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GENESIS
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Chapter 43
Gene UrduGeoD 43:2  जब मिसर से लाया गया अनाज ख़त्म हो गया तो याक़ूब ने कहा, “अब वापस जाकर हमारे लिए कुछ और ग़ल्ला ख़रीद लाओ।”
Gene UrduGeoD 43:3  लेकिन यहूदाह ने कहा, “उस मर्द ने सख़्ती से कहा था, ‘तुम सिर्फ़ इस सूरत में मेरे पास आ सकते हो कि तुम्हारा भाई साथ हो।’
Gene UrduGeoD 43:4  अगर आप हमारे भाई को साथ भेजें तो फिर हम जाकर आपके लिए ग़ल्ला ख़रीदेंगे
Gene UrduGeoD 43:5  वरना नहीं। क्योंकि उस आदमी ने कहा था कि हम सिर्फ़ इस सूरत में उसके पास आ सकते हैं कि हमारा भाई साथ हो।”
Gene UrduGeoD 43:6  याक़ूब ने कहा, “तुमने उसे क्यों बताया कि हमारा एक और भाई भी है? इससे तुमने मुझे बड़ी मुसीबत में डाल दिया है।”
Gene UrduGeoD 43:7  उन्होंने जवाब दिया, “वह आदमी हमारे और हमारे ख़ानदान के बारे में पूछता रहा, ‘क्या तुम्हारा बाप अब तक ज़िंदा है? क्या तुम्हारा कोई और भाई है?’ फिर हमें जवाब देना पड़ा। हमें क्या पता था कि वह हमें अपने भाई को साथ लाने को कहेगा।”
Gene UrduGeoD 43:8  फिर यहूदाह ने बाप से कहा, “लड़के को मेरे साथ भेज दें तो हम अभी रवाना हो जाएंगे। वरना आप, हमारे बच्चे बल्कि हम सब भूकों मर जाएंगे।
Gene UrduGeoD 43:9  मैं ख़ुद उसका ज़ामिन हूँगा। आप मुझे उस की जान का ज़िम्मादार ठहरा सकते हैं। अगर मैं उसे सलामती से वापस न पहुँचाऊँ तो फिर मैं ज़िंदगी के आख़िर तक क़ुसूरवार ठहरूँगा।
Gene UrduGeoD 43:10  जितनी देर तक हम झिजकते रहे हैं उतनी देर में तो हम दो दफ़ा मिसर जाकर वापस आ सकते थे।”
Gene UrduGeoD 43:11  तब उनके बाप इसराईल ने कहा, “अगर और कोई सूरत नहीं तो इस मुल्क की बेहतरीन पैदावार में से कुछ तोह्फ़े के तौर पर लेकर उस आदमी को दे दो यानी कुछ बलसान, शहद, लादन, मुर, पिस्ता और बादाम।
Gene UrduGeoD 43:12  अपने साथ दुगनी रक़म लेकर जाओ, क्योंकि तुम्हें वह पैसे वापस करने हैं जो तुम्हारी बोरियों में रखे गए थे। शायद किसी से ग़लती हुई हो।
Gene UrduGeoD 43:13  अपने भाई को लेकर सीधे वापस पहुँचना।
Gene UrduGeoD 43:14  अल्लाह क़ादिरे-मुतलक़ करे कि यह आदमी तुम पर रहम करके बिनयमीन और तुम्हारे दूसरे भाई को वापस भेजे। जहाँ तक मेरा ताल्लुक़ है, अगर मुझे अपने बच्चों से महरूम होना है तो ऐसा ही हो।”
Gene UrduGeoD 43:15  चुनाँचे वह तोह्फ़े, दुगनी रक़म और बिनयमीन को साथ लेकर चल पड़े। मिसर पहुँचकर वह यूसुफ़ के सामने हाज़िर हुए।
Gene UrduGeoD 43:16  जब यूसुफ़ ने बिनयमीन को उनके साथ देखा तो उसने अपने घर पर मुक़र्रर मुलाज़िम से कहा, “इन आदमियों को मेरे घर ले जाओ ताकि वह दोपहर का खाना मेरे साथ खाएँ। जानवर को ज़बह करके खाना तैयार करो।”
Gene UrduGeoD 43:17  मुलाज़िम ने ऐसा ही किया और भाइयों को यूसुफ़ के घर ले गया।
