LAMENTATIONS
Chapter 5
Lame | UrduGeoD | 5:2 | हमारी मौरूसी मिलकियत परदेसियों के हवाले की गई, हमारे घर अजनबियों के हाथ में आ गए हैं। | |
Lame | UrduGeoD | 5:3 | हम वालिदों से महरूम होकर यतीम हो गए हैं, हमारी माएँ बेवाओं की तरह ग़ैरमहफ़ूज़ हैं। | |
Lame | UrduGeoD | 5:4 | ख़ाह पीने का पानी हो या लकड़ी, हर चीज़ की पूरी क़ीमत अदा करनी पड़ती है, हालाँकि यह हमारी अपनी ही चीज़ें थीं। | |
Lame | UrduGeoD | 5:5 | हमारा ताक़्क़ुब करनेवाले हमारे सर पर चढ़ आए हैं, और हम थक गए हैं। कहीं भी सुकून नहीं मिलता। | |
Lame | UrduGeoD | 5:7 | हमारे बापदादा ने गुनाह किया, लेकिन वह कूच कर गए हैं। अब हम ही उनकी सज़ा भुगत रहे हैं। | |
Lame | UrduGeoD | 5:9 | हम अपनी जान को ख़तरे में डालकर रोज़ी कमाते हैं, क्योंकि बयाबान में तलवार हमारी ताक में बैठी रहती है। | |
Lame | UrduGeoD | 5:13 | नौजवानों को चक्की का पाट उठाए फिरना है, लड़के लकड़ी के बोझ तले डगमगाकर गिर जाते हैं। | |
Lame | UrduGeoD | 5:20 | तू हमें हमेशा तक क्यों भूलना चाहता है? तूने हमें इतनी देर तक क्यों तर्क किए रखा है? | |
Lame | UrduGeoD | 5:21 | ऐ रब, हमें अपने पास वापस ला ताकि हम वापस आ सकें। हमें बहाल कर ताकि हमारा हाल पहले की तरह हो। | |