Chapter 1
Mala | UrduGeoD | 1:2 | रब फ़रमाता है, “तुम मुझे प्यारे हो।” लेकिन तुम कहते हो, “किस तरह? तेरी हमसे मुहब्बत कहाँ ज़ाहिर हुई है?” सुनो रब का जवाब! “क्या एसौ और याक़ूब सगे भाई नहीं थे? तो भी सिर्फ़ याक़ूब मुझे प्यारा था | |
Mala | UrduGeoD | 1:3 | जबकि एसौ से मैं मुतनफ़्फ़िर रहा। उसके पहाड़ी इलाक़े अदोम को मैंने वीरानो-सुनसान कर दिया, उस की मौरूसी ज़मीन को रेगिस्तान के गीदड़ों के हवाले कर दिया है।” | |
Mala | UrduGeoD | 1:4 | अदोमी कहते हैं, “गो हम चकनाचूर हो गए हैं तो भी खंडरात की जगह नए घर बना लेंगे।” लेकिन रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “बेशक तामीर का काम करते जाओ, लेकिन मैं सब कुछ दुबारा ढा दूँगा। उनका मुल्क ‘बेदीनी का मुल्क’ और उनकी क़ौम ‘वह क़ौम जिस पर रब की अबदी लानत है’ कहलाएगी। | |
Mala | UrduGeoD | 1:5 | तुम इसराईली अपनी आँखों से यह देखोगे। तब तुम कहोगे, ‘रब अपनी अज़मत इसराईल की सरहद्दों से बाहर भी ज़ाहिर करता है’।” | |
Mala | UrduGeoD | 1:6 | रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “ऐ इमामो, बेटा अपने बाप का और नौकर अपने मालिक का एहतराम करता है। लेकिन मेरा एहतराम कौन करता है, गो मैं तुम्हारा बाप हूँ? मेरा ख़ौफ़ कौन मानता है, गो मैं तुम्हारा मालिक हूँ? हक़ीक़त यह है कि तुम मेरे नाम को हक़ीर जानते हो। लेकिन तुम एतराज़ करते हो, ‘हम किस तरह तेरे नाम को हक़ीर जानते हैं?’ | |
Mala | UrduGeoD | 1:7 | इसमें कि तुम मेरी क़ुरबानगाह पर नापाक ख़ुराक रख देते हो। तुम पूछते हो, ‘हमने तुझे किस बात में नापाक किया है?’ इसमें कि तुम रब की मेज़ को क़ाबिले-तहक़ीर क़रार देते हो। | |
Mala | UrduGeoD | 1:8 | क्योंकि गो अंधे जानवरों को क़ुरबान करना सख़्त मना है, तो भी तुम यह बात नज़रंदाज़ करके ऐसे जानवरों को क़ुरबान करते हो। लँगड़े या बीमार जानवर चढ़ाना भी ममनू है, तो भी तुम कहते हो, ‘कोई बात नहीं’ और ऐसे ही जानवरों को पेश करते हो।” रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “अगर वाक़ई इसकी कोई बात नहीं तो अपने मुल्क के गवर्नर को ऐसे जानवरों को पेश करो। क्या वह तुमसे ख़ुश होगा? क्या वह तुम्हें क़बूल करेगा? हरगिज़ नहीं! | |
Mala | UrduGeoD | 1:9 | चुनाँचे अब अल्लाह से इलतमास करो कि हम पर मेहरबानी कर।” रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “ख़ुद सोच लो, क्या हमारे हाथों से ऐसी क़ुरबानियाँ मिलने पर अल्लाह हमें क़बूल करेगा? | |
Mala | UrduGeoD | 1:10 | काश तुममें से कोई मेरे घर के दरवाज़ों को बंद करे ताकि मेरी क़ुरबानगाह पर बेफ़ायदा आग न लगा सको! मैं तुमसे ख़ुश नहीं, और तुम्हारे हाथों से क़ुरबानियाँ मुझे बिलकुल पसंद नहीं।” यह रब्बुल-अफ़वाज का फ़रमान है। | |
Mala | UrduGeoD | 1:11 | रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “पूरी दुनिया में मशरिक़ से मग़रिब तक मेरा नाम अज़ीम है। हर जगह मेरे नाम को बख़ूर और पाक क़ुरबानियाँ पेश की जाती हैं। क्योंकि दीगर अक़वाम में मेरा नाम अज़ीम है। | |
