LUKE
Chapter 19
Luke | UrduGeoD | 19:3 | वह जानना चाहता था कि यह ईसा कौन है, लेकिन पूरी कोशिश करने के बावुजूद उसे देख न सका, क्योंकि ईसा के इर्दगिर्द बड़ा हुजूम था और ज़क्काई का क़द छोटा था। | |
Luke | UrduGeoD | 19:4 | इसलिए वह दौड़कर आगे निकला और उसे देखने के लिए अंजीर-तूत के दरख़्त पर चढ़ गया जो रास्ते में था। | |
Luke | UrduGeoD | 19:5 | जब ईसा वहाँ पहुँचा तो उसने नज़र उठाकर कहा, “ज़क्काई, जल्दी से उतर आ, क्योंकि आज मुझे तेरे घर में ठहरना है।” | |
Luke | UrduGeoD | 19:7 | यह देखकर बाक़ी तमाम लोग बुड़बुड़ाने लगे, “इसके घर में जाकर वह एक गुनाहगार के मेहमान बन गए हैं।” | |
Luke | UrduGeoD | 19:8 | लेकिन ज़क्काई ने ख़ुदावंद के सामने खड़े होकर कहा, “ख़ुदावंद, मैं अपने माल का आधा हिस्सा ग़रीबों को दे देता हूँ। और जिससे मैंने नाजायज़ तौर से कुछ लिया है उसे चार गुना वापस करता हूँ।” | |
Luke | UrduGeoD | 19:9 | ईसा ने उससे कहा, “आज इस घराने को नजात मिल गई है, इसलिए कि यह भी इब्राहीम का बेटा है। | |
Luke | UrduGeoD | 19:11 | अब ईसा यरूशलम के क़रीब आ चुका था, इसलिए लोग अंदाज़ा लगाने लगे कि अल्लाह की बादशाही ज़ाहिर होनेवाली है। इसके पेशे-नज़र ईसा ने अपनी यह बातें सुननेवालों को एक तमसील सुनाई। | |
Luke | UrduGeoD | 19:12 | उसने कहा, “एक नवाब किसी दूर-दराज़ मुल्क को चला गया ताकि उसे बादशाह मुक़र्रर किया जाए। फिर उसे वापस आना था। | |
Luke | UrduGeoD | 19:13 | रवाना होने से पहले उसने अपने नौकरों में से दस को बुलाकर उन्हें सोने का एक एक सिक्का दिया। साथ साथ उसने कहा, ‘यह पैसे लेकर उस वक़्त तक कारोबार में लगाओ जब तक मैं वापस न आऊँ।’ | |
Luke | UrduGeoD | 19:14 | लेकिन उस की रिआया उससे नफ़रत रखती थी, इसलिए उसने उसके पीछे वफ़द भेजकर इत्तला दी, ‘हम नहीं चाहते कि यह आदमी हमारा बादशाह बने।’ | |
Luke | UrduGeoD | 19:15 | तो भी उसे बादशाह मुक़र्रर किया गया। इसके बाद जब वापस आया तो उसने उन नौकरों को बुलाया जिन्हें उसने पैसे दिए थे ताकि मालूम करे कि उन्होंने यह पैसे कारोबार में लगाकर कितना इज़ाफ़ा किया है। | |
Luke | UrduGeoD | 19:17 | मालिक ने कहा, ‘शाबाश, अच्छे नौकर। तू थोड़े में वफ़ादार रहा, इसलिए अब तुझे दस शहरों पर इख़्तियार मिलेगा।’ | |
Luke | UrduGeoD | 19:20 | फिर एक और नौकर आकर कहने लगा, ‘जनाब, यह आपका सिक्का है। मैंने इसे कपड़े में लपेटकर महफ़ूज़ रखा, | |
Luke | UrduGeoD | 19:21 | क्योंकि मैं आपसे डरता था, इसलिए कि आप सख़्त आदमी हैं। जो पैसे आपने नहीं लगाए उन्हें ले लेते हैं और जो बीज आपने नहीं बोया उस की फ़सल काटते हैं।’ | |
Luke | UrduGeoD | 19:22 | मालिक ने कहा, ‘शरीर नौकर! मैं तेरे अपने अलफ़ाज़ के मुताबिक़ तेरी अदालत करूँगा। जब तू जानता था कि मैं सख़्त आदमी हूँ, कि वह पैसे ले लेता हूँ जो ख़ुद नहीं लगाए और वह फ़सल काटता हूँ जिसका बीज नहीं बोया, | |
Luke | UrduGeoD | 19:23 | तो फिर तूने मेरे पैसे बैंक में क्यों न जमा कराए? अगर तू ऐसा करता तो वापसी पर मुझे कम अज़ कम वह पैसे सूद समेत मिल जाते।’ | |
