ISAIAH
1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
11
12
13
14
15
16
17
18
19
20
21
22
23
24
25
26
27
28
29
30
31
32
33
34
35
36
37
38
39
40
41
42
43
44
45
46
47
48
49
50
51
52
53
54
55
56
57
58
59
60
61
62
63
64
65
66
Chapter 1
Isai | UrduGeoD | 1:1 | ज़ैल में वह रोयाएँ दर्ज हैं जो यसायाह बिन आमूस ने यहूदाह और यरूशलम के बारे में देखीं और जो उन सालों में मुंक़शिफ़ हुईं जब उज़्ज़ियाह, यूताम, आख़ज़ और हिज़क़ियाह यहूदाह के बादशाह थे। | |
Isai | UrduGeoD | 1:2 | ऐ आसमान, मेरी बात सुन! ऐ ज़मीन, मेरे अलफ़ाज़ पर कान धर! क्योंकि रब ने फ़रमाया है, “जिन बच्चों की परवरिश मैंने की है और जो मेरे ज़ेरे-निगरानी परवान चढ़े हैं, उन्होंने मुझसे रिश्ता तोड़ लिया है। | |
Isai | UrduGeoD | 1:3 | बैल अपने मालिक को जानता और गधा अपने आक़ा की चरनी को पहचानता है, लेकिन इसराईल इतना नहीं जानता, मेरी क़ौम समझ से ख़ाली है।” | |
Isai | UrduGeoD | 1:4 | ऐ गुनाहगार क़ौम, तुझ पर अफ़सोस! ऐ संगीन क़ुसूर में फँसी हुई उम्मत, तुझ पर अफ़सोस! शरीर नसल, बदचलन बच्चे! उन्होंने रब को तर्क कर दिया है। हाँ, उन्होंने इसराईल के क़ुद्दूस को हक़ीर जानकर रद्द किया, अपना मुँह उससे फेर लिया है। | |
Isai | UrduGeoD | 1:5 | अब तुम्हें मज़ीद कहाँ पीटा जाए? तुम्हारी ज़िद तो मज़ीद बढ़ती जा रही है गो पूरा सर ज़ख़मी और पूरा दिल बीमार है। | |
Isai | UrduGeoD | 1:6 | चाँद से लेकर तल्वे तक पूरा जिस्म मजरूह है, हर जगह चोटें, घाव और ताज़ा ताज़ा ज़रबें लगी हैं। और न उन्हें साफ़ किया गया, न उनकी मरहम-पट्टी की गई है। | |
Isai | UrduGeoD | 1:7 | तुम्हारा मुल्क वीरानो-सुनसान हो गया है, तुम्हारे शहर भस्म हो गए हैं। तुम्हारे देखते देखते परदेसी तुम्हारे खेतों को लूट रहे हैं, उन्हें यों उजाड़ रहे हैं जिस तरह परदेसी ही कर सकते हैं। | |
Isai | UrduGeoD | 1:8 | सिर्फ़ यरूशलम ही बाक़ी रह गया है, सिय्यून बेटी अंगूर के बाग़ में झोंपड़ी की तरह अकेली रह गई है। अब दुश्मन से घिरा हुआ यह शहर खीरे के खेत में लगे छप्पर की मानिंद है। | |
Isai | UrduGeoD | 1:9 | अगर रब्बुल-अफ़वाज हममें से चंद एक को ज़िंदा न छोड़ता तो हम सदूम की तरह मिट जाते, हमारा अमूरा की तरह सत्यानास हो जाता। | |
Isai | UrduGeoD | 1:10 | ऐ सदूम के सरदारो, रब का फ़रमान सुन लो! ऐ अमूरा के लोगो, हमारे ख़ुदा की हिदायत पर ध्यान दो! | |
Isai | UrduGeoD | 1:11 | रब फ़रमाता है, “अगर तुम बेशुमार क़ुरबानियाँ पेश करो तो मुझे क्या? मैं तो भस्म होनेवाले मेंढों और मोटे-ताज़े बछड़ों की चरबी से उकता गया हूँ। बैलों, लेलों और बकरों का जो ख़ून मुझे पेश किया जाता है वह मुझे पसंद नहीं। | |
Isai | UrduGeoD | 1:12 | किसने तुमसे तक़ाज़ा किया कि मेरे हुज़ूर आते वक़्त मेरी बारगाहों को पाँवों तले रौंदो? | |
Isai | UrduGeoD | 1:13 | रुक जाओ! अपनी बेमानी क़ुरबानियाँ मत पेश करो! तुम्हारे बख़ूर से मुझे घिन आती है। नए चाँद की ईद और सबत का दिन मत मनाओ, लोगों को इबादत के लिए जमा न करो! मैं तुम्हारे बेदीन इजतिमा बरदाश्त ही नहीं कर सकता। | |