Mala | UrduGeoD | 1:12 | लेकिन तुम अपनी हरकतों से मेरे नाम की बेहुरमती करते हो। तुम कहते हो, ‘रब की मेज़ को नापाक किया जा सकता है, उस की क़ुरबानियों को हक़ीर जाना जा सकता है।’ | |
Mala | UrduGeoD | 1:13 | तुम शिकायत करते हो, ‘हाय, यह ख़िदमत कितनी तकलीफ़देह है!’ और क़ुरबानी की आग को हिक़ारत की नज़रों से देखते हुए तेज़ करते हो। हर क़िस्म का जानवर पेश किया जाता है, ख़ाह वह ज़ख़मी, लँगड़ा या बीमार क्यों न हो।” रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “क्या मैं तुम्हारे हाथों से ऐसी क़ुरबानियाँ क़बूल कर सकता हूँ? हरगिज़ नहीं! | |
Chapter 2
Mala | UrduGeoD | 2:2 | रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “मेरी सुनो, पूरे दिल से मेरे नाम का एहतराम करो, वरना मैं तुम पर लानत भेजूँगा, मैं तुम्हारी बरकतों को लानतों में तबदील कर दूँगा। बल्कि मैं यह कर भी चुका हूँ, क्योंकि तुमने पूरे दिल से मेरे नाम का एहतराम नहीं किया। | |
Mala | UrduGeoD | 2:3 | तुम्हारे चाल-चलन के सबब से मैं तुम्हारी औलाद को डाँटूँगा। मैं तुम्हारी ईद की क़ुरबानियों का गोबर तुम्हारे मुँह पर फेंक दूँगा, और तुम्हें उसके समेत बाहर फेंका जाएगा।” | |
Mala | UrduGeoD | 2:4 | रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “तब तुम जान लोगे कि मैंने तुम पर यह फ़ैसला किया है ताकि मेरा लावी के क़बीले के साथ अहद क़ायम रहे। | |
Mala | UrduGeoD | 2:5 | क्योंकि मैंने अहद बाँधकर लावियों से ज़िंदगी और सलामती का वादा किया था, और मैंने वादे को पूरा भी किया। उस वक़्त लावी मेरा ख़ौफ़ मानते बल्कि मेरे नाम से दहशत खाते थे। | |
Mala | UrduGeoD | 2:6 | वह क़ाबिले-एतमाद तालीम देते थे, और उनकी ज़बान पर झूट नहीं होता था। वह सलामती से और सीधी राह पर मेरे साथ चलते थे, और बहुत-से लोग उनके बाइस गुनाह से दूर हो गए। | |
Mala | UrduGeoD | 2:7 | इमामों का फ़र्ज़ है कि वह सहीह तालीम महफ़ूज़ रखें, और लोगों को उनसे हिदायत हासिल करनी चाहिए। क्योंकि इमाम रब्बुल-अफ़वाज का पैग़ंबर है। | |
Mala | UrduGeoD | 2:8 | लेकिन तुम सहीह राह से हट गए हो। तुम्हारी तालीम बहुतों के लिए ठोकर का बाइस बन गई है।” रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “तुमने लावियों के साथ मेरे अहद को ख़ाक में मिला दिया है। | |
Mala | UrduGeoD | 2:9 | इसलिए मैंने तुम्हें तमाम क़ौम के सामने ज़लील कर दिया है, सब तुम्हें हक़ीर जानते हैं। क्योंकि तुम मेरी राहों पर नहीं रहते बल्कि तालीम देते वक़्त जानिबदारी दिखाते हो।” | |
Mala | UrduGeoD | 2:10 | क्या हम सबका एक ही बाप नहीं? एक ही ख़ुदा ने हमें ख़लक़ किया है। तो फिर हम एक दूसरे से बेवफ़ाई करके अपने बापदादा के अहद की बेहुरमती क्यों कर रहे हैं? | |
Mala | UrduGeoD | 2:11 | यहूदाह बेवफ़ा हो गया है। इसराईल और यरूशलम में मकरूह हरकतें सरज़द हुई हैं, क्योंकि यहूदाह के आदमियों ने रब के घर की बेहुरमती की है, उस मक़दिस की जो रब को प्यारा है। किस तरह? उन्होंने दीगर अक़वाम की बुतपरस्त औरतों से शादी की है। | |