Luke | UrduGeoD | 19:24 | यह कहकर वह हाज़िरीन से मुख़ातिब हुआ, ‘यह सिक्का इससे लेकर उस नौकर को दे दो जिसके पास दस सिक्के हैं।’ | |
Luke | UrduGeoD | 19:26 | उसने जवाब दिया, ‘मैं तुम्हें बताता हूँ कि हर शख़्स जिसके पास कुछ है उसे और दिया जाएगा, लेकिन जिसके पास कुछ नहीं है उससे वह भी छीन लिया जाएगा जो उसके पास है। | |
Luke | UrduGeoD | 19:27 | अब उन दुश्मनों को ले आओ जो नहीं चाहते थे कि मैं उनका बादशाह बनूँ। उन्हें मेरे सामने फाँसी दे दो’।” | |
Luke | UrduGeoD | 19:29 | जब वह बैत-फ़गे और बैत-अनियाह के क़रीब पहुँचा जो ज़ैतून के पहाड़ पर थे तो उसने दो शागिर्दों को अपने आगे भेजकर | |
Luke | UrduGeoD | 19:30 | कहा, “सामनेवाले गाँव में जाओ। वहाँ तुम एक जवान गधा देखोगे। वह बँधा हुआ होगा और अब तक कोई भी उस पर सवार नहीं हुआ है। उसे खोलकर ले आओ। | |
Luke | UrduGeoD | 19:31 | अगर कोई पूछे कि गधे को क्यों खोल रहे हो तो उसे बता देना कि ख़ुदावंद को इसकी ज़रूरत है।” | |
Luke | UrduGeoD | 19:33 | जब वह जवान गधे को खोलने लगे तो उसके मालिकों ने पूछा, “तुम गधे को क्यों खोल रहे हो?” | |
Luke | UrduGeoD | 19:37 | चलते चलते वह उस जगह के क़रीब पहुँचा जहाँ रास्ता ज़ैतून के पहाड़ पर से उतरने लगता है। इस पर शागिर्दों का पूरा हुजूम ख़ुशी के मारे ऊँची आवाज़ से उन मोजिज़ों के लिए अल्लाह की तमजीद करने लगा जो उन्होंने देखे थे, | |
Luke | UrduGeoD | 19:38 | “मुबारक है वह बादशाह जो रब के नाम से आता है। आसमान पर सलामती हो और बुलंदियों पर इज़्ज़तो-जलाल।” | |
Luke | UrduGeoD | 19:39 | कुछ फ़रीसी भीड़ में थे। उन्होंने ईसा से कहा, “उस्ताद, अपने शागिर्दों को समझाएँ।” | |
Luke | UrduGeoD | 19:40 | उसने जवाब दिया, “मैं तुम्हें बताता हूँ, अगर यह चुप हो जाएँ तो पत्थर पुकार उठेंगे।” | |
Luke | UrduGeoD | 19:42 | और कहा, “काश तू भी इस दिन जान लेती कि तेरी सलामती किसमें है। लेकिन अब यह बात तेरी आँखों से छुपी हुई है। | |
Luke | UrduGeoD | 19:43 | क्योंकि तुझ पर ऐसा वक़्त आएगा कि तेरे दुश्मन तेरे इर्दगिर्द बंद बाँधकर तेरा मुहासरा करेंगे और यों तुझे चारों तरफ़ से घेरकर तंग करेंगे। | |
Luke | UrduGeoD | 19:44 | वह तुझे तेरे बच्चों समेत ज़मीन पर पटकेंगे और तेरे अंदर एक भी पत्थर दूसरे पर नहीं छोड़ेंगे। और वजह यही होगी कि तूने वह वक़्त नहीं पहचाना जब अल्लाह ने तेरी नजात के लिए तुझ पर नज़र की।” | |
Luke | UrduGeoD | 19:45 | फिर ईसा बैतुल-मुक़द्दस में जाकर उन्हें निकालने लगा जो वहाँ क़ुरबानियों के लिए दरकार चीज़ें बेच रहे थे। उसने कहा, | |
Luke | UrduGeoD | 19:46 | “कलामे-मुक़द्दस में लिखा है, ‘मेरा घर दुआ का घर होगा’ जबकि तुमने उसे डाकुओं के अड्डे में बदल दिया है।” | |
Luke | UrduGeoD | 19:47 | और वह रोज़ाना बैतुल-मुक़द्दस में तालीम देता रहा। लेकिन बैतुल-मुक़द्दस के राहनुमा इमाम, शरीअत के आलिम और अवामी राहनुमा उसे क़त्ल करने के लिए कोशाँ रहे, | |