JOB
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Chapter 11
Job | UrduGeoD | 11:2 | “क्या इन तमाम बातों का जवाब नहीं देना चाहिए? क्या यह आदमी अपनी ख़ाली बातों की बिना पर ही रास्तबाज़ ठहरेगा? | |
Job | UrduGeoD | 11:3 | क्या तेरी बेमानी बातें लोगों के मुँह यों बंद करेंगी कि तू आज़ादी से लान-तान करता जाए और कोई तुझे शरमिंदा न कर सके? | |
Job | UrduGeoD | 11:6 | काश वह तेरे लिए हिकमत के भेद खोले, क्योंकि वह इनसान की समझ के नज़दीक मोजिज़े से हैं। तब तू जान लेता कि अल्लाह तेरे गुनाह का काफ़ी हिस्सा दरगुज़र कर रहा है। | |
Job | UrduGeoD | 11:7 | क्या तू अल्लाह का राज़ खोल सकता है? क्या तू क़ादिरे-मुतलक़ के कामिल इल्म तक पहुँच सकता है? | |
Job | UrduGeoD | 11:8 | वह तो आसमान से बुलंद है, चुनाँचे तू क्या कर सकता है? वह पाताल से गहरा है, चुनाँचे तू क्या जान सकता है? | |
Job | UrduGeoD | 11:10 | अगर वह कहीं से गुज़रकर किसी को गिरिफ़्तार करे या अदालत में उसका हिसाब करे तो कौन उसे रोकेगा? | |
Job | UrduGeoD | 11:11 | क्योंकि वह फ़रेबदेह आदमियों को जान लेता है, जब भी उसे बुराई नज़र आए तो वह उस पर ख़ूब ध्यान देता है। | |
Job | UrduGeoD | 11:12 | अक़्ल से ख़ाली आदमी किस तरह समझ पा सकता है? यह उतना ही नामुमकिन है जितना यह कि जंगली गधे से इनसान पैदा हो। | |
Job | UrduGeoD | 11:13 | ऐ अय्यूब, अपना दिल पूरे ध्यान से अल्लाह की तरफ़ मायल कर और अपने हाथ उस की तरफ़ उठा! | |
Job | UrduGeoD | 11:14 | अगर तेरे हाथ गुनाह में मुलव्वस हों तो उसे दूर कर और अपने ख़ैमे में बुराई बसने न दे! | |
Job | UrduGeoD | 11:15 | तब तू बेइलज़ाम हालत में अपना चेहरा उठा सकेगा, तू मज़बूती से खड़ा रहेगा और डरेगा नहीं। | |
Job | UrduGeoD | 11:19 | तू आराम करेगा, और कोई तुझे दहशतज़दा नहीं करेगा बल्कि बहुत लोग तेरी नज़रे-इनायत हासिल करने की कोशिश करेंगे। | |