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Chapter 42
Job | UrduGeoD | 42:2 | “मैंने जान लिया है कि तू सब कुछ कर पाता है, कि तेरा कोई भी मनसूबा रोका नहीं जा सकता। | |
Job | UrduGeoD | 42:3 | तूने फ़रमाया, ‘यह कौन है जो समझ से ख़ाली बातें करने से मेरे मनसूबे के सहीह मतलब पर परदा डालता है?’ यक़ीनन मैंने ऐसी बातें बयान कीं जो मेरी समझ से बाहर हैं, ऐसी बातें जो इतनी अनोखी हैं कि मैं उनका इल्म रख ही नहीं सकता। | |
Job | UrduGeoD | 42:4 | तूने फ़रमाया, ‘सुन मेरी बात तो मैं बोलूँगा। मैं तुझसे सवाल करता हूँ, और तू मुझे तालीम दे।’ | |
Job | UrduGeoD | 42:5 | पहले मैंने तेरे बारे में सिर्फ़ सुना था, लेकिन अब मेरी अपनी आँखों ने तुझे देखा है। | |
Job | UrduGeoD | 42:7 | अय्यूब से यह तमाम बातें कहने के बाद रब इलीफ़ज़ तेमानी से हमकलाम हुआ, “मैं तुझसे और तेरे दो दोस्तों से ग़ुस्से हूँ, क्योंकि गो मेरे बंदे अय्यूब ने मेरे बारे में दुरुस्त बातें कीं मगर तुमने ऐसा नहीं किया। | |
Job | UrduGeoD | 42:8 | चुनाँचे अब सात जवान बैल और सात मेंढे लेकर मेरे बंदे अय्यूब के पास जाओ और अपनी ख़ातिर भस्म होनेवाली क़ुरबानी पेश करो। लाज़िम है कि अय्यूब तुम्हारी शफ़ाअत करे, वरना मैं तुम्हें तुम्हारी हमाक़त का पूरा अज्र दूँगा। लेकिन उस की शफ़ाअत पर मैं तुम्हें मुआफ़ करूँगा, क्योंकि मेरे बंदे अय्यूब ने मेरे बारे में वह कुछ बयान किया जो सहीह है जबकि तुमने ऐसा नहीं किया।” | |
Job | UrduGeoD | 42:9 | इलीफ़ज़ तेमानी, बिलदद सूख़ी और ज़ूफ़र नामाती ने वह कुछ किया जो रब ने उन्हें करने को कहा था तो रब ने अय्यूब की सुनी। | |
Job | UrduGeoD | 42:10 | और जब अय्यूब ने दोस्तों की शफ़ाअत की तो रब ने उसे इतनी बरकत दी कि आख़िरकार उसे पहले की निसबत दुगनी दौलत हासिल हुई। | |
Job | UrduGeoD | 42:11 | तब उसके तमाम भाई-बहनें और पुराने जाननेवाले उसके पास आए और घर में उसके साथ खाना खाकर उस आफ़त पर अफ़सोस किया जो रब अय्यूब पर लाया था। हर एक ने उसे तसल्ली देकर उसे एक सिक्का और सोने का एक छल्ला दे दिया। | |
Job | UrduGeoD | 42:12 | अब से रब ने अय्यूब को पहले की निसबत कहीं ज़्यादा बरकत दी। उसे 14,000 बकरियाँ, 6,000 ऊँट, बैलों की 1,000 जोड़ियाँ और 1,000 गधियाँ हासिल हुईं। | |
Job | UrduGeoD | 42:14 | उसने बेटियों के यह नाम रखे : पहली का नाम यमीमा, दूसरी का क़सियह और तीसरी का क़रन-हप्पूक। | |
Job | UrduGeoD | 42:15 | तमाम मुल्क में अय्यूब की बेटियों जैसी ख़ूबसूरत ख़वातीन पाई नहीं जाती थीं। अय्यूब ने उन्हें भी मीरास में मिलकियत दी, ऐसी मिलकियत जो उनके भाइयों के दरमियान ही थी। | |