JOB
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Chapter 26
Job | UrduGeoD | 26:2 | “वाह जी वाह! तूने क्या ख़ूब उसे सहारा दिया जो बेबस है, क्या ख़ूब उस बाज़ू को मज़बूत कर दिया जो बेताक़त है! | |
Job | UrduGeoD | 26:3 | तूने उसे कितने अच्छे मशवरे दिए जो हिकमत से महरूम है, अपनी समझ की कितनी गहरी बातें उस पर ज़ाहिर की हैं। | |
Job | UrduGeoD | 26:4 | तूने किसकी मदद से यह कुछ पेश किया है? किसने तेरी रूह में वह बातें डालीं जो तेरे मुँह से निकल आई हैं? | |
Job | UrduGeoD | 26:5 | अल्लाह के सामने वह तमाम मुरदा अरवाह जो पानी और उसमें रहनेवालों के नीचे बसती हैं डर के मारे तड़प उठती हैं। | |
Job | UrduGeoD | 26:7 | अल्लाह ही ने शिमाल को वीरानो-सुनसान जगह के ऊपर तान लिया, उसी ने ज़मीन को यों लगा दिया कि वह किसी चीज़ से लटकी हुई नहीं है। | |
Job | UrduGeoD | 26:12 | अपनी क़ुदरत से अल्लाह ने समुंदर को थमा दिया, अपनी हिकमत से रहब अज़दहे को टुकड़े टुकड़े कर दिया। | |