Gene UrduGeoD 43:18  जब उन्हें उसके घर पहुँचाया जा रहा था तो वह डरकर सोचने लगे, “हमें उन पैसों के सबब से यहाँ लाया जा रहा है जो पहली दफ़ा हमारी बोरियों में वापस किए गए थे। वह हम पर अचानक हमला करके हमारे गधे छीन लेंगे और हमें ग़ुलाम बना लेंगे।”
Gene UrduGeoD 43:19  इसलिए घर के दरवाज़े पर पहुँचकर उन्होंने घर पर मुक़र्रर मुलाज़िम से कहा,
Gene UrduGeoD 43:20  “जनाबे-आली, हमारी बात सुन लीजिए। इससे पहले हम अनाज ख़रीदने के लिए यहाँ आए थे।
Gene UrduGeoD 43:21  लेकिन जब हम यहाँ से रवाना होकर रास्ते में रात के लिए ठहरे तो हमने अपनी बोरियाँ खोलकर देखा कि हर बोरी के मुँह में हमारे पैसों की पूरी रक़म पड़ी है। हम यह पैसे वापस ले आए हैं।
Gene UrduGeoD 43:22  नीज़, हम मज़ीद ख़ुराक ख़रीदने के लिए और पैसे ले आए हैं। ख़ुदा जाने किसने हमारे यह पैसे हमारी बोरियों में रख दिए।”
Gene UrduGeoD 43:23  मुलाज़िम ने कहा, “फ़िकर न करें। मत डरें। आपके और आपके बाप के ख़ुदा ने आपके लिए आपकी बोरियों में यह ख़ज़ाना रखा होगा। बहरहाल मुझे आपके पैसे मिल गए हैं।” मुलाज़िम शमौन को उनके पास बाहर ले आया।
Gene UrduGeoD 43:24  फिर उसने भाइयों को यूसुफ़ के घर में ले जाकर उन्हें पाँव धोने के लिए पानी और गधों को चारा दिया।
Gene UrduGeoD 43:25  उन्होंने अपने तोह्फ़े तैयार रखे, क्योंकि उन्हें बताया गया, “यूसुफ़ दोपहर का खाना आपके साथ ही खाएगा।”
Gene UrduGeoD 43:26  जब यूसुफ़ घर पहुँचा तो वह अपने तोह्फ़े लेकर उसके सामने आए और मुँह के बल झुक गए।
Gene UrduGeoD 43:27  उसने उनसे ख़ैरियत दरियाफ़्त की और फिर कहा, “तुमने अपने बूढ़े बाप का ज़िक्र किया। क्या वह ठीक हैं? क्या वह अब तक ज़िंदा हैं?”
Gene UrduGeoD 43:28  उन्होंने जवाब दिया, “जी, आपके ख़ादिम हमारे बाप अब तक ज़िंदा हैं।” वह दुबारा मुँह के बल झुक गए।
Gene UrduGeoD 43:29  जब यूसुफ़ ने अपने सगे भाई बिनयमीन को देखा तो उसने कहा, “क्या यह तुम्हारा सबसे छोटा भाई है जिसका तुमने ज़िक्र किया था? बेटा, अल्लाह की नज़रे-करम तुम पर हो।”
Gene UrduGeoD 43:30  यूसुफ़ अपने भाई को देखकर इतना मुतअस्सिर हुआ कि वह रोने को था, इसलिए वह जल्दी से वहाँ से निकलकर अपने सोने के कमरे में गया और रो पड़ा।
Gene UrduGeoD 43:31  फिर वह अपना मुँह धोकर वापस आया। अपने आप पर क़ाबू पाकर उसने हुक्म दिया कि नौकर खाना ले आएँ।
Gene UrduGeoD 43:32  नौकरों ने यूसुफ़ के लिए खाने का अलग इंतज़ाम किया और भाइयों के लिए अलग। मिसरियों के लिए भी खाने का अलग इंतज़ाम था, क्योंकि इबरानियों के साथ खाना खाना उनकी नज़र में क़ाबिले-नफ़रत था।
Gene UrduGeoD 43:33  भाइयों को उनकी उम्र की तरतीब के मुताबिक़ यूसुफ़ के सामने बिठाया गया। यह देखकर भाई निहायत हैरान हुए।
Gene UrduGeoD 43:34  नौकरों ने उन्हें यूसुफ़ की मेज़ पर से खाना लेकर खिलाया। लेकिन बिनयमीन को दूसरों की निसबत पाँच गुना ज़्यादा मिला। यों उन्होंने यूसुफ़ के साथ जी भरकर खाया और पिया।