MATTHEW
Chapter 19
Matt | UrduGeoD | 19:3 | कुछ फ़रीसी आए और उसे फँसाने की ग़रज़ से सवाल किया, “क्या जायज़ है कि मर्द अपनी बीवी को किसी भी वजह से तलाक़ दे?” | |
Matt | UrduGeoD | 19:4 | ईसा ने जवाब दिया, “क्या तुमने कलामे-मुक़द्दस में नहीं पढ़ा कि इब्तिदा में ख़ालिक़ ने उन्हें मर्द और औरत बनाया? | |
Matt | UrduGeoD | 19:5 | और उसने फ़रमाया, ‘इसलिए मर्द अपने माँ-बाप को छोड़कर अपनी बीवी के साथ पैवस्त हो जाता है। वह दोनों एक हो जाते हैं।’ | |
Matt | UrduGeoD | 19:6 | यों वह कलामे-मुक़द्दस के मुताबिक़ दो नहीं रहते बल्कि एक हो जाते हैं। जिसे अल्लाह ने जोड़ा है उसे इनसान जुदा न करे।” | |
Matt | UrduGeoD | 19:7 | उन्होंने एतराज़ किया, “तो फिर मूसा ने यह क्यों फ़रमाया कि आदमी तलाक़नामा लिखकर बीवी को रुख़सत कर दे?” | |
Matt | UrduGeoD | 19:8 | ईसा ने जवाब दिया, “मूसा ने तुम्हारी सख़्तदिली की वजह से तुमको अपनी बीवी को तलाक़ देने की इजाज़त दी। लेकिन इब्तिदा में ऐसा न था। | |
Matt | UrduGeoD | 19:9 | मैं तुम्हें बताता हूँ, जो अपनी बीवी को जिसने ज़िना न किया हो तलाक़ दे और किसी और से शादी करे, वह ज़िना करता है।” | |
Matt | UrduGeoD | 19:10 | शागिर्दों ने उससे कहा, “अगर शौहर और बीवी का आपस का ताल्लुक़ ऐसा है तो शादी न करना बेहतर है।” | |
Matt | UrduGeoD | 19:11 | ईसा ने जवाब दिया, “हर कोई यह बात समझ नहीं सकता बल्कि सिर्फ़ वह जिसे इस क़ाबिल बना दिया गया हो। | |
Matt | UrduGeoD | 19:12 | क्योंकि कुछ पैदाइश ही से शादी करने के क़ाबिल नहीं होते, बाज़ को दूसरों ने यों बनाया है और बाज़ ने आसमान की बादशाही की ख़ातिर शादी करने से इनकार किया है। लिहाज़ा जो यह समझ सके वह समझ ले।” | |
Matt | UrduGeoD | 19:13 | एक दिन छोटे बच्चों को ईसा के पास लाया गया ताकि वह उन पर अपने हाथ रखकर दुआ करे। लेकिन शागिर्दों ने लानेवालों को मलामत की। | |
Matt | UrduGeoD | 19:14 | यह देखकर ईसा ने कहा, “बच्चों को मेरे पास आने दो और उन्हें न रोको, क्योंकि आसमान की बादशाही इन जैसे लोगों को हासिल है।” | |
Matt | UrduGeoD | 19:16 | फिर एक आदमी ईसा के पास आया। उसने कहा, “उस्ताद, में कौन-सा नेक काम करूँ ताकि अबदी ज़िंदगी मिल जाए?” | |
Matt | UrduGeoD | 19:17 | ईसा ने जवाब दिया, “तू मुझे नेकी के बारे में क्यों पूछ रहा है? सिर्फ़ एक ही नेक है। लेकिन अगर तू अबदी ज़िंदगी में दाख़िल होना चाहता है तो अहकाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ार।” | |
Matt | UrduGeoD | 19:18 | आदमी ने पूछा, “कौन-से अहकाम?” ईसा ने जवाब दिया, “क़त्ल न करना, ज़िना न करना, चोरी न करना, झूटी गवाही न देना, | |
Matt | UrduGeoD | 19:19 | अपने बाप और अपनी माँ की इज़्ज़त करना और अपने पड़ोसी से वैसी मुहब्बत रखना जैसी तू अपने आपसे रखता है।” | |
Matt | UrduGeoD | 19:20 | जवान आदमी ने जवाब दिया, “मैंने इन तमाम अहकाम की पैरवी की है, अब क्या रह गया है?” | |
Matt | UrduGeoD | 19:21 | ईसा ने उसे बताया, “अगर तू कामिल होना चाहता है तो जा और अपनी पूरी जायदाद फ़रोख़्त करके पैसे ग़रीबों में तक़सीम कर दे। फिर तेरे लिए आसमान पर ख़ज़ाना जमा हो जाएगा। इसके बाद आकर मेरे पीछे हो ले।” | |
Matt | UrduGeoD | 19:23 | इस पर ईसा ने अपने शागिर्दों से कहा, “मैं तुमको सच बताता हूँ कि दौलतमंद के लिए आसमान की बादशाही में दाख़िल होना मुश्किल है। | |
Matt | UrduGeoD | 19:24 | मैं यह दुबारा कहता हूँ, अमीर के आसमान की बादशाही में दाख़िल होने की निसबत ज़्यादा आसान यह है कि ऊँट सूई के नाके में से गुज़र जाए।” | |
Matt | UrduGeoD | 19:25 | यह सुनकर शागिर्द निहायत हैरतज़दा हुए और पूछने लगे, “फिर किस को नजात हासिल हो सकती है?” | |
Matt | UrduGeoD | 19:26 | ईसा ने ग़ौर से उनकी तरफ़ देखकर जवाब दिया, “यह इनसान के लिए तो नामुमकिन है, लेकिन अल्लाह के लिए सब कुछ मुमकिन है।” | |
Matt | UrduGeoD | 19:27 | फिर पतरस बोल उठा, “हम तो अपना सब कुछ छोड़कर आपके पीछे हो लिए हैं। हमें क्या मिलेगा?” | |
Matt | UrduGeoD | 19:28 | ईसा ने उनसे कहा, “मैं तुमको सच बताता हूँ, दुनिया की नई तख़लीक़ पर जब इब्ने-आदम अपने जलाली तख़्त पर बैठेगा तो तुम भी जिन्होंने मेरी पैरवी की है बारह तख़्तों पर बैठकर इसराईल के बारह क़बीलों की अदालत करोगे। | |
Matt | UrduGeoD | 19:29 | और जिसने भी मेरी ख़ातिर अपने घरों, भाइयों, बहनों, बाप, माँ, बच्चों या खेतों को छोड़ दिया है उसे सौ गुना ज़्यादा मिल जाएगा और मीरास में अबदी ज़िंदगी पाएगा। | |