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JOB
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Chapter 14
Job UrduGeoD 14:1  औरत से पैदा हुआ इनसान चंद एक दिन ज़िंदा रहता है, और उस की ज़िंदगी बेचैनी से भरी रहती है।
Job UrduGeoD 14:2  फूल की तरह वह चंद लमहों के लिए फूट निकलता, फिर मुरझा जाता है। साय की तरह वह थोड़ी देर के बाद ओझल हो जाता और क़ायम नहीं रहता।
Job UrduGeoD 14:3  क्या तू वाक़ई एक ऐसी मख़लूक़ का इतने ग़ौर से मुआयना करना चाहता है? मैं कौन हूँ कि तू मुझे पेशी के लिए अपने हुज़ूर लाए?
Job UrduGeoD 14:4  कौन नापाक चीज़ को पाक-साफ़ कर सकता है? कोई नहीं!
Job UrduGeoD 14:5  इनसान की उम्र तो मुक़र्रर हुई है, उसके महीनों की तादाद तुझे मालूम है, क्योंकि तू ही ने उसके दिनों की वह हद बाँधी है जिससे आगे वह बढ़ नहीं सकता।
Job UrduGeoD 14:6  चुनाँचे अपनी निगाह उससे फेर ले और उसे छोड़ दे ताकि वह मज़दूर की तरह अपने थोड़े दिनों से कुछ मज़ा ले सके।
Job UrduGeoD 14:7  अगर दरख़्त को काटा जाए तो उसे थोड़ी-बहुत उम्मीद बाक़ी रहती है, क्योंकि ऐन मुमकिन है कि मुढ से कोंपलें फूट निकलें और उस की नई शाख़ें उगती जाएँ।
Job UrduGeoD 14:8  बेशक उस की जड़ें पुरानी हो जाएँ और उसका मुढ मिट्टी में ख़त्म होने लगे,
Job UrduGeoD 14:9  लेकिन पानी की ख़ुशबू सूँघते ही वह कोंपलें निकालने लगेगा, और पनीरी की-सी टहनियाँ उससे फूटने लगेंगी।
Job UrduGeoD 14:10  लेकिन इनसान फ़रक़ है। मरते वक़्त उस की हर तरह की ताक़त जाती रहती है, दम छोड़ते वक़्त उसका नामो-निशान तक नहीं रहता।
Job UrduGeoD 14:11  वह उस झील की मानिंद है जिसका पानी ओझल हो जाए, उस नदी की मानिंद जो सुकड़कर ख़ुश्क हो जाए।
Job UrduGeoD 14:12  वफ़ात पानेवाले का यही हाल है। वह लेट जाता और कभी नहीं उठेगा। जब तक आसमान क़ायम है न वह जाग उठेगा, न उसे जगाया जाएगा।
Job UrduGeoD 14:13  काश तू मुझे पाताल में छुपा देता, मुझे वहाँ उस वक़्त तक पोशीदा रखता जब तक तेरा क़हर ठंडा न हो जाता! काश तू एक वक़्त मुक़र्रर करे जब तू मेरा दुबारा ख़याल करेगा।
Job UrduGeoD 14:14  (क्योंकि अगर इनसान मर जाए तो क्या वह दुबारा ज़िंदा हो जाएगा?) फिर मैं अपनी सख़्त ख़िदमत के तमाम दिन बरदाश्त करता, उस वक़्त तक इंतज़ार करता जब तक मेरी सबुकदोशी न हो जाती।
Job UrduGeoD 14:15  तब तू मुझे आवाज़ देता और मैं जवाब देता, तू अपने हाथों के काम का आरज़ूमंद होता।
Job UrduGeoD 14:16  उस वक़्त भी तू मेरे हर क़दम का शुमार करता, लेकिन न सिर्फ़ इस मक़सद से कि मेरे गुनाहों पर ध्यान दे।
Job UrduGeoD 14:17  तू मेरे जरायम थैले में बाँधकर उस पर मुहर लगा देता, मेरी हर ग़लती को ढाँक देता।
Job UrduGeoD 14:18  लेकिन अफ़सोस! जिस तरह पहाड़ गिरकर चूर चूर हो जाता और चटान खिसक जाती है,
Job UrduGeoD 14:19  जिस तरह बहता पानी पत्थर को रगड़ रगड़कर ख़त्म करता और सैलाब मिट्टी को बहा ले जाता है उसी तरह तू इनसान की उम्मीद ख़ाक में मिला देता है।
Job UrduGeoD 14:20  तू मुकम्मल तौर पर उस पर ग़ालिब आ जाता तो वह कूच कर जाता है, तू उसका चेहरा बिगाड़कर उसे फ़ारिग़ कर देता है।
Job UrduGeoD 14:21  अगर उसके बच्चों को सरफ़राज़ किया जाए तो उसे पता नहीं चलता, अगर उन्हें पस्त किया जाए तो यह भी उसके इल्म में नहीं आता।
Job UrduGeoD 14:22  वह सिर्फ़ अपने ही जिस्म का दर्द महसूस करता और अपने लिए ही मातम करता है।”