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JOB
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Chapter 17
Job UrduGeoD 17:1  मेरी रूह शिकस्ता हो गई, मेरे दिन बुझ गए हैं। क़ब्रिस्तान ही मेरे इंतज़ार में है।
Job UrduGeoD 17:2  मेरे चारों तरफ़ मज़ाक़ ही मज़ाक़ सुनाई देता, मेरी आँखें लोगों का हटधर्म रवैया देखते देखते थक गई हैं।
Job UrduGeoD 17:3  ऐ अल्लाह, मेरी ज़मानत मेरे अपने हाथों से क़बूल फ़रमा, क्योंकि और कोई नहीं जो उसे दे।
Job UrduGeoD 17:4  उनके ज़हनों को तूने बंद कर दिया, इसलिए तो उनसे इज़्ज़त नहीं पाएगा।
Job UrduGeoD 17:5  वह उस आदमी की मानिंद हैं जो अपने दोस्तों को ज़ियाफ़त की दावत दे, हालाँकि उसके अपने बच्चे भूके मर रहे हों।
Job UrduGeoD 17:6  अल्लाह ने मुझे मज़ाक़ का यों निशाना बनाया है कि मैं क़ौमों में इबरतअंगेज़ मिसाल बन गया हूँ। मुझे देखते ही लोग मेरे मुँह पर थूकते हैं।
Job UrduGeoD 17:7  मेरी आँखें ग़म खा खाकर धुँधला गई हैं, मेरे आज़ा यहाँ तक सूख गए कि साया ही रह गया है।
Job UrduGeoD 17:8  यह देखकर सीधी राह पर चलनेवालों के रोंगटे खड़े हो जाते और बेगुनाह बेदीनों के ख़िलाफ़ मुश्तइल हो जाते हैं।
Job UrduGeoD 17:9  रास्तबाज़ अपनी राह पर क़ायम रहते, और जिनके हाथ पाक हैं वह तक़वियत पाते हैं।
Job UrduGeoD 17:10  लेकिन जहाँ तक तुम सबका ताल्लुक़ है, आओ दुबारा मुझ पर हमला करो! मुझे तुममें एक भी दाना आदमी नहीं मिलेगा।
Job UrduGeoD 17:11  मेरे दिन गुज़र गए हैं। मेरे वह मनसूबे और दिल की आरज़ुएँ ख़ाक में मिल गई हैं
Job UrduGeoD 17:12  जिनसे रात दिन में बदल गई और रौशनी अंधेरे को दूर करके क़रीब आई थी।
Job UrduGeoD 17:13  अगर मैं सिर्फ़ इतनी ही उम्मीद रखूँ कि पाताल मेरा घर होगा तो यह कैसी उम्मीद होगी? अगर मैं अपना बिस्तर तारीकी में बिछाकर
Job UrduGeoD 17:14  क़ब्र से कहूँ, ‘तू मेरा बाप है’ और कीड़े से, ‘ऐ मेरी अम्मी, ऐ मेरी बहन’
Job UrduGeoD 17:15  तो फिर यह कैसी उम्मीद होगी? कौन कहेगा, ‘मुझे तेरे लिए उम्मीद नज़र आती है’?
Job UrduGeoD 17:16  तब मेरी उम्मीद मेरे साथ पाताल में उतरेगी, और हम मिलकर ख़ाक में धँस जाएंगे।”