LEVITICUS
Chapter 4
Levi | UrduGeoD | 4:2 | “इसराईलियों को बताना कि जो भी ग़ैरइरादी तौर पर गुनाह करके रब के किसी हुक्म को तोड़े वह यह करे : | |
Levi | UrduGeoD | 4:3 | अगर इमामे-आज़म गुनाह करे और नतीजे में पूरी क़ौम क़ुसूरवार ठहरे तो फिर वह रब को एक बेऐब जवान बैल लेकर गुनाह की क़ुरबानी के तौर पर पेश करे। | |
Levi | UrduGeoD | 4:4 | वह जवान बैल को मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़े के पास ले आए और अपना हाथ उसके सर पर रखकर उसे रब के सामने ज़बह करे। | |
Levi | UrduGeoD | 4:6 | वहाँ वह अपनी उँगली उसमें डालकर उसे सात बार रब के सामने यानी मुक़द्दसतरीन कमरे के परदे पर छिड़के। | |
Levi | UrduGeoD | 4:7 | फिर वह ख़ैमे के अंदर की उस क़ुरबानगाह के चारों सींगों पर ख़ून लगाए जिस पर बख़ूर जलाया जाता है। बाक़ी ख़ून वह बाहर ख़ैमे के दरवाज़े पर की उस क़ुरबानगाह के पाए पर उंडेले जिस पर जानवर जलाए जाते हैं। | |
Levi | UrduGeoD | 4:9 | गुरदे उस चरबी समेत जो उन पर और कमर के क़रीब होती है और जोड़कलेजी को गुरदों के साथ ही अलग करना है। | |
Levi | UrduGeoD | 4:10 | यह बिलकुल उसी तरह किया जाए जिस तरह उस बैल के साथ किया गया जो सलामती की क़ुरबानी के लिए पेश किया जाता है। इमाम यह सब कुछ उस क़ुरबानगाह पर जला दे जिस पर जानवर जलाए जाते हैं। | |
Levi | UrduGeoD | 4:12 | ख़ैमागाह के बाहर ले जाए। यह चीज़ें उस पाक जगह पर जहाँ क़ुरबानियों की राख फेंकी जाती है लकड़ियों पर रखकर जला देनी हैं। | |
Levi | UrduGeoD | 4:13 | अगर इसराईल की पूरी जमात ने ग़ैरइरादी तौर पर गुनाह करके रब के किसी हुक्म से तजावुज़ किया है और जमात को मालूम नहीं था तो भी वह क़ुसूरवार है। | |
Levi | UrduGeoD | 4:14 | जब लोगों को पता लगे कि हमने गुनाह किया है तो जमात मुलाक़ात के ख़ैमे के पास एक जवान बैल ले आए और उसे गुनाह की क़ुरबानी के तौर पर पेश करे। | |
Levi | UrduGeoD | 4:17 | वहाँ वह अपनी उँगली उसमें डालकर उसे सात बार रब के सामने यानी मुक़द्दसतरीन कमरे के परदे पर छिड़के। | |
Levi | UrduGeoD | 4:18 | फिर वह ख़ैमे के अंदर की उस क़ुरबानगाह के चारों सींगों पर ख़ून लगाए जिस पर बख़ूर जलाया जाता है। बाक़ी ख़ून वह बाहर ख़ैमे के दरवाज़े की उस क़ुरबानगाह के पाए पर उंडेले जिस पर जानवर जलाए जाते हैं। | |
Levi | UrduGeoD | 4:20 | उस बैल के साथ वह सब कुछ करे जो उसे अपने ज़ाती ग़ैरइरादी गुनाह के लिए करना होता है। यों वह लोगों का कफ़्फ़ारा देगा और उन्हें मुआफ़ी मिल जाएगी। | |
Levi | UrduGeoD | 4:21 | आख़िर में वह बैल को ख़ैमागाह के बाहर ले जाकर उस तरह जला दे जिस तरह उसे अपने लिए बैल को जला देना होता है। यह जमात का गुनाह दूर करने की क़ुरबानी है। | |
Levi | UrduGeoD | 4:22 | अगर कोई सरदार ग़ैरइरादी तौर पर गुनाह करके रब के किसी हुक्म से तजावुज़ करे और यों क़ुसूरवार ठहरे तो | |
Levi | UrduGeoD | 4:23 | जब भी उसे पता लगे कि मुझसे गुनाह हुआ है तो वह क़ुरबानी के लिए एक बेऐब बकरा ले आए। | |
Levi | UrduGeoD | 4:24 | वह अपना हाथ बकरे के सर पर रखकर उसे वहाँ ज़बह करे जहाँ भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ ज़बह की जाती हैं। यह गुनाह की क़ुरबानी है। | |
Levi | UrduGeoD | 4:25 | इमाम अपनी उँगली ख़ून में डालकर उसे उस क़ुरबानगाह के चारों सींगों पर लगाए जिस पर जानवर जलाए जाते हैं। बाक़ी ख़ून वह क़ुरबानगाह के पाए पर उंडेले। | |
Levi | UrduGeoD | 4:26 | फिर वह उस की सारी चरबी क़ुरबानगाह पर उस तरह जला दे जिस तरह वह सलामती की क़ुरबानियों की चरबी जला देता है। यों इमाम उस आदमी का कफ़्फ़ारा देगा और उसे मुआफ़ी हासिल हो जाएगी। | |
Levi | UrduGeoD | 4:27 | अगर कोई आम शख़्स ग़ैरइरादी तौर पर गुनाह करके रब के किसी हुक्म से तजावुज़ करे और यों क़ुसूरवार ठहरे तो | |
Levi | UrduGeoD | 4:28 | जब भी उसे पता लगे कि मुझसे गुनाह हुआ है तो वह क़ुरबानी के लिए एक बेऐब बकरी ले आए। | |
Levi | UrduGeoD | 4:29 | वह अपना हाथ बकरी के सर पर रखकर उसे वहाँ ज़बह करे जहाँ भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ ज़बह की जाती हैं। | |
Levi | UrduGeoD | 4:30 | इमाम अपनी उँगली ख़ून में डालकर उसे उस क़ुरबानगाह के चारों सींगों पर लगाए जिस पर जानवर जलाए जाते हैं। बाक़ी ख़ून वह क़ुरबानगाह के पाए पर उंडेले। | |
Levi | UrduGeoD | 4:31 | फिर वह उस की सारी चरबी उस तरह निकाले जिस तरह वह सलामती की क़ुरबानियों की चरबी निकालता है। इसके बाद वह उसे क़ुरबानगाह पर जला दे। ऐसी क़ुरबानी की ख़ुशबू रब को पसंद है। यों इमाम उस आदमी का कफ़्फ़ारा देगा और उसे मुआफ़ी हासिल हो जाएगी। | |
Levi | UrduGeoD | 4:33 | वह अपना हाथ उसके सर पर रखकर उसे वहाँ ज़बह करे जहाँ भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ ज़बह की जाती हैं। | |
Levi | UrduGeoD | 4:34 | इमाम अपनी उँगली ख़ून में डालकर उसे उस क़ुरबानगाह के चारों सींगों पर लगाए जिस पर जानवर जलाए जाते हैं। बाक़ी ख़ून वह क़ुरबानगाह के पाए पर उंडेले। | |