JOB
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Chapter 5
Job | UrduGeoD | 5:1 | बेशक आवाज़ दे, लेकिन कौन जवाब देगा? कोई नहीं! मुक़द्दसीन में से तू किसकी तरफ़ रुजू कर सकता है? | |
Job | UrduGeoD | 5:2 | क्योंकि अहमक़ की रंजीदगी उसे मार डालती, सादालौह की सरगरमी उसे मौत के घाट उतार देती है। | |
Job | UrduGeoD | 5:4 | उसके फ़रज़ंद नजात से दूर रहते। उन्हें शहर के दरवाज़े में रौंदा जाता है, और बचानेवाला कोई नहीं। | |
Job | UrduGeoD | 5:5 | भूके उस की फ़सल खा जाते, काँटेदार बाड़ों में महफ़ूज़ माल भी छीन लेते हैं। प्यासे अफ़राद हाँपते हुए उस की दौलत के पीछे पड़ जाते हैं। | |
Job | UrduGeoD | 5:7 | बल्कि इनसान ख़ुद इसका बाइस है, दुख-दर्द उस की विरासत में ही पाया जाता है। यह इतना यक़ीनी है जितना यह कि आग की चिंगारियाँ ऊपर की तरफ़ उड़ती हैं। | |
Job | UrduGeoD | 5:8 | लेकिन अगर मैं तेरी जगह होता तो अल्लाह से दरियाफ़्त करता, उसे ही अपना मामला पेश करता। | |
Job | UrduGeoD | 5:9 | वही इतने अज़ीम काम करता है कि कोई उनकी तह तक नहीं पहुँच सकता, इतने मोजिज़े कि कोई उन्हें गिन नहीं सकता। | |
Job | UrduGeoD | 5:11 | पस्तहालों को वह सरफ़राज़ करता और मातम करनेवालों को उठाकर महफ़ूज़ मक़ाम पर रख देता है। | |
Job | UrduGeoD | 5:13 | वह दानिशमंदों को उनकी अपनी चालाकी के फंदे में फँसा देता है तो होशियारों की साज़िशें अचानक ही ख़त्म हो जाती हैं। | |
Job | UrduGeoD | 5:17 | मुबारक है वह इनसान जिसकी मलामत अल्लाह करता है! चुनाँचे क़ादिरे-मुतलक़ की तादीब को हक़ीर न जान। | |
Job | UrduGeoD | 5:18 | क्योंकि वह ज़ख़मी करता लेकिन मरहम-पट्टी भी लगा देता है, वह ज़रब लगाता लेकिन अपने हाथों से शफ़ा भी बख़्शता है। | |
Job | UrduGeoD | 5:19 | वह तुझे छः मुसीबतों से छुड़ाएगा, और अगर इसके बाद भी कोई आए तो तुझे नुक़सान नहीं पहुँचेगा। | |
Job | UrduGeoD | 5:20 | अगर काल पड़े तो वह फ़िद्या देकर तुझे मौत से बचाएगा, जंग में तुझे तलवार की ज़द में आने नहीं देगा। | |
Job | UrduGeoD | 5:23 | क्योंकि तेरा खुले मैदान के पत्थरों के साथ अहद होगा, इसलिए उसके जंगली जानवर तेरे साथ सलामती से ज़िंदगी गुज़ारेंगे। | |
Job | UrduGeoD | 5:24 | तू जान लेगा कि तेरा ख़ैमा महफ़ूज़ है। जब तू अपने घर का मुआयना करे तो मालूम होगा कि कुछ गुम नहीं हुआ। | |
Job | UrduGeoD | 5:25 | तू देखेगा कि तेरी औलाद बढ़ती जाएगी, तेरे फ़रज़ंद ज़मीन पर घास की तरह फैलते जाएंगे। | |