Isai | UrduGeoD | 1:14 | जब तुम नए चाँद की ईद और बाक़ी तक़रीबात मनाते हो तो मेरे दिल में नफ़रत पैदा होती है। यह मेरे लिए भारी बोझ बन गई हैं जिनसे मैं तंग आ गया हूँ। | |
Isai | UrduGeoD | 1:15 | बेशक अपने हाथों को दुआ के लिए उठाते जाओ, मैं ध्यान नहीं दूँगा। गो तुम बहुत ज़्यादा नमाज़ भी पढ़ो, मैं तुम्हारी नहीं सुनूँगा, क्योंकि तुम्हारे हाथ ख़ूनआलूदा हैं। | |
Isai | UrduGeoD | 1:16 | पहले नहाकर अपने आपको पाक-साफ़ करो। अपनी शरीर हरकतों से बाज़ आओ ताकि वह मुझे नज़र न आएँ। अपनी ग़लत राहों को छोड़कर | |
Isai | UrduGeoD | 1:17 | नेक काम करना सीख लो। इनसाफ़ के तालिब रहो, मज़लूमों का सहारा बनो, यतीमों का इनसाफ़ करो और बेवाओं के हक़ में लड़ो!” | |
Isai | UrduGeoD | 1:18 | रब फ़रमाता है, “आओ हम अदालत में जाकर एक दूसरे से मुक़दमा लड़ें। अगर तुम्हारे गुनाहों का रंग क़िरमिज़ी हो जाए तो क्या वह दुबारा बर्फ़ जैसे उजले हो जाएंगे? अगर उनका रंग अरग़वानी हो जाए तो क्या वह दुबारा ऊन जैसे सफ़ेद हो जाएंगे? | |
Isai | UrduGeoD | 1:20 | लेकिन अगर इनकार करके सरकश हो जाओ तो तलवार की ज़द में आकर मर जाओगे। इस बात का यक़ीन करो, क्योंकि रब ने यह कुछ फ़रमाया है।” | |
Isai | UrduGeoD | 1:21 | यह कैसे हो गया है कि जो शहर पहले इतना वफ़ादार था वह अब कसबी बन गया है? पहले यरूशलम इनसाफ़ से मामूर था, और रास्ती उसमें सुकूनत करती थी। लेकिन अब हर तरफ़ क़ातिल ही क़ातिल हैं! | |
Isai | UrduGeoD | 1:22 | ऐ यरूशलम, तेरी ख़ालिस चाँदी ख़ाम चाँदी में बदल गई है, तेरी बेहतरीन मै में पानी मिलाया गया है। | |
Isai | UrduGeoD | 1:23 | तेरे बुज़ुर्ग हटधर्म और चोरों के यार हैं। यह रिश्वतखोर सब लोगों के पीछे पड़े रहते हैं ताकि चाय-पानी मिल जाए। न वह परवा करते हैं कि यतीमों को इनसाफ़ मिले, न बेवाओं की फ़रियाद उन तक पहुँचती है। | |
Isai | UrduGeoD | 1:24 | इसलिए क़ादिरे-मुतलक़ रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ज़बरदस्त सूरमा है फ़रमाता है, “आओ, मैं अपने मुख़ालिफ़ों और दुश्मनों से इंतक़ाम लेकर सुकून पाऊँ। | |
Isai | UrduGeoD | 1:25 | मैं तेरे ख़िलाफ़ हाथ उठाऊँगा और ख़ाम चाँदी की तरह तुझे पोटाश के साथ पिघलाकर तमाम मैल से पाक-साफ़ कर दूँगा। | |
Isai | UrduGeoD | 1:26 | मैं तुझे दुबारा क़दीम ज़माने के-से क़ाज़ी और इब्तिदा के-से मुशीर अता करूँगा। फिर यरूशलम दुबारा दारुल-इनसाफ़ और वफ़ादार शहर कहलाएगा।” | |
Isai | UrduGeoD | 1:27 | अल्लाह सिय्यून की अदालत करके उसका फ़िद्या देगा, जो उसमें तौबा करेंगे उनका वह इनसाफ़ करके उन्हें छुड़ाएगा। | |
Isai | UrduGeoD | 1:28 | लेकिन बाग़ी और गुनाहगार सबके सब पाश पाश हो जाएंगे, रब को तर्क करनेवाले हलाक हो जाएंगे। | |
Isai | UrduGeoD | 1:29 | बलूत के जिन दरख़्तों की पूजा से तुम लुत्फ़अंदोज़ होते हो उनके बाइस तुम शर्मसार होगे, और जिन बाग़ों को तुमने अपनी बुतपरस्ती के लिए चुन लिया है उनके बाइस तुम्हें शर्म आएगी। | |
Isai | UrduGeoD | 1:30 | तुम उस बलूत के दरख़्त की मानिंद होगे जिसके पत्ते मुरझा गए हों, तुम्हारी हालत उस बाग़ की-सी होगी जिसमें पानी नायाब हो। | |