JOB
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Chapter 27
Job | UrduGeoD | 27:2 | “अल्लाह की हयात की क़सम जिसने मेरा इनसाफ़ करने से इनकार किया, क़ादिरे-मुतलक़ की क़सम जिसने मेरी ज़िंदगी तलख़ कर दी है, | |
Job | UrduGeoD | 27:5 | मैं कभी तसलीम नहीं करूँगा कि तुम्हारी बात दुरुस्त है। मैं बेइलज़ाम हूँ और मरते दम तक इसके उलट नहीं कहूँगा। | |
Job | UrduGeoD | 27:6 | मैं इसरार करता हूँ कि रास्तबाज़ हूँ और इससे कभी बाज़ नहीं आऊँगा। मेरा दिल मेरे किसी भी दिन के बारे में मुझे मलामत नहीं करता। | |
Job | UrduGeoD | 27:7 | अल्लाह करे कि मेरे दुश्मन के साथ वही सुलूक किया जाए जो बेदीनों के साथ किया जाएगा, कि मेरे मुख़ालिफ़ का वह अंजाम हो जो बदकारों को पेश आएगा। | |
Job | UrduGeoD | 27:8 | क्योंकि उस वक़्त शरीर की क्या उम्मीद रहेगी जब उसे इस ज़िंदगी से मुंक़ते किया जाएगा, जब अल्लाह उस की जान उससे तलब करेगा? | |
Job | UrduGeoD | 27:11 | अब मैं तुम्हें अल्लाह की क़ुदरत के बारे में तालीम दूँगा, क़ादिरे-मुतलक़ का इरादा तुमसे नहीं छुपाऊँगा। | |
Job | UrduGeoD | 27:12 | देखो, तुम सबने इसका मुशाहदा किया है। तो फिर इस क़िस्म की बातिल बातें क्यों करते हो? | |
Job | UrduGeoD | 27:13 | बेदीन अल्लाह से क्या अज्र पाएगा, ज़ालिम को क़ादिरे-मुतलक़ से मीरास में क्या मिलेगा? | |
Job | UrduGeoD | 27:14 | गो उसके बच्चे मुतअद्दिद हों, लेकिन आख़िरकार वह तलवार की ज़द में आएँगे। उस की औलाद भूकी रहेगी। | |
Job | UrduGeoD | 27:15 | जो बच जाएँ उन्हें मोहलक बीमारी से क़ब्र में पहुँचाया जाएगा, और उनकी बेवाएँ मातम नहीं कर पाएँगी। | |
Job | UrduGeoD | 27:16 | बेशक वह ख़ाक की तरह चाँदी का ढेर लगाए और मिट्टी की तरह नफ़ीस कपड़ों का तोदा इकट्ठा करे, | |
Job | UrduGeoD | 27:17 | लेकिन जो कपड़े वह जमा करे उन्हें रास्तबाज़ पहन लेगा, और जो चाँदी वह इकट्ठी करे उसे बेक़ुसूर तक़सीम करेगा। | |
Job | UrduGeoD | 27:18 | जो घर बेदीन बना ले वह घोंसले की मानिंद है, उस आरिज़ी झोंपड़ी की मानिंद जो चौकीदार अपने लिए बना लेता है। | |
Job | UrduGeoD | 27:19 | वह अमीर हालत में सो जाता है, लेकिन आख़िरी दफ़ा। जब अपनी आँखें खोल लेता तो तमाम दौलत जाती रही है। | |