LUKE
Chapter 21
Luke | UrduGeoD | 21:1 | ईसा ने नज़र उठाकर देखा कि अमीर लोग अपने हदिये बैतुल-मुक़द्दस के चंदे के बक्स में डाल रहे हैं। | |
Luke | UrduGeoD | 21:2 | एक ग़रीब बेवा भी वहाँ से गुज़री जिसने उसमें ताँबे के दो मामूली-से सिक्के डाल दिए। | |
Luke | UrduGeoD | 21:3 | ईसा ने कहा, “मैं तुमको सच बताता हूँ कि इस ग़रीब बेवा ने तमाम लोगों की निसबत ज़्यादा डाला है। | |
Luke | UrduGeoD | 21:4 | क्योंकि इन सबने तो अपनी दौलत की कसरत से कुछ डाला जबकि इसने ज़रूरतमंद होने के बावुजूद भी अपने गुज़ारे के सारे पैसे दे दिए हैं।” | |
Luke | UrduGeoD | 21:5 | उस वक़्त कुछ लोग बैतुल-मुक़द्दस की तारीफ़ में कहने लगे कि वह कितने ख़ूबसूरत पत्थरों और मन्नत के तोह्फ़ों से सजी हुई है। यह सुनकर ईसा ने कहा, | |
Luke | UrduGeoD | 21:6 | “जो कुछ तुमको यहाँ नज़र आता है उसका पत्थर पर पत्थर नहीं रहेगा। आनेवाले दिनों में सब कुछ ढा दिया जाएगा।” | |
Luke | UrduGeoD | 21:7 | उन्होंने पूछा, “उस्ताद, यह कब होगा? क्या क्या नज़र आएगा जिससे मालूम हो कि यह अब होने को है?” | |
Luke | UrduGeoD | 21:8 | ईसा ने जवाब दिया, “ख़बरदार रहो कि कोई तुम्हें गुमराह न कर दे। क्योंकि बहुत-से लोग मेरा नाम लेकर आएँगे और कहेंगे, ‘मैं ही मसीह हूँ’ और कि ‘वक़्त क़रीब आ चुका है।’ लेकिन उनके पीछे न लगना। | |
Luke | UrduGeoD | 21:9 | और जब जंगों और फ़ितनों की ख़बरें तुम तक पहुँचेंगी तो मत घबराना। क्योंकि लाज़िम है कि यह सब कुछ पहले पेश आए। तो भी अभी आख़िरत न होगी।” | |
Luke | UrduGeoD | 21:10 | उसने अपनी बात जारी रखी, “एक क़ौम दूसरी के ख़िलाफ़ उठ खड़ी होगी, और एक बादशाही दूसरी के ख़िलाफ़। | |
Luke | UrduGeoD | 21:11 | शदीद ज़लज़ले आएँगे, जगह जगह काल पड़ेंगे और वबाई बीमारियाँ फैल जाएँगी। हैबतनाक वाक़ियात और आसमान पर बड़े निशान देखने में आएँगे। | |
Luke | UrduGeoD | 21:12 | लेकिन इन तमाम वाक़ियात से पहले लोग तुमको पकड़कर सताएँगे। वह तुमको यहूदी इबादतख़ानों के हवाले करेंगे, क़ैदख़ानों में डलवाएँगे और बादशाहों और हुक्मरानों के सामने पेश करेंगे। और यह इसलिए होगा कि तुम मेरे पैरोकार हो। | |
Luke | UrduGeoD | 21:15 | क्योंकि मैं तुमको ऐसे अलफ़ाज़ और हिकमत अता करूँगा कि तुम्हारे तमाम मुख़ालिफ़ न उसका मुक़ाबला और न उस की तरदीद कर सकेंगे। | |
Luke | UrduGeoD | 21:16 | तुम्हारे वालिदैन, भाई, रिश्तेदार और दोस्त भी तुमको दुश्मन के हवाले कर देंगे, बल्कि तुममें से बाज़ को क़त्ल किया जाएगा। | |
Luke | UrduGeoD | 21:20 | जब तुम यरूशलम को फ़ौजों से घिरा हुआ देखो तो जान लो कि उस की तबाही क़रीब आ चुकी है। | |
Luke | UrduGeoD | 21:21 | उस वक़्त यहूदिया के बाशिंदे भागकर पहाड़ी इलाक़े में पनाह लें। शहर के रहनेवाले उससे निकल जाएँ और देहात में आबाद लोग शहर में दाख़िल न हों। | |
Luke | UrduGeoD | 21:22 | क्योंकि यह इलाही ग़ज़ब के दिन होंगे जिनमें वह सब कुछ पूरा हो जाएगा जो कलामे-मुक़द्दस में लिखा है। | |
Luke | UrduGeoD | 21:23 | उन ख़वातीन पर अफ़सोस जो उन दिनों में हामिला हों या अपने बच्चों को दूध पिलाती हों, क्योंकि मुल्क में बहुत मुसीबत होगी और इस क़ौम पर अल्लाह का ग़ज़ब नाज़िल होगा। | |
Luke | UrduGeoD | 21:24 | लोग उन्हें तलवार से क़त्ल करेंगे और क़ैद करके तमाम ग़ैरयहूदी ममालिक में ले जाएंगे। ग़ैरयहूदी यरूशलम को पाँवों तले कुचल डालेंगे। यह सिलसिला उस वक़्त तक जारी रहेगा जब तक ग़ैरयहूदियों का दौर पूरा न हो जाए। | |
Luke | UrduGeoD | 21:25 | सूरज, चाँद और सितारों में अजीबो-ग़रीब निशान ज़ाहिर होंगे। क़ौमें समुंदर के शोर और ठाठें मारने से हैरानो-परेशान होंगी। | |
Luke | UrduGeoD | 21:26 | लोग इस अंदेशे से कि क्या क्या मुसीबत दुनिया पर आएगी इस क़दर ख़ौफ़ खाएँगे कि उनकी जान में जान न रहेगी, क्योंकि आसमान की क़ुव्वतें हिलाई जाएँगी। | |
Luke | UrduGeoD | 21:28 | चुनाँचे जब यह कुछ पेश आने लगे तो सीधे खड़े होकर अपनी नज़र उठाओ, क्योंकि तुम्हारी नजात नज़दीक होगी।” | |
Luke | UrduGeoD | 21:29 | इस सिलसिले में ईसा ने उन्हें एक तमसील सुनाई। “अंजीर के दरख़्त और बाक़ी दरख़्तों पर ग़ौर करो। | |
Luke | UrduGeoD | 21:32 | मैं तुमको सच बताता हूँ कि इस नसल के ख़त्म होने से पहले पहले यह सब कुछ वाक़े होगा। | |
Luke | UrduGeoD | 21:34 | ख़बरदार रहो ताकि तुम्हारे दिल ऐयाशी, नशाबाज़ी और रोज़ाना की फ़िकरों तले दब न जाएँ। वरना यह दिन अचानक तुम पर आन पड़ेगा, | |
Luke | UrduGeoD | 21:36 | हर वक़्त चौकस रहो और दुआ करते रहो कि तुमको आनेवाली इन सब बातों से बच निकलने की तौफ़ीक़ मिल जाए और तुम इब्ने-आदम के सामने खड़े हो सको।” | |
Luke | UrduGeoD | 21:37 | हर रोज़ ईसा बैतुल-मुक़द्दस में तालीम देता रहा और हर शाम वह निकलकर उस पहाड़ पर रात गुज़ारता था जिसका नाम ज़ैतून का पहाड़ है। | |