड़ूँगा जिसमें वह पैदा हुई। मैं होने दूँगा कि वह रेगिस्तान और झुलसती ज़मीन में तबदील हो जाए, कि वह प्यास के मारे मर जाए। | |
Hose | UrduGeoD | 2:5 | उनकी माँ ने ज़िना किया, उन्हें जन्म देनेवाली ने शर्मनाक हरकतें की हैं। वह बोली, ‘मैं अपने आशिक़ों के पीछे भाग जाऊँगी। आख़िर मेरी रोटी, पानी, ऊन, कतान, तेल और पीने की चीज़ें वही मुहैया करते हैं।’ | |
Hose | UrduGeoD | 2:6 | इसलिए जहाँ भी वह चलना चाहे वहाँ मैं उसे काँटेदार झाड़ियों से रोक दूँगा, मैं ऐसी दीवार खड़ी करूँगा कि उसे रास्ते का पता न चले। | |
Hose | UrduGeoD | 2:7 | वह अपने आशिक़ों का पीछा करते करते थक जाएगी और कभी उन तक पहुँचेगी नहीं, वह उनका खोज लगाती रहेगी लेकिन उन्हें पाएगी नहीं। फिर वह बोलेगी, ‘मैं अपने पहले शौहर के पास वापस जाऊँ, क्योंकि उस वक़्त मेरा हाल आज की निसबत कहीं बेहतर था।’ | |
Hose | UrduGeoD | 2:8 | लेकिन वह यह बात जानने के लिए तैयार नहीं कि उसे अल्लाह ही की तरफ़ से सब कुछ मुहैया हुआ है। मैं ही ने उसे वह अनाज, मै, तेल और कसरत की सोना-चाँदी दे दी जो लोगों ने बाल देवता को पेश की। | |
Hose | UrduGeoD | 2:9 | इसलिए मैं अपने अनाज और अपने अंगूर को फ़सल की कटाई से पहले पहले वापस लूँगा। जो ऊन और कतान मैं उसे देता रहा ताकि उस की बरहनगी नज़र न आए उसे मैं उससे छीन लूँगा। | |
Hose | UrduGeoD | 2:10 | उसके आशिक़ों के देखते देखते मैं उसके सारे कपड़े उतारूँगा, और कोई उसे मेरे हाथ से नहीं बचाएगा। | |
Hose | UrduGeoD | 2:11 | मैं उस की तमाम ख़ुशियाँ बंद कर दूँगा। न कोई ईद, न नए चाँद का तहवार, न सबत का दिन या बाक़ी कोई मुक़र्ररा जशन मनाया जाएगा। | |
Hose | UrduGeoD | 2:12 | मैं उसके अंगूर और अंजीर के बाग़ों को तबाह करूँगा, उन चीज़ों को जिनके बारे में उसने कहा, ‘यह मुझे आशिक़ों की ख़िदमत करने के एवज़ मिल गई हैं।’ मैं यह बाग़ जंगल बनने दूँगा, और जंगली जानवर उनका फल खाएँगे। | |
Hose | UrduGeoD | 2:13 | रब फ़रमाता है कि मैं उसे उन दिनों की सज़ा दूँगा जब उसने बाल के बुतों को बख़ूर की क़ुरबानियाँ पेश कीं। उस वक़्त वह अपने आपको बालियों और ज़ेवरात से सजाकर अपने आशिक़ों के पीछे भाग गई। मुझे वह भूल गई। | |
Hose | UrduGeoD | 2:14 | चुनाँचे अब मैं उसे मनाने की कोशिश करूँगा, उसे रेगिस्तान में ले जाकर उससे नरमी से बात करूँगा। | |
Hose | UrduGeoD | 2:15 | फिर मैं उसे वहाँ से होकर उसके अंगूर के बाग़ वापस करूँगा और वादीए-अकूर को उम्मीद के दरवाज़े में बदल दूँगा। उस वक़्त वह ख़ुशी से मेरे पीछे होकर वहाँ चलेगी, बिलकुल उसी तरह जिस तरह जवानी में करती थी जब मेरे पीछे होकर मिसर से निकल आई।” | |
Hose | UrduGeoD | 2:16 | रब फ़रमाता है, “उस दिन तू मुझे पुकारते वक़्त ‘ऐ मेरे बाल’ नहीं कहेगी बल्कि ‘ऐ मेरे ख़ाविंद।’ | |
Hose | UrduGeoD | 2:17 | मैं बाल देवताओं के नाम तेरे मुँह से निकाल दूँगा, और तू आइंदा उनके नामों का ज़िक्र तक नहीं करेगी। | |
Hose | UrduGeoD | 2:18 | उस दिन मैं जंगली जानवरों, परिंदों और रेंगनेवाले जानदारों के साथ अहद बाँधूँगा ताकि वह इसराईल को नुक़सान न पहुँचाएँ। कमान और तलवार को तोड़कर मैं जंग का ख़तरा मुल्क से दूर कर दूँगा। सब आरामो-सुकून से ज़िंदगी गुज़ारेंगे। | |
Hose | UrduGeoD | 2:19 | मैं तेरे साथ अबदी रिश्ता बाँधूँगा, ऐसा रिश्ता जो रास्ती, इनसाफ़, फ़ज़ल और रहम पर मबनी होगा। | |
Hose | UrduGeoD | 2:20 | हाँ, जो रिश्ता मैं तेरे साथ बाँधूँगा उस की बुनियाद वफ़ादारी होगी। तब तू रब को जान लेगी।” | |
Hose | UrduGeoD | 2:21 | रब फ़रमाता है, “उस दिन मैं सुनूँगा। मैं आसमान की सुनकर बादल पैदा करूँगा, आसमान ज़मीन की सुनकर बारिश बरसाएगा, | |
Hose | UrduGeoD | 2:22 | ज़मीन अनाज, अंगूर और ज़ैतून की सुनकर उन्हें तक़वियत देगी, और यह चीज़ें मैदाने-यज़्रएल की सुनकर कसरत से पैदा हो जाएँगी। | |