Mala | UrduGeoD | 2:12 | लेकिन जिसने भी ऐसा किया है उसे रब जड़ से याक़ूब के ख़ैमों से निकाल फेंकेगा, ख़ाह वह रब्बुल-अफ़वाज को कितनी क़ुरबानियाँ पेश क्यों न करे। | |
Mala | UrduGeoD | 2:13 | तुमसे एक और ख़ता भी सरज़द होती है। बेशक रब की क़ुरबानगाह को अपने आँसुओं से तर करो, बेशक रोते और कराहते रहो कि रब न हमारी क़ुरबानियों पर तवज्जुह देता, न उन्हें ख़ुशी से हमारे हाथ से क़बूल करता है। लेकिन यह करने से कोई फ़रक़ नहीं पड़ेगा। | |
Mala | UrduGeoD | 2:14 | तुम पूछते हो, “क्यों?” इसलिए कि शादी करते वक़्त रब ख़ुद गवाह होता है। और अब तू अपनी बीवी से बेवफ़ा हो गया है, गो वह तेरी जीवनसाथी है जिससे तूने शादी का अहद बाँधा था। | |
Mala | UrduGeoD | 2:15 | क्या रब ने शौहर और बीवी को एक नहीं बनाया, एक जिस्म जिसमें रूह है? और यह एक जिस्म क्या चाहता है? अल्लाह की तरफ़ से औलाद। चुनाँचे अपनी रूह में ख़बरदार रहो! अपनी बीवी से बेवफ़ा न हो जा! | |
Mala | UrduGeoD | 2:16 | क्योंकि रब्बुल-अफ़वाज जो इसराईल का ख़ुदा है फ़रमाता है, “मैं तलाक़ से नफ़रत करता हूँ और उससे मुतनफ़्फ़िर हूँ जो ज़ुल्म से मुलब्बस होता है। चुनाँचे अपनी रूह में ख़बरदार रहकर इस तरह का बेवफ़ा रवैया इख़्तियार न करो!” | |
Chapter 3
Mala | UrduGeoD | 3:1 | रब्बुल-अफ़वाज जवाब में फ़रमाता है, “देख, मैं अपने पैग़ंबर को भेज देता हूँ जो मेरे आगे आगे चलकर मेरा रास्ता तैयार करेगा। तब जिस रब को तुम तलाश कर रहे हो वह अचानक अपने घर में आ मौजूद होगा। हाँ, अहद का पैग़ंबर जिसकी तुम शिद्दत से आरज़ू करते हो वह आनेवाला है!” | |
Mala | UrduGeoD | 3:2 | लेकिन जब वह आए तो कौन यह बरदाश्त कर सकेगा? कौन क़ायम रह सकेगा जब वह हम पर ज़ाहिर हो जाएगा? वह तो धात ढालनेवाले की आग या धोबी के तेज़ साबुन की मानिंद होगा। | |
Mala | UrduGeoD | 3:3 | वह बैठकर चाँदी को पिघलाकर पाक-साफ़ करेगा। जिस तरह सोने-चाँदी को पिघलाकर पाक-साफ़ किया जाता है उसी तरह वह लावी के क़बीले को पाक-साफ़ करेगा। तब वह रब को रास्त क़ुरबानियाँ पेश करेंगे। | |
Mala | UrduGeoD | 3:5 | रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “मैं तुम्हारी अदालत करने के लिए तुम्हारे पास आऊँगा। जल्द ही मैं उनके ख़िलाफ़ गवाही दूँगा जो मेरा ख़ौफ़ नहीं मानते, जो जादूगर और ज़िनाकार हैं, जो झूटी क़सम खाते, मज़दूरों का हक़ मारते, बेवाओं और यतीमों पर ज़ुल्म करते और अजनबियों का हक़ मारते हैं। | |
Mala | UrduGeoD | 3:7 | अपने बापदादा के ज़माने से लेकर आज तक तुमने मेरे अहकाम से दूर रहकर उन पर ध्यान नहीं दिया। रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है कि मेरे पास वापस आओ! तब मैं भी तुम्हारे पास वापस आऊँगा। लेकिन तुम एतराज़ करते हो, ‘हम क्यों वापस आएँ, हमसे क्या सरज़द हुआ है?’ | |
Mala | UrduGeoD | 3:8 | क्या मुनासिब है कि इनसान अल्लाह को ठगे? हरगिज़ नहीं! लेकिन तुम लोग यही कुछ कर रहे हो। तुम पूछते हो, ‘हम किस तरह तुझे ठगते हैं?’ इसमें कि तुम मुझे अपनी पैदावार का दसवाँ हिस्सा नहीं देते। नीज़, तुम इमामों को क़ुरबानियों का वह हिस्सा नहीं देते जो उनका हक़ बनता है। | |
Mala | UrduGeoD | 3:10 | रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “मेरे घर के गोदाम में अपनी पैदावार का पूरा दसवाँ हिस्सा जमा करो ताकि इसमें ख़ुराक दस्तयाब हो। मुझे इसमें आज़माकर देखो कि मैं अपने वादे को पूरा करता हूँ कि नहीं। क्योंकि मैं तुमसे वादा करता हूँ कि जवाब में मैं आसमान के दरीचे खोलकर तुम पर हद से ज़्यादा बरकत बरसा दूँगा।” | |
Mala | UrduGeoD | 3:11 | रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “मैं कीड़ों को तुम्हारी फ़सलों से दूर रखूँगा ताकि तुम्हारे खेतों की पैदावार और तुम्हारे अंगूर ख़राब न हो जाएँ बल्कि पक जाएँ। | |
Mala | UrduGeoD | 3:12 | तब तुम्हारा मुल्क इतना राहतबख़्श होगा कि तमाम अक़वाम तुम्हें मुबारक कहेंगी।” यह रब्बुल-अफ़वाज का फ़रमान है। | |
Mala | UrduGeoD | 3:13 | रब फ़रमाता है, “तुम मेरे बारे में कुफ़र बकते हो। तुम कहते हो, ‘हम क्योंकर कुफ़र बकते हैं?’ | |
Mala | UrduGeoD | 3:14 | इसमें कि तुम कहते हो, ‘अल्लाह की ख़िदमत करना अबस है। क्योंकि रब्बुल-अफ़वाज की हिदायात पर ध्यान देने और मुँह लटकाकर उसके हुज़ूर फिरने से हमें क्या फ़ायदा हुआ है? | |
Mala | UrduGeoD | 3:15 | चुनाँचे गुस्ताख़ लोगों को मुबारक हो, क्योंकि बेदीन फलते-फूलते और अल्लाह को आज़मानेवाले ही बचे रहते हैं’।” | |
Mala | UrduGeoD | 3:16 | लेकिन फिर रब का ख़ौफ़ माननेवाले आपस में बात करने लगे, और रब ने ग़ौर से उनकी सुनी। उसके हुज़ूर यादगारी की किताब लिखी गई जिसमें उनके नाम दर्ज हैं जो रब का ख़ौफ़ मानते और उसके नाम का एहतराम करते हैं। | |
Mala | UrduGeoD | 3:17 | रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “जिस दिन मैं हरकत में आऊँगा उस दिन वह मेरी ख़ास मिलकियत होंगे। मैं उन पर यों रहम करूँगा, जिस तरह बाप अपने उस बेटे पर तरस खाता है जो उस की ख़िदमत करता है। | |
Chapter 4
Mala | UrduGeoD | 4:1 | रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “यक़ीनन वह दिन आनेवाला है जब मेरा ग़ज़ब भड़कती भट्टी की तरह नाज़िल होकर हर गुस्ताख़ और बेदीन शख़्स को भूसे की तरह भस्म कर देगा। वह जड़ से लेकर शाख़ तक मिट जाएंगे। | |
Mala | UrduGeoD | 4:2 | लेकिन तुम पर जो मेरे नाम का ख़ौफ़ मानते हो रास्ती का सूरज तुलू होगा, और उसके परों तले शफ़ा होगी। तब तुम बाहर निकलकर खुले छोड़े हुए बछड़ों की तरह ख़ुशी से कूदते फाँदते फिरोगे। | |
Mala | UrduGeoD | 4:3 | जिस दिन मैं यह कुछ करूँगा उस दिन तुम बेदीनों को यों कुचल डालोगे कि वह पाँवों तले की ख़ाक बन जाएंगे।” यह रब्बुल-अफ़वाज का फ़रमान है। | |
Mala | UrduGeoD | 4:4 | “मेरे ख़ादिम मूसा की शरीअत को याद रखो यानी वह तमाम अहकाम और हिदायात जो मैंने उसे होरिब यानी सीना पहाड़ पर इसराईली क़ौम के लिए दी थीं। | |