PROVERBS
Chapter 26
Prov | UrduGeoD | 26:1 | अहमक़ की इज़्ज़त करना उतना ही ग़ैरमौज़ूँ है जितना मौसमे-गरमा में बर्फ़ या फ़सल काटते वक़्त बारिश। | |
Prov | UrduGeoD | 26:2 | बिलावजह भेजी हुई लानत फड़फड़ाती चिड़िया या उड़ती हुई अबाबील की तरह ओझल होकर बेअसर रह जाती है। | |
Prov | UrduGeoD | 26:5 | जब अहमक़ अहमक़ाना बातें करे तो उसे जवाब दे, वरना वह अपनी नज़र में दानिशमंद ठहरेगा। | |
Prov | UrduGeoD | 26:6 | जो अहमक़ के हाथ पैग़ाम भेजे वह उस की मानिंद है जो अपने पाँवों पर कुल्हाड़ी मारकर अपने आपसे ज़्यादती करता है। | |
Prov | UrduGeoD | 26:9 | अहमक़ के मुँह में हिकमत की बात नशे में धुत शराबी के हाथ में काँटेदार झाड़ी की मानिंद है। | |
Prov | UrduGeoD | 26:10 | जो अहमक़ या हर किसी गुज़रनेवाले को काम पर लगाए वह सबको ज़ख़मी करनेवाले तीरअंदाज़ की मानिंद है। | |
Prov | UrduGeoD | 26:11 | जो अहमक़ अपनी हमाक़त दोहराए वह अपनी क़ै के पास वापस आनेवाले कुत्ते की मानिंद है। | |
Prov | UrduGeoD | 26:12 | क्या कोई दिखाई देता है जो अपने आपको दानिशमंद समझता है? उस की निसबत अहमक़ के सुधरने की ज़्यादा उम्मीद है। | |
Prov | UrduGeoD | 26:14 | जिस तरह दरवाज़ा क़ब्ज़े पर घूमता है उसी तरह काहिल अपने बिस्तर पर करवटें बदलता है। | |
Prov | UrduGeoD | 26:15 | जब काहिल अपना हाथ खाने के बरतन में डाल दे तो वह इतना सुस्त है कि उसे मुँह तक वापस नहीं ला सकता। | |
Prov | UrduGeoD | 26:16 | काहिल अपनी नज़र में हिकमत से जवाब देनेवाले सात आदमियों से कहीं ज़्यादा दानिशमंद है। | |
Prov | UrduGeoD | 26:17 | जो गुज़रते वक़्त दूसरों के झगड़े में मुदाख़लत करे वह उस आदमी की मानिंद है जो कुत्ते को कानों से पकड़ ले। | |
Prov | UrduGeoD | 26:18 | जो अपने पड़ोसी को फ़रेब देकर बाद में कहे, “मैं सिर्फ़ मज़ाक़ कर रहा था” वह उस दीवाने की मानिंद है जो लोगों पर जलते हुए और मोहलक तीर बरसाता है। | |
Prov | UrduGeoD | 26:19 | जो अपने पड़ोसी को फ़रेब देकर बाद में कहे, “मैं सिर्फ़ मज़ाक़ कर रहा था” वह उस दीवाने की मानिंद है जो लोगों पर जलते हुए और मोहलक तीर बरसाता है। | |
Prov | UrduGeoD | 26:20 | लकड़ी के ख़त्म होने पर आग बुझ जाती है, तोहमत लगानेवाले के चले जाने पर झगड़ा बंद हो जाता है। | |
Prov | UrduGeoD | 26:21 | अंगारों में कोयले और आग में लकड़ी डाल तो आग भड़क उठेगी। झगड़ालू को कहीं भी खड़ा कर तो लोग मुश्तइल हो जाएंगे। | |
Prov | UrduGeoD | 26:22 | तोहमत लगानेवाले की बातें लज़ीज़ खाने के लुक़मों जैसी हैं, वह दिल की तह तक उतर जाती हैं। | |
Prov | UrduGeoD | 26:23 | जलनेवाले होंट और शरीर दिल मिट्टी के उस बरतन की मानिंद हैं जिसे चमकदार बनाया गया हो। | |
Prov | UrduGeoD | 26:24 | नफ़रत करनेवाला अपने होंटों से अपना असली रूप छुपा लेता है, लेकिन उसका दिल फ़रेब से भरा रहता है। | |
Prov | UrduGeoD | 26:25 | जब वह मेहरबान बातें करे तो उस पर यक़ीन न कर, क्योंकि उसके दिल में सात मकरूह बातें हैं। | |
Prov | UrduGeoD | 26:26 | गो उस की नफ़रत फ़िलहाल फ़रेब से छुपी रहे, लेकिन एक दिन उसका ग़लत किरदार पूरी जमात के सामने ज़ाहिर हो जाएगा। | |
Prov | UrduGeoD | 26:27 | जो दूसरों को फँसाने के लिए गढ़ा खोदे वह उसमें ख़ुद गिर जाएगा, जो पत्थर लुढ़काकर दूसरों पर फेंकना चाहे उस पर ही पत्थर वापस लुढ़क आएगा